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गुरुवार, 8 जुलाई 2010

अब बाघों के लिए जिम कार्बेट नहीं, काजीरंगा

जिम कार्बेट नेशनल पार्क बाघों के लिए विख्यात है पर अब यह घनत्व के मामले में नंबर वन नहीं रहा। असम के काजीरंगा पार्क ने उसे पीछे छोड़ दिया है, जो कि अब तक गैंडों के लिए सर्वाधिक मुफीद जगह मानी जाती रही है। असम वन विभाग और अरण्यक नामक संस्था द्वारा देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान के तकनीकी सहयोग से कराई गई अध्ययन रिपोर्ट के बाद हुए इस खुलासे ने सभी को चौंका दिया है. इसके मुताबिक काजीरंगा में हर 100 वर्ग किलोमीटर में 32 बाघ हैं । यह घनत्व दुनिया में सबसे ज्यादा है। 50 स्थानों पर कैमरा टैप विधि के जरिए पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच 50 दिन तक काजीरंगा पार्क केंद्र और पश्चिमी क्षेत्र में 144 वर्ग किमी इलाके के सर्वेक्षण के दौरान यह रहस्य सामने आया , जबकि इस दौरान बाघ के एक साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं गिना गया।अभी तक हुई सभी बाघ गणना रिपोर्टों के मुताबिक उत्तराखंड के कार्बेट पार्क में 19.6 बाघ प्रति सौ बर्ग किलोमीटर, राजस्थान के रणथंभौर अभयारण्य में 11.46 बाघ, नेपाल के चितवन पार्क में 8.7 और उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में 5.12 बाघ प्रति सौ वर्ग किमी में हैं ।

इसी के साथ काजीरंगा में बाघ घनत्व अपने सबसे उंचे संभावित स्तर पर पहुँच गया है. वस्तुत: इस उच्च बाघ घनत्व की वजह काजीरंगा में बाघों के लिए सांभर, बारहसिंगा और जंगली भैंस जैसे शिकार की कोई कमी न होना है। यही नहीं यहाँ के घासयुक्त मैदान बाघों को रिहाइश के लिए बहुत मुफीद भौगौलिक क्षेत्र भी उपलब्ध कराते हैं। वाकई बाघों का बढ़ना एक शुभ संकेत है, पर इन पर निगरानी रखना भी उतना ही जरुरी हो गया है. अक्सर ऐसे क्षेत्रों में बाघों द्वारा गांवों में आकर शिकार करना आम बात हो जाती है, इस ओर ध्यान देना होगा. इसी के साथ शिकारियों की निगाह भी बाघ के शिकार के लिए अब काजीरंगा की ओर हो जाएगी, जिसके लिए समुचित कदम उठाने होंगें. फ़िलहाल बाघों की संख्या बढ़ रही है, यह एक शुभ समाचार है !!

19 टिप्‍पणियां:

माधव( Madhav) ने कहा…

ये तो अच्छी खबर है

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये एक अच्छी खबर है ... पर अभी भी सामाजिक चेतना आनी ज़रूरी है ... बाघ हमारी शान हैं ...

Unknown ने कहा…

काजीरंगा में हर 100 वर्ग किलोमीटर में 32 बाघ हैं । यह घनत्व दुनिया में सबसे ज्यादा है। ...Thats Great.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

एक बार जिम कार्बेट गए थे, अब काजीरंगा भी घूम आएंगे. दिलचस्प जानकारी शेयर करने के लिए आभार.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

परिवर्तन प्रकृति का नियम है...

S R Bharti ने कहा…

वाकई बाघों का बढ़ना एक शुभ संकेत है, पर इन पर निगरानी रखना भी उतना ही जरुरी हो गया है. अक्सर ऐसे क्षेत्रों में बाघों द्वारा गांवों में आकर शिकार करना आम बात हो जाती है, इस ओर ध्यान देना होगा....यह तो एक विकट समस्या है.

बेनामी ने कहा…

हम तो दोनों जगह नहीं गए..पर जाना चाहिए.

The Straight path ने कहा…

acchi post

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Chalo, kaheen se to achchee khabar aayee.

अजय कुमार ने कहा…

अच्छी ,जानकारीपूर्ण लेख

शरद कोकास ने कहा…

यह जानकारी दर्ज की हमने ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ज्ञान बाटने का आभार ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बढ़िया जानकारी देने के लिए आभार

HBMedia ने कहा…

bahut achhi jankari..bagho ko kisi bhi prakar bachana hoga

Unknown ने कहा…

'ब्लागोत्सव-2010' द्वारा 'वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा' का ख़िताब पाने पर अक्षिता (पाखी) को बधाइयाँ. इस अवसर पर पाखी के पापा के.के. यादव जी और ममा आकांक्षा यादव जी को भी बधाई कि उन्होंने पाखी को वो परिवेश और संस्कार दिए कि पाखी को आज यह सम्मान मिला. वैसे पाखी है ही इतनी प्यारी कि लोग खींचे चले आते हैं. रविन्द्र प्रभात और आयोजन से जुड़े सभी लोगों ने पाखी को श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा का ख़िताब देकर जता दिया है कि बच्चे भी किसी से कम नहीं. आपको, के. के. जी को और पाखी को एक बार फिर से हार्दिक बधाइयाँ.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

दिलचस्प जानकारी..हम भी बाघों को नजदीक से देखने की सोच रहें हैं.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा'' का ख़िताब पाने पर अक्षिता (पाखी) को ढेर सारी बधाई और प्यार. आप यूँ ही उन्नति करती रहो.ढेरों शुभकामनायें. हमारी पार्टी कब होगी इस ख़ुशी में...

Akanksha Yadav ने कहा…

आप सभी ने इस पोस्ट को पसंद किया..आप सभी का आभार. अपना स्नेह यूँ ही बनाये रहें.

Akanksha Yadav ने कहा…

@ Ratnesh/Rashmi,

Thanks a lot !!