मंगलवार, 7 जुलाई 2009

बारिश का मौसम और भुट्टा

बारिश का मौसम हो और भुट्टे (मक्का) की चर्चा न हो तो बात अधूरी लगती है। सड़क के किनारे खड़े होकर ठेले से भुट्टा लेने की बात याद आते ही उसकी सोधी खुशबू और भुट्टे पर बड़े मन से लगाये गये नीबू-नमक का अंदाज ही निराला होता है। पीले रंग का भुट्टा देखते ही अभी भी दिल मचल जाता है। वस्तुतः भुट्टे में कैरोटीन की मौजूदगी के कारण यह पीला होता है। भुट्टे (मक्का) को गरीबों का भोज्य पदार्थ भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है तथा खनिज और विटामिन जैसे पोटेशियम, फासफोरस, आयरन और थायसीन जैसे तत्व भी होते हैं। वैसे भी विश्व में गेहूँ के बाद सबसे ज्यादा उत्पादन मक्के का ही होता है। इतिहास में झांके तो मक्के के उत्पादन की शुरूआत मैक्सिको में वहाँ के मूल निवासियों द्वारा 10,000 वर्ष पूर्व की गई थी।


उद्योगों में मक्के (भुट्टे) के प्रचुर इस्तेमाल और इसकी फूड वेल्यू के कारण मक्का विश्व की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। भुट्टे को खाने का अंदाज निराला है और इसमें कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। भुट्टा स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमन्द है। भुट्टे में एंटी आॅक्सीडेंट की अधिकता होती है, साथ ही इसके दानों को पकाने से फूलिक एसिड मिलता है जो शरीर की कैंसर से लड़ने की क्षमता को मजबूत करता है। भुट्टे से बनने वाला ऐसे में इसके सेवन से हृदय रोगों व कैंसर की संभावना कम हो जाती है। कार्न आयल कोलेस्ट्राल कम करने में मद्दगार होता है, अतः हृदय रोगियों हेतु काफी फायदेमन्द होता है। इस कार्न आयल में पाली अंसतृप्त फैटी एसिड (55 प्रतिशत), मोनो अंसतृप्त फैटी एसिड (32प्रतिशत) होता है। पर भुट्टा सबके लिए मुफीद भी नहीं होता क्योंकि इसमें ग्लाइकेमिक इंडेक्स (ब्लड शुगर बढ़ाने की क्षमता वाला तत्व) की मात्रा ज्यादा होती है, अतः डायबिटीज के रोगियों को इससे ज्यादा दिल नहीं लगाना चाहिए।
तो चलिए बारिश के मौसम में भुट्टे का मजा लेते हैं !!!

40 टिप्‍पणियां:

  1. तो चलिए बारिश के मौसम में भुट्टे का मजा लेते हैं....Bahut sundar bat batai apne.Lajwab Post.

    जवाब देंहटाएं
  2. आपने आखिर मुँह में पानी ला ही दिया।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  3. सड़क के किनारे खड़े होकर ठेले से भुट्टा लेने की बात याद आते ही उसकी सोधी खुशबू और भुट्टे पर बड़े मन से लगाये गये नीबू-नमक का अंदाज ही निराला होता है।...Kya kahne apke.Nice Post..Thanks !!

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. भुट्टा मुझे भी बहुत भाता है. सोधी खूशबू दूर से ही ललचा देती है
    achchhi jankaari

    जवाब देंहटाएं
  6. नागपुर मे एक तालाब के किनारे की पूरी सड़क पर भुट्टे के ठेले लगते है।बेचने वाले अधिकांश रीवा मध्यप्रदेश के हैं लेकिन वंहा देसी भुट्टे नही मिलते बल्कि अमेरिकन कार्न ज्यादा बिकते हैं।पढ कर ही चख लिया भुट्टों का स्वाद्।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाकई भुट्टों की मजेदार बातें बताई आपने...कभी खाने का न्योता भी दीजिए.

    जवाब देंहटाएं
  8. वाकई भुट्टों की मजेदार बातें बताई आपने...कभी खाने का न्योता भी दीजिए.

    जवाब देंहटाएं
  9. बेनामी07 जुलाई, 2009

    अजी आपने बारिश के साथ ही भुट्टों की याद ताजा कर दी...पहले बाजार जाकर दो-चार भुट्टे खा लूं, फिर आराम से कमेन्ट लिखता हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह भुट्टा! आह भुट्टा!! आगे कुछ नहीं कहूँगा...मुँह में भुट्टा जो दबाये हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  11. बारिश का मौसम में भुट्टे की याद और साथ ही इतनी सारी जानकारी-बहुत आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने. आभार.

