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शुक्रवार, 30 जनवरी 2015

बेटी की आँखों में आंसू, दिल में जज्बा ..... सलाम !

उत्तर प्रदेश का गाजीपुर ज़िला अपनी तमाम शौर्य-गाथाओं के लिए जाना जाता है। वीर अब्दुल हमीद से लेकर जम्‍मू-कश्‍मीर के त्राल में शहीद हुए कर्नल मुनीन्द्र नाथ राय तक यहाँ की एक दीर्घ ओजस्वी परम्परा रही है। मूलतः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िला के डेढ़गाँवा ग्राम निवासी, 39 साल के मुनीन्द्र नाथ राय 42वीं राष्ट्रिय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) थे। उन्हें गुरुवार को दिल्ली कैंट में अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर हर आंख नम थी। शहीद कर्नल की बेटी ने बिलखते हुए पिता को सलामी देकर अंतिम श्रद्धांजलि दी। सलामी देते वक्त कर्नल राय की बेटी ने बहादुरी दिखाते हुए गोरखा राइफल्स का युद्धघोष 'होके के होई ना, होना ही परचा' अर्थात 'होगा कि नहीं होगा, होके ही रहेगा' बोला तो हर आंख छलक आई। बेटी की आँखों में आंसू, दिल में जज्बा ..... सलाम !! 

गुरुवार, 22 जनवरी 2015

हिंदी ब्लॉगिंग का विस्तृत होता दायरा

हिंदी ब्लॉगिंग का दायरा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी तेजी से फ़ैल  रहा है।  इसी क्रम में 15 से 18 जनवरी 2015 तक भूटान की राजधानी थिम्पू और सांस्कृतिक राजधानी पारो में  चतुर्थ ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ का आयोजन किया गया। सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग ने कहा कि भूमण्डलीकरण के इस दौर में विभिन्न देशों के साहित्य, संस्कृति एवं परिवेश को ब्लागिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से न सिर्फ महसूस किया जा सकता है बल्कि उसे विस्तार भी दिया जा सकता है। उन्होंने  भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति की हालिया भूटान यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय  ब्लागर सम्मेलन को भी उसी कड़ी  में देखने की जरूरत है। सार्क समिति के महिला विंग  की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण पर आज विश्व भर में चर्चा हो रही है और ऐसे में सार्क देशों में ब्लागिंग से जुडी तमाम महिलाओं को देखना एक सुखद एहसास देता है। 

इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ और ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ब्लॉगिंग  न सिर्फ देशों और भाषाओं के बीच दूरियाॅं कम करती है बल्कि यह विभिन्न प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के विचारों को एकाकार रूप में देखने की सहूलियत भी देती है । ब्लागिंग व सोशल मीडिया के समाजिक सरोकारों पर चर्चा करते हुए इसे उन्होंने  दूर दराज के इलाकों तक भी जोडने की बात कही। असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय  ने कहा कि हिन्दी को समृद्ध करने में ब्लागिंग का महत्वपूर्ण योगदान है और इसके माध्यम से दुनिया भर के लोग हिन्दी से जुड रहे हैं। वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने अपने उद्बोधन में हिंदी ब्लॉगिंग के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए इसे पुस्तकाकार रूप में भी लिपिबद्ध करने की बात कही। 

सम्मेलन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना है। 

‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ के दौरान  उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ब्लॉगर और साहित्यकार एवं निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव, हैदराबाद की सम्पत देवी मुरारका और रायपुर छतीसगढ़ के ललित शर्मा को  सर्वोच्च 'परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान' से नवाजा गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें 25,000 की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। साथ ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अनुवादक सुनीता प्रेम यादव को परिकल्पना सार्क सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पाँच  हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जनपदों मसलन सुल्तानपुर के डॉ राम बहादुर मिश्र को परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान, बाराबंकी के  एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन व डॉ विनय दास को क्रमशः परिकल्पना सोशल मीडिया सम्मान और परिकल्पना कथा सम्मान, लखनऊ की कुसुम वर्मा को परिकल्पना लोक-संस्कृति सम्मान, बहराइच के डॉ अशोक गुलशन को परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान, रायबरेली से सूर्य प्रसाद शर्मा को परिकल्पना साहित्य सम्मान तथा हैदरगढ के ओम प्रकाश जयंत व विष्णु कुमार शर्मा को क्रमशः को परिकल्पना साहित्य श्री सम्मान व परिकल्पना सृजन श्री सम्मान तथा उन्नाव के विश्वंभरनाथ अवस्थी को परिकल्पना नागरिक सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा इंदौर के प्रकाश हिन्दुस्तानी, रायपुर के गिरीश पंकज, अल्पना देशपांडे, अदिति देशपांडे, दिल्ली की सर्जना शर्मा और निशा सिंह, मुंबई से आलोक भारद्वाज, सिल्चर की डॉ शुभदा पाण्डेय आदि के साथ-साथ  देश-विदेश के लगभग तीस ब्लॉगर्स को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए परिकल्पना सम्मान से नवाजा गया। 

इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश  वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ।  इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम। डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स। कार्यक्रम का  संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया।

शुक्रवार, 2 जनवरी 2015

वर्ष नव, हर्ष नव



वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।

नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।

नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।

गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!

(नव वर्ष पर हरिवंश राय बच्चन जी की यह कविता साभार। 
इसे जितनी बार भी पढ़िए, जीवन में नई स्फूर्ति देती है।  )






नव वर्ष पर सपरिवार आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभ कामनाएँ। नव वर्ष 2015 आप सभी के जीवन में सुख, शांति, खुशहाली एवं समृद्धि लाए !!