tag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post8213260394686348712..comments2023-11-24T11:09:23.683+05:30Comments on शब्द-शिखर: धर्म का लबादा ओढ़े ये मानवता के भक्षकAkanksha Yadavhttp://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-60625282929720136112010-05-14T13:21:35.684+05:302010-05-14T13:21:35.684+05:30चिंतनीय विषय... अहम् मुद्दा...आभार.चिंतनीय विषय... अहम् मुद्दा...आभार.editor : guftguhttps://www.blogger.com/profile/05292812872036055367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-38258008740198179472010-03-17T13:00:37.819+05:302010-03-17T13:00:37.819+05:30आपकी प्रतिक्रियाएं आपकी संवेदना और सचेतना को दर्शा...आपकी प्रतिक्रियाएं आपकी संवेदना और सचेतना को दर्शाती हैं..आभार !!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-2485819989779996062010-03-15T12:22:55.230+05:302010-03-15T12:22:55.230+05:30यह बेहद घिनौना कार्य है. सही कहा आपने रक्षक ही भक्...यह बेहद घिनौना कार्य है. सही कहा आपने रक्षक ही भक्षक बन गए हैं.हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature Worldhttps://www.blogger.com/profile/03921573071803133325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-12813020267810162882010-03-15T12:21:45.347+05:302010-03-15T12:21:45.347+05:30ऐसी शर्मनाक घटनाओं पर प्रशासन को भी कड़े कदम उठाने ...ऐसी शर्मनाक घटनाओं पर प्रशासन को भी कड़े कदम उठाने चाहिए, पर शायद ऐसा नहीं होता है. जिससे कि एक गलत सन्देश जाता है.S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-26172709625570341652010-03-15T12:20:05.434+05:302010-03-15T12:20:05.434+05:30हम तो कानपुर से ही हैं. यह खबर पढ़ी थी. वाकई आज कान...हम तो कानपुर से ही हैं. यह खबर पढ़ी थी. वाकई आज कानपुर अपराधों के लिए कुख्यात है. महिला मुख्यमंत्री होते हुए भी कानपुर में महिलाओं की दुर्दशा...सोचने पर मजबूर करती है.Shahrozhttps://www.blogger.com/profile/09298590445316914641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-57449977152765054582010-03-14T20:01:39.976+05:302010-03-14T20:01:39.976+05:30धर्म के नाम पर पाखंड तो ये लोग लम्बे समय से कर रहे...धर्म के नाम पर पाखंड तो ये लोग लम्बे समय से कर रहें हैं. इसकी अड़ में व्यभिचार पहले छुप जाता था, अब दिखने लगा है. लोग भी जागरूक हो गए हैं, अत : इसकी आड में लोगों को लम्बे समय तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता.Ram Shiv Murti Yadavhttps://www.blogger.com/profile/14132527541648964036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-88567939026118990422010-03-13T11:11:24.456+05:302010-03-13T11:11:24.456+05:30आस्था की बात अलग है लेकिन विकृत मानसिकता के बहुत स...आस्था की बात अलग है लेकिन विकृत मानसिकता के बहुत से लोग हो सकते हैं । ऐसे लोगों को पहचानना ज़रूरी है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-18248531082824269862010-03-11T10:40:45.534+05:302010-03-11T10:40:45.534+05:30RAJNISH PARIHAR said...
धर्म की आड़ लेकर ही ये ढो...RAJNISH PARIHAR said... <br />धर्म की आड़ लेकर ही ये ढोंगी अपना खेल बेरोकटोक चलाते रहते है!ये घटनायें आम हो गई हैं..पुलिस और नेता तो पहले ही मिले हुए है,हाँ दवाब पड़ने या अन्य कारणों से ही ये बेनकाब हो पाते है!अब समय आ गया है जब ऐसे ढोंगियों को भी साधू समाज निकल बाहर करे..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-14290093444092442332010-03-11T10:40:23.777+05:302010-03-11T10:40:23.777+05:30कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra) said...
निर्मल...कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra) said... <br />निर्मला जी की बात से सहमत हूँ.. जरूर ही धर्म के नाम पर सामान्य शारीरिक जनमानस का शारीरिक, आर्थिक, और आत्मिक शोषण न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि खौफ़नाक भी है.. और यूपी-बिहार में तो प्रचुर भी..<br /><br />आपका कानपुर आज भी वैसा ही है, जैसा आप छोड़कर गई थीं.. बस ये घटनायें आम हो गई हैं..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-3288324754293307742010-03-11T10:39:57.965+05:302010-03-11T10:39:57.965+05:30निर्मला कपिला said...