    गुलमोहर का फूल

    जवाब देंहटाएं
  13. vah
    pile pile bhutto ko dekhar mja aa gya .aur apne vistar se jankari aor bhutte ke fayde bhi bata diye .
    badhai
    vaise rajsthan aur madhy prdesh me bhutto ke kai vynjan bnaye jate hai
    jisme 'bhutte ka kees' to idor bajar me barho mhine milta hai .

    जवाब देंहटाएं
  14. बेनामी08 जुलाई, 2009

    भुट्टो के बारें में इतनी जानकारी.... वाह...

    चलिए अब तो हम भी चले भुट्टे खाने... फिर मिलेंगे.

    जवाब देंहटाएं
  15. भुट्टा मुझे पसन्द है,
    परन्तु शुगर के कारण खाने मे डर लगता है।
    पढ कर ही चख लिया भुट्टों का स्वाद्।
    बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह बहुत बढ़िया पोस्ट! मुझे भुट्टा बेहद पसंद है! देखकर तो मुँह में पानी आ गया!

    जवाब देंहटाएं
  17. हाँ जी भुट्टे खाने के लिये ही तो मैने नये दाँत लगवाये हैं बडिया जानकारी आभार्

    जवाब देंहटाएं
  18. भुट्टा तो किसी भी मौसम में चलेगा ..!!!
    क्या याद दिलाया आपने :))

    जवाब देंहटाएं
  19. हार्दिक शुभ कामनाएं !
    अच्छा है अंदाज़े-बयाँ।
    सुस्वागतम्।

    जवाब देंहटाएं
  20. बारिश में भुट्टा ना खाया तो क्या जिया ... पर आजकल देशी भुट्टे कहा मिल रहे ? यहाँ सूरत में भी हर जगह अमेरिकन भुट्टे ही मिलते है , इसमें वो स्वाद , वो सोंधी खुशबू कहा ?

    जवाब देंहटाएं
  21. Bahut sundar rachana..really its awesome...

    Regards..
    DevSangeet

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत काम की जानकारी दी है आपने भुट्टे के बारे में...यहाँ लोनावला में पहाड़ की चोटी पर जो भुट्टा खाने वो मिलता है वो इतना मीठा होता है की उसके सामने चीनी भी फीकी लगती है...अब जब भुट्टे के इतने गुण समझ में आ गए हैं तो इसे खूब खाऊँगा...
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  23. बहुत सुंदर लिखा आप ने इस भूट्टे के बारे, हम तो है भी पंजाब से इस लिये खुब भुट्टॆ खाते है.आप का धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  24. is jaankaari ke liye shukriya....vaiese ham to iske moodeed hain hi....!!sach...!!

    जवाब देंहटाएं
  25. Wah! Munh men pani aa gaya. or dimag bhi khul gaya
    bhut sundar rachna or bahter jankari

    जवाब देंहटाएं
  26. छोटी-छोटी बातों से बतकही कैसी की जाती है, हम सभी आपसे सीख सकते हैं...

    जवाब देंहटाएं
  27. Your blog is very nice. Yesterday we enjoyed butta with my mom and my son. I was glad to see Siddharth eating butta for the first time. Nice post!

    Thanks for the visit tp my blog, do visit again!!

    जवाब देंहटाएं
  28. मैं भुट्टे की खोज में निकल रही हूं...पहली बार उसे इतिहास की नजर से देखूंगी...मजा और महत्व का सुख एक साथ। अच्छा लगा आपका ब्लाग। अब नियमित आना होगा।

    जवाब देंहटाएं
  29. बारिश तो हो .....भुट्टा कामजा तो बारिश में ही लेना चाहिए

    जवाब देंहटाएं
  30. बारिश और भुट्टे का संग अच्छा लगता है ..

    जवाब देंहटाएं
  31. मगर इतनी अच्छी और ज्ञानवर्धक पोस्ट पर आपने सूखा भुट्टा का फोटो क्यों लगा रखा है ?
    जौनपुर से कुछ ताजे भुने भुट्टे मंग्वाये न !

    जवाब देंहटाएं
  32. bhutte khane ka maja बारिश ke mousam m,ein ही jyaada ata है............ sundar jaankaari है आपके blog par

    जवाब देंहटाएं
  33. भुट्टे का नाम सुनते ही तमाम बातें याद आने लगती हैं...यादों तो ताजा करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  34. भुट्टे का नाम सुनते ही तमाम बातें याद आने लगती हैं...यादों तो ताजा करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  35. मुझे याद है पिताजी हमारे घर के अधूरे बने दो कमरों में भुट्टे का पेड़ लगाने को कहते थे और फिर अपने हाथ के बोये भुट्टे को बरसात में नमक-नींबू और मिर्च के साथ खाना, आनंद आता था। अब न वो मिट्टी रही है और न वो स्वाद। खैर आपने महत्वपूर्ण जानकारी दी। आज ही खरीदूंगा और खाउंगा।

    जवाब देंहटाएं