मंगलवार, 25 अगस्त 2009

511 साल का टूथब्रश

टूथब्रश मानव की दिनचर्या का अहम् हिस्सा है। बिना इसके तो दिन की शुरूआत भी नहीं होती। एक सर्वे की माने तो एक व्यक्ति पूरे जीवन में 38 दिन मात्र टूथब्रश करने में खर्च कर देता है। टूथब्रश को लेकर तमाम बातें कही जाती हैं। मसलन, 9 साल तक के बच्चों को कम से कम दो मिनट एवं उससे बड़े लोगों को 3-5 मिनट तक दांतों को ब्रश करना चाहिए। टूथब्रश को दांतों पर बहुत दबाकर नहीं इस्तेमाल करना चाहिए, बल्कि इसका शार्ट वाइब्रेटरी और सर्कुलर मूवमेन्ट होना चाहिए। टूथब्रश को ट्वायलेट सीट से करीब 6 फीट दूर रखना चाहिए ताकि ट्वायलेट फ्लश करने के पश्चात हवा में घुलने वाले तत्वों से टूथब्रश को संक्रमित होने से बचाया जा सके।

सभ्यता के विकास के साथ ही मानव ने दांतों को साफ करने के लिए तमाम तरीके इजाद किये। दांतों को साफ करने का प्रथम प्रमाण 3500 ईसा पूर्व बेबीलोन में मिलता है, जहां इसके लिए लोग च्विइंगस्टिक इस्तेमाल थे। ग्रीक और रोमन काल में टूथपिक नुमा चीज को चबाकर दांत साफ किये जाने के प्रमाण मिले हैं। कालांतर में सुगंधित और औषधीय पेड़ों की पतली टहनियों को दातुन रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। भारतीय गांवों में आज भी नीम व बबूल की दातून बहुतायत में इस्तेमाल होती है।

टूथब्रश का सफरनामा भी बड़ा रोमांचक है। सर्वप्रथम 1498 में चीन के राजा ने पहले टूथब्रश का निर्माण कराया था। यह टूथब्रश पतली हड्डी के एक सिरे पर सुअर का बाल लगाकर बनाया गया था। 16वीं शताब्दी के अंत तक इसी प्रकार के टूथब्रश इस्तेमाल होते रहे और यह मात्र राजा-महाराजा और धनी लोगों द्वारा ही इस्तेमाल होता था। 17वीं सदी में चीन यात्रा पर गये यूरोप के कुछ यात्रियों ने इस टूथब्रश को देखा और थोड़े फेरबदल के साथ इसे निर्मित कर इस्तेमाल में लाने लगे। इसी दौरान यूरोप में एक खास किस्म के कपड़े के टुकड़े से दांत साफ करने का चलन भी चला। सभ्यता के विकास के साथ ही जानवर के बालों से बने टूथब्रश में लगातार परिवर्तन होते रहे। 1780 में इंग्लैंड में विलियम एडीस ने बड़े स्तर पर टूथब्रश का निर्माण आरम्भ किया और इसी के साथ पश्चिमी देशों में इसका चलन बढ़ने लगा। वर्ष 1850 में अमेरिकी नागरिक एचएन वर्ड्सवर्थ ने टूथब्रश के डिजाइन का पेटेन्ट कराया और 1885 में अमेरिका में व्यवसायिक स्तर पर इसका उत्पादन आरम्भ हो गया।

जानवर के बाल की बजाय टूथब्रश में नायलाॅन ब्रिसिल का इस्तेमाल पहली बार 24 फरवरी 1938 को ड्यूपांट लेबोरेटरी ने किया और इसे नाम दिया- डाक्टर वेस्ट्स मिरैकल टूथब्रश। 1939 में स्विटजरलैंड में पहले इलेक्ट्रिक टूथब्रश का निर्माण हुआ पर इसका व्यावसायिक निर्माण 1960 में अमरीका में ‘ब्राक्सोडेन्ट‘ नाम से आरम्भ हुआ। 1961 में बाजार में रिचार्जेबल कार्डलेस टूथब्रश आये। 1987 में अमेरिकी बाजारों में रोटेटरी एक्शन इलेक्ट्रिक टूथब्रश की धूम रही। इस ब्रश की विशिष्टता यह है कि इसे दांतों पर घिसना-रगड़ना नहीं पड़ता बस दांतों पर स्पर्श करा कर बटन दबाना होता है और ब्रश खुद ही घूम-घूम कर दांतों को साफ कर देता है।

