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मंगलवार, 5 जून 2018

विश्व पर्यावरण दिवस : एक पौधा ज़रूर लगाएं

विश्व पर्यावरण दिवस पर कोई बड़ा संकल्प भले न लें, पर एक पौधा ज़रूर लगाएं। ज़मीन में नहीं तो गमलों में ही सही..... और जो पहले लगाए थे, उनमें पानी भी दे आयें! 

यकीन मानिए, आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए कल ये ही छाँव देंगे। 
अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर पेड़ लगाने में इतने व्यस्त रहेंगे कि धरा पर पेड़-पौधे लगाना भूल जाएंगे।
 बात अगर वैश्व‍िक संकट की हो तो भले ही किसी एक व्यक्त‍ि का निर्णय बहुत छोटा लगता है, लेकिन जब अरबों लोग एक ही मकसद से आगे बढ़ते हैं, तो बड़ा परिवर्तन आता है। आज 'विश्व पर्यावरण दिवस' है, आइए संकल्प करें एक वृक्ष लगाने का ......विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए आइए हम सभी संकल्प लेते है कि हम सब अपने परिवेश को कचरा मुक्त,प्लास्टिक मुक्त,गंदगी मुक्त कर साफ-स्वच्छ और हरा-भरा बनायेंगें। आज की हमारी छोटी कोशिश भी आने वाले कल को स्वर्णिम बना सकती है।

 सांसे हो रही हैं कम
आओ पेड़ लगाएँ हम

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गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे।
-निदा फाजली



रविवार, 27 मई 2018

सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के नतीज़ों में बेटियाँ अव्वल, पर कैरियर में क्यों नहीं ??

सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के कक्षा 12 वीं के नतीज़ों में बेटियाँ फिर से अव्वल। यही साल क्यों, प्रायः हर साल इन रिजल्ट्स में बेटियाँ अव्वल रहती हैं। बेटियाँ लगातार छठवें साल अव्वल रहीं। 
लड़कियों ने इस बार भी लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया। इनका उत्तीर्ण प्रतिशत 88.31 वहीं लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 78.99 रहा। 
नोएडा के स्टेप बाई स्टेप स्कूल से मानविकी विषय की छात्रा मेघना श्रीवास्तव ने 99.8 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया है। उन्हें 500 अंकों में से 499 मिले हैं।  मेघना ने अंग्रेजी (कोर) में 99, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान में 100-100 अंक हासिल किए हैं। गाजियाबाद की अनुष्का चंद्रा ने 500 में से 498 नंबर हासिल कर दूसरे नंबर पर बाज़ी मारी है। 

 कमाल की बात यह है कि तीसरे नम्बर पर 1 या 2 नहीं इस बार 7 बच्चे हैं, जिन्होंने 500 में से 497 नंबर प्राप्त किए।  इन सात में से पांच लड़कियां हैं।  इन सबके नाम हैं चाहत बोधराज, आस्था बंबा, तनुजा कपरी, सुप्रिया कौशिक और अनन्या सिंह, वहीं दो लड़कों के नाम हैं नकुल गुप्ता और क्षितिज आनंद। 

एक तरफ यह रिजल्ट देखकर बेहद ख़ुशी होती है।  "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" से लेकर बालिका-सशक्तिकरण जैसे तमाम दावों के बावजूद कक्षा 12 के बाद ये बेटियाँ कहाँ चली जाती हैं ? यह एक अजीब विडंबना है कि शैक्षणिक (Academics) में बहुत अच्छा परफार्म करने वाली ये बेटियाँ कैरियर बनाने में पीछे रह जाती हैं या कैरियर की ऊंचाइयों पर नहीं पहुँच पाती। मां-बाप के लिए उनके कैरियर से ज्यादा उनकी शादी अहम हो जाती है। 

आख़िर, इस समाज में रोज बेटियों को अपने अस्तित्व की दुहाई देनी पड़ती है। समाज के नजरिये में आज उस बदलाव की भी जरूरत है जहाँ ये बेटियाँ पढ़ाई पूरी होने के बाद अपना मनचाहा कैरियर बना सकें और वहाँ भी सर्वोच मुकाम हासिल कर सकें।

-आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर 

सोमवार, 7 मई 2018

गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी की जयंती

अंतर मम विकसित करो 
हे अंतरयामी! 
निर्मल करो, उज्ज्वल करो, 
सुंदर करो हे!
जाग्रत करो, उद्यत करो, 
निर्भय करो हे!


भारतीय साहित्य के अद्वितीय व्यक्तित्व, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, आधुनिक भारत के असाधारण सृजनशील कलाकार,कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार एवं भारतीय राष्ट्रगान "जन-गण-मन" के रचयिता एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी (7  मई 1861-7 अगस्त 1941) की 157वीं  जयंती पर शत् शत् नमन।  

शनिवार, 5 मई 2018

अब जोधपुर में पर्यटकों के लिए बने सेल्फी प्वाइंट, दिखा सेल्फी का क्रेज

जोधपुर में शास्त्री सर्किल पार्क में लगे सेल्फी प्वाइंट का लुत्फ़। जोधपुर (राजस्थान) में आने वाले पर्यटकों  और यहाँ के यूथ्स को आकर्षित करने हेतु एक सप्ताह पूर्व 'शास्त्री सर्किल' और 'अशोक उद्यान' में सेल्फी प्वाइंट बनाये गए हैं। 
'शास्त्री सर्किल' में I Love Jodhpur तो अशोक उद्यान में I Love SunCity लिखा गया है। फ़िलहाल लोगों में इसके साथ अपनी सेल्फी और तस्वीर लेने का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है !!







