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गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

प्रसन्नता भरे रंगों की अभिव्यक्ति है रंगोली

रंगोली किसे नहीं भाती। भारतीय संस्कृति में शुभ कार्यों एवं रंगोली का अनन्य संबंध है। होली हो या दीवाली, रंगोली के बिना अधूरी ही मानी जाती है.रंगोली एक संस्कृत शब्द है और इसका अर्थ है ’रंगों के द्वारा अभिव्यक्ति।’ रंगों से सजी रंगोली वास्तव में प्रसन्नता की भी अभिव्यक्ति है। उत्सवों के दौरान फर्श पर कच्चे रंगों से बनाई जाने वाली रंगोली एक हिंदू लोककला है। इसका जिक्र पुराणों में भी मिलता है। प्राचीन भारत में इसे मुख्य द्वार पर अतिथियों के स्वागत हेतु बनाया जाता था। यह ‘अतिथि देवो भव‘ की परंपरा का निर्वाह करता है। आज विभिन्न त्यौहारों-उत्सवों पर रंगोली बनाना भी इसी परंपरा से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसी दौरान लोग एक-दूसरे के घर अतिथि के रूप में उपहार इत्यादि लेकर शुभकामनाएं अर्पित करने पहुँचते हैं।

किंवदंतियों के अनुसार रंगोली का उद्भव भगवान ब्रह्मा के एक वचन से जोड़ा जाता है। इसके अनुसार एक राज्य के प्रमुख पुरोहित के पुत्र की मृत्यु से दुखी राजा व प्रजा ने भगवान ब्रह्मा से प्रार्थना की कि वे उसे जीवित कर दें। भगवान ब्रह्मा ने कहा कि यदि फर्श पर कच्चे रंगों से मुख्य पुरोहित के पुत्र की आकृति बनायी जायेगी तो वह उसमें प्राण डाल देंगे और ऐसा ही हुआ। इस मान्यता के अनुसार तब से ही आटे, चावल, प्राकृतिक रंगों एवं फूलों की पंखुड़ियों के द्वारा भगवान ब्रह्मा को धन्यवाद स्वरूप रंगोली बनाने की परंपरा आरम्भ हो गयी।

रंगोली की परंपरा का आरम्भ मूलतः महाराष्ट्र से माना जाता है। फिलहाल यह अनुपम परंपरा पूरे देश में प्रचालित हो चुकी है। दक्षिण भारत में रंगोली को कोलम, उत्तर भारत में चैर पूरना, राजस्थान में मांडणा, बिहार में अरिपन अथवा अइपन एवं पश्चिम बंगाल व उड़ीसा में अल्पना के रूप में जाना जाता है। रंगोली बनाने में पिसे हुए सूखे प्राकृतिक कच्चे रंगों को आटे में मिलाकर फर्श में सुन्दर आकृतियाँ बनायी जाती हैं। रंगोली बनाने में मूलतः अंगूठे और उंगली की चुटकी का इस्तेमाल किया जाता है परन्तु उपभोक्तावाद के इस दौर में रंगोली बनाने के लिए अब विशिष्ट किस्म के रोलर भी बाजार में उपलब्ध हैं।
 
...तो आप भी इस दीवाली पर रंगोली बनाइये और आतिशबाजी के रंगों के साथ इस रंग का भी आनंद उठाइए !!
 
-आकांक्षा यादव

11 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

Rangoli ke vishay me badi hi rochak baten batayi aapne..achha laga...dhanteras aur diwali ki hardik badhayi...

Creative Manch ने कहा…

बहुत अच्छी पोस्ट !
भारतीय संस्कृति से आपने बखूबी परिचय कराया
आभार !

अभी कुछ ही दिन पहले रंगोली पर हमने एक पोस्ट प्रकाशित की थी :
http://cmindia.blogspot.com/2009/09/blog-post_25.html
कृपया हमारे द्वार पर भी दस्तक दें कभी !



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संगीता पुरी ने कहा…

त्‍यौहार के मौके पर रंगोली की रंगीली पोस्‍ट को देखकर अच्‍छा लगा !!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

रंगोली के रंगों के साथ
आपको और परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सामयिक पोस्ट.आपको और आपके परिजनों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

umda , deepawali aur dhanteras ki hardik shubhkaamnayen.

M VERMA ने कहा…

रंगोली के बारे मे सांस्कृतिक सन्दर्भो के साथ अच्छी जानकारी

शरद कोकास ने कहा…

रंगोली तो बचपन से ही दाल रहे है लेकिन उसके इन पौराणिक सन्दर्भों के बारे में पता नहीं था । धन्यवाद ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

ज्ञान वर्धन हुआ!
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आप सबको ढेरों शुभकामनाएँ!

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

रंगोली तो खुबसूरत होती ही है..उस पर से रंगोली पर इतनी खुबसूरत पोस्ट...बधाई.