फिलहाल 1498 में इजाद हुआ टूथब्रश वर्ष 2009 में 511 साल का हो चुका है और वक्त के साथ इसकी संरचना में अनेक परिवर्तन आये तथा लगातार इसकी संरचना के साथ अभी भी नये प्रयोग हो रहे हैं। आज यह मानव के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और हममें से हर किसी की सुबह इसके बिना अधूरी होती है।

28 टिप्‍पणियां:

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  2. बढिया जानकारी । क्‍या मैं आपके इस लेख का उपयोग विविध भारती के आपने कार्यक्रम में आपके ब्‍लॉग के जिक्र के सा‍थ कर सकता हूं ।

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  3. टूथ ब्रश का इतिहास अच्छी जानकारी . टूथ ब्रश में अन्दर की ओर नीले तंतु होते हैं जिनका रंग कम होने लगता है .ये जब आधे तक पहुँच जाएँ या तीन महीने में टूथ ब्रश बदल देना चाहिए .

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  4. Wah ! itani badhiya jankari ki mera tooth-brush bhi khush ho gaya.

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  5. @ Yunus ji !!
    Sure...Ap kar sakte hain...par han mujhe bhi samay bata dijiyega, taki main bhi iska anand le sakun.

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  6. @Dr Mahesh Sinha,
    ..Itani achhi advise ek badhiya Dr. hi de sakta hai...thanks a lot !!

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  8. कई बार चीजें जितनी साधारण लगती हैं, उतनी होती नहीं हैं. टूथ-ब्रश के बारे में इतनी जानकारी...आश्चर्य होता है व दिलचस्प भी लगता है.

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  9. बेनामी25 अगस्त, 2009

    दिलचस्प जानकारी. अब हम भी अपने टूथ ब्रश को हल्के में नहीं लेंगें.

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  10. उम्दा प्रस्तुति...शोधपरक जानकारी.

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  11. बडी दिलचस्प जानकारी मिली. शुभकामनाएं.

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  12. रविवार शाम चार बजे । यूथ एक्‍सप्रेस । अपना ईमेल आई डी भेजें । yunus.radiojockey@gmail.com

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  13. बढ़िया जानकारी.
    टिपण्णी में डाक्टर महेश सिन्हा द्वारा भी इसी के चलते एक और बढ़िया जानकारी मिली.
    आपका और डाक्टर साहब का हार्दिक आभार.

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  14. वाह बहुत ही दिलचस्प और रोचक जानकारी मिली टूथब्रश पर! बहुत बढ़िया लगा!

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  15. अरे वाह ! टूथ-ब्रश जी भी इतने महत्वपूर्ण हो जायेंगें, कभी सोचा न था....मजेदार पोस्ट.

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  16. ये हुई न कोई बात...अब टूथ-ब्रश जी की खिदमत में कुछ पार्टी-वार्टी हो जाये.

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  17. अच्छे बच्चे सुबह जगकर ब्रश जरुर करते हैं. वैसे ही आकांक्षा जी के ब्लॉग पर रोचक व ज्ञानवर्धक पोस्ट पढने नित्य रूप से आने पड़ता है कि कोई पोस्ट मिस न हो जाये. पर इस बार मैं पीछे रह गया. फ़िलहाल देरी से बधाई.

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  18. युनुस जी की "यूथ एक्सप्रेस" में भी शब्द-शिखर की इस पोस्ट का आनंद लिया जायेगा...आभार.

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  19. पढ़कर आश्चर्य हुआ कि आरंभ में टूथब्रश पतली हड्डी के एक सिरे पर सुअर का बाल लगाकर बनाया गया था।...खैर इस शोधपूर्ण तथा रोचक जानकारी के लिए आकांक्षा जी को साधुवाद.

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  20. नई खोजों से परिपूर्ण दिलचस्प पोस्ट.

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