कुछेक तस्वीरें सपरिवार हमारी भीं...जीवन साथी कृष्ण कुमार यादव जी और प्यारी बेटियाँ अक्षिता (पाखी) और अपूर्वा ।


मंगलवार, 1 मई 2018

क्या वाकई श्रमिक दिवस को ये महिलाएँ सेलिब्रेट करती होंगी...

क्या वाकई श्रमिक दिवस को ये महिलाएँ सेलिब्रेट करती होंगी। सिर्फ महिलाएँ ही क्यों हमारे आस-पास काम करते बाल श्रमिक से लेकर पुरुष श्रमिक तक क्या इस खास दिवस का कोई लुत्फ़ उठा पाते होंगे। 

क्या जितनी कवायद इस दिन अख़बारों के पन्ने भरने से लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया या सोशल मीडिया तक पर होती है, उसका एक भी अंश इन मजदूरों/ श्रमिकों के पास पहुँचता होगा। 

....... किसी कवि की पंक्तियाँ याद आ रही हैं-

मजदूर दिवस की छुट्टी मुबारक,
आप घर पर हैं और मजदूर काम पर.

बुधवार, 7 मार्च 2018

महिलाओं के सपनों को पंख लगा दिए फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने

देश में महिलाओं का कद आसमान छू रहा है। अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने महिलाओं के सपने को पंख लगा दिए हैं। अकेले मिग-21 फाइटर प्लेन उड़ाने वाली अवनी देश की पहली महिला बन गईं हैं। अवनी ने यह इतिहास 19 फरवरी, 2018  की सुबह ही रच दिया। अवनी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया। यह भारतीय वायुसेना और पूरे देश के लिए एक विशेष उपलब्धि है।' दुनिया के चुनिंदा देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकीं हैं। 
अवनी चतुर्वेदी के इस मिशन से पहले ही पूरी तरह मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट की जांच की। जिस समय अवनी मिग में सवार हुई अनुभवी फ्लायर्स और प्रशिक्षकों ने जामनगर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रन-वे पर अपनी आंख गड़ाए रखी। 2016 में ही तीन भारतीय महिलाएं फाइटर पायलट बनने के अपने उद्देश्य पर निकली थीं। फाइटर पायलट बनने वाली यह महिला अधिकारी अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना को वायुसेना में कमिशन किया गया था। अवनी का यह प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 'बाइसन' की तकनीकि लैंडिंग और टेक-ऑफ में काफी स्पीड रखती हैं। 

भारत में अक्टूबर 2015 में सरकार ने महिलाओं के फाइटर पायलट बनने की राह प्रशस्त कर दी थी। जिसके बाद अवनी, मोहना और भावना ने वो सीखा जिससे देश में महिलाओं की साख यकीनन आसमान छू रही है। 

मंगलवार, 6 मार्च 2018

पाकिस्तान में पहली हिन्दू दलित महिला सांसद बनीं कृष्णा कुमारी कोलही

पाकिस्तान में एक हिन्दू दलित किसान की बेटी ने उच्च सदन में सीनेटर (राज्य सभा सदस्य) का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। सिंध प्रान्त के थार में रहने वाली 39 वर्षीया कृष्णा कुमारी कोलही पाकिस्तानी संसद में चुने जाने वाली पहली हिन्दू-दलित महिला बनी हैं। कृष्णा बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की तरफ से चुनी गई हैं। पीपीपी ने कोलही  को सिंध की अल्पसंख्यक आरक्षित सीट से टिकट दिया था, जिस पर वह सांसद चुनी गईं। उनका चुना जाना पाकिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर का प्रतिनिधित्व करता है। 

कृष्णा कुमारी कोलही  सिंध प्रांत के नागरपारकर जिले के दूर-दराज के एक गांव से ताल्लुक रखती हैं। गरीब किसान जुग्नो कोल्ही के यहां फरवरी 1979 में जन्मी कोलही और उनके परिवार के लोगों को उमरकोट जिले के कुनरी के जमीदार के निजी जेल में करीब तीन साल गुजारने  पड़े थे। जब वह बंदी बनाई गई थीं तब कक्षा  3 की छात्रा थीं। 16 वर्ष की उम्र में जब वह 9वीं कक्षा  में पढ़ रही थीं तब लालचंद नाम के शख्स के साथ उनकी शादी हो गई। हालांकि उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और सिंध विश्वविद्यालय से 2013 में समाजशास्त्र विषय में मास्टर डिग्री की। उन्होंने अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को ज्वाइन किया था, जो कि बाद में यूनियन काउंसिल बेरानो के  चेयरमैन चुने गए। 

कृष्णा कुमारी कोलही ने थार और अन्य जगहों पर हाशिये पर रहने वाले दलित समुदाय के लोगों के अधिकारों के लिए सक्रिय तौर पर काम किया। वह बहादुर स्वतंत्रता सेनानी रूपलो कोल्ही के परिवार से हैं, जिन्होंने 1857 में नागरपारकर से सिंध में आक्रमणकारी ब्रिटिश उपनिवेशवादी बलों के हमला करने पर उनके खिलाफ युद्ध किया था। इसके बाद, 22 अगस्त 1858 को उन्हें अंग्रेजों के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और फांसी दे दी गई थी।

गौरतलब है कि पाकिस्तान की ‘पहली महिला हिन्दू’ मेंबर ऑफ़ नेशनल एसेंबली (लोकसभा सांसद) रीता ईश्वर लाल हैं, जो 2013 में महिलाओं के लिए रिज़र्व सिंध की NA-319 सीट से चुनी गईं। रत्ना भगवान दास चावला पाकिस्तान की पहली महिला हिन्दू सीनेटर (2006-2012) रह चुकी हैं पर वे दलित हिन्दू नहीं थीं।  इन्हें भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी  ने ही सीनेटर बनाया था।