आकांक्षा जी मुझे तो लगता है...निर्मला कपिला said... <br />आकांक्षा जी मुझे तो लगता है कि जितना दुराचार धर्म की आढ मे हो रहा है उतना कहीं नही। इस के लिये हम लोग ही सब से अधिक जिम्मेदार हैं जो इनके कुकृत्यों को नज़रान्दाज़ करते रहते हैं । और ये लोग लोगों को मूर्ख बनाते रहते हैं कि गुरू बिना गत नही। मगर लोग नही समझते कि गुरू के होने से गत नही दुर्गत हो रही है<br />धर्मस्थलों पर भी यही सब होता है। बहुत सही लिखा आपने धन्यवाद्Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-9280884882676246482010-03-11T10:39:39.315+05:302010-03-11T10:39:39.315+05:30आकांक्षा जी, आपकी यह पोस्ट शब्द-शिखर पर भी पढ़ रहा ...आकांक्षा जी, आपकी यह पोस्ट शब्द-शिखर पर भी पढ़ रहा था. वहां भी कुछ रोचक कमेन्ट हैं, साभार यहाँ पेस्ट कर रहा हूँ. इससे परिचर्चा को सही आयाम मिल सकेगा-Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-10069901893231158652010-03-11T10:36:51.110+05:302010-03-11T10:36:51.110+05:30अभी दिल्ली के ढोंगी बाबा, कर्नाटक का ढोंगी स्वामी....अभी दिल्ली के ढोंगी बाबा, कर्नाटक का ढोंगी स्वामी..अब ये कनपुरिये पुजारी. मानवता के नाम पर कलंक ऐसे लोग धर्म को सेक्स का जरिया बना लिए हैं. इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-87176698420442650182010-03-11T10:34:26.116+05:302010-03-11T10:34:26.116+05:30उन्होंने आवरण कितना भी बढ़िया ओढ़ रखा हो, पर मानसि...उन्होंने आवरण कितना भी बढ़िया ओढ़ रखा हो, पर मानसिकता कुत्सित ही होती है. मंदिर में बैठे पुजारी से लेकर बड़े-बड़े धर्माचार्य तक सब लम्बे-लम्बे उपदेश देते हैं, पर खुद के ऊपर इनका कोई संयम नहीं होता. ऐसे लोग समाज के नाम पर कोढ़ ही कहे जायेंगें. <br />__________________<br />एकदम सही विश्लेषण !!Shyamahttps://www.blogger.com/profile/15780650583480468092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-58108430629301341342010-03-11T10:33:01.088+05:302010-03-11T10:33:01.088+05:30धर्म की आड में ये घिनौना खेल प्राचीन समय से ही चल ...धर्म की आड में ये घिनौना खेल प्राचीन समय से ही चल रहा है. कभी ब्राह्मणों-क्षत्रियों ने अपनी वासना पूर्ति के लिए इसकी आड में लोगों का शोषण किया और उन्हीं की परंपरा को उनके वंशज भी निभा रहे हैं. नारी की देह से खेलने में तो देवता भी पीछे नहीं रहे. समाज की इस संरचना को बदलने की जरुरत है. लोगों को जागरूक करने की जरुरत है.Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-23701620744406451342010-03-11T10:27:11.285+05:302010-03-11T10:27:11.285+05:30शर्मनाक और खौफनाक भी.शर्मनाक और खौफनाक भी.मन-मयूरhttps://www.blogger.com/profile/17368103957948539533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-51362233239327195522010-03-11T09:58:39.267+05:302010-03-11T09:58:39.267+05:30बेहद शर्मनाक है ये.बेहद शर्मनाक है ये.Bhanwar Singhhttps://www.blogger.com/profile/15075816337973720075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-2326507202385971032010-03-11T09:58:29.970+05:302010-03-11T09:58:29.970+05:30बेहद शर्मनाक है ये.बेहद शर्मनाक है ये.Bhanwar Singhhttps://www.blogger.com/profile/15075816337973720075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-38893871239579611172010-03-11T09:57:22.533+05:302010-03-11T09:57:22.533+05:30अपने चारों तरफ देखें तो ऐसी घटनाएँ रोज घटती हैं, ज...अपने चारों तरफ देखें तो ऐसी घटनाएँ रोज घटती हैं, जिनसे मानवता शर्मसार होती है. पर धर्म के पहरुये ही जब मानवता के भक्षक बन जाएँ तो क्या कहा जाय...??? दुर्भाग्य से समाज में ऐसे ढोंगी बाबाओं की संख्या बढ़ रही है. ऐसे नासूरों के लिए कड़े कदम उठाने की जरुरत है.Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7291505309636252413.post-2554491774510377062010-03-10T18:10:45.229+05:302010-03-10T18:10:45.229+05:30AISA KARNE WALI PUJARI KO GOLI MAR DENI CHAIYE...
...AISA KARNE WALI PUJARI KO GOLI MAR DENI CHAIYE...<br />SARE BAAZAR ME.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com