मंगलवार, 22 सितंबर 2009

रक्तदान के सम्बन्ध में जागरूक करने की जरुरत

क्या आपने कभी रक्तदान किया है ? यह सवाल अक्सर लोग पूछते हैं। रक्तदान वास्तव में किसी को जीवन दान ही है। आधा लीटर रक्त तीन लोगों का जीवन बचा सकता है और एक यूनिट ब्लड में 450 मि0ली0 रक्त होता है। जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में प्रतिवर्ष 8 करोड़ यूनिट से ज्यादा रक्त, रक्तदान से जमा होता है। इसमें विकासशील देशों का योगदान 38 प्रतिशत होता है, जबकि यहाँ दुनिया कि 82 प्रतिशत आबादी रहती है.पर दुर्भाग्यवश अपना भारत इसमें काफी पिछड़ा हुआ है या यूँ कहें कि लोग जागरूक नहीं हैं। हर वर्ष भारत को 90 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, पर जमा मात्र 60 लाख यूनिट की हो पाता है। राज्यवार गौर करें तो सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य उ0प्र0 स्वैच्छिक रक्तदान के मामले में पिछडे़ राज्यों में शामिल है, जहाँ मात्र 16 प्रतिशत लोग स्वैच्छिक रक्तदान में रूचि दिखाते हैं।

मेघालय में 10, मणिपुर में 10.08, उ0प्र0 में 16 व पंजाब 19.04 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान के साथ निचले पायदान पर तो पश्चिम बंगाल (87.6), त्रिपुरा (84), तमिलनाडु (83), महाराष्ट्र (78), चण्डीगढ़ (75) की गिनती बेहतर राज्यों में की जाती है। 2433 ब्लड बैंक भी हमारी जरूरत को नहीं पूरा कर पाते। नतीजन कहीं नकली खून का कारोबार बढ़ रहा है तो कहीं रक्तदान के नाम पर गोरखध्ंधा चल रहा है।

जरूरत है इस संबंध में लोगों को जागरूक करने की और स्वयं पहल करने की ताकि स्वैच्छिक रक्तदान की प्रक्रिया को बढ़ाया जा सके और रक्त के अभाव में किसी को जीवन का दामन न छोड़ना पड़े। याद आती हैं कवि दिनेश रघुवंशी की कुछ पंक्तियाँ-

मैं हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
किसी की टूटती सांसों में हो फिर से नया जीवन
मैं बस यह जानकर अक्सर 'लहू' का दान करता हूँ !!
 
-आकांक्षा यादव

19 टिप्‍पणियां:

  1. रक्तदान को महादान कहा गया है. आपकी बातों से सहमत हूँ.

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  2. रक्तदान से जुड़े पहलुओं पर गंभीर विवेचन करती समसामयिक पोस्ट.

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  3. रक्तदान को महादान या जीवन दान कहा गया है यह सच है, लेकिन हमारे यहां लोग तो रक्त दान देने को तेयार है, लेकिन इन गोरखधंधे वालो से कोन बचाये. आप ने बहुत सुंदर बात कही, रक्तदान के संग संग बल्ड बेंक को भी इस बारे सोचना चाहिये.
    धन्यवाद

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  4. आपकी बात बिलकुल दुरुस्त है

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  5. कुमार विकल जी की कविता है यह जो सड़क पर खून बह रहा है इसे सूंघकर देखो ..हिन्दू का है या मुसलमान का .. " खून रगों मे बह्ने दीजिये सड़को पर न बहाइये

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  6. सार्थक पोस्ट है।
    चेताने के लिए धन्यवाद!

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  8. आजकल रक्त का धन्धा भी ख़ूब हो रहा है.

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  9. आकांक्षा जी, बड़ी ज्ञान की बात बताई आपने व लगे हाथ सचेत भी कर दिया. इस बार आप देर से आयीं पर दिलचस्प पोस्ट के साथ.

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  10. बेनामी26 सितंबर, 2009

    मैं हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
    किसी की टूटती सांसों में हो फिर से नया जीवन
    मैं बस यह जानकर अक्सर 'लहू' का दान करता हूँ !! ........दिल को छूती हैं पंक्तियाँ...लाजवाब पोस्ट आकांक्षा जी.

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  11. सार्थक व प्रेरक पोस्ट....हर कोई रक्त-दान की प्रेरणा ले.

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  12. Nice Post...Young-Generation ko is or motivate karne ki jarurat hai.

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  13. mai saal me 2 baar raktdaan karta hoon aur vo bhi apne 20-25 sahyogiyon ke sath. isjiye sabhi se prarthana karoonga ki saal me kam se kam 1 baar rakt-daan avashy kare.

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  14. रक्तदान को महादान या जीवन दान कहा गया है यह सच है, लेकिन हमारे यहां लोग तो रक्त दान देने को तेयार है,

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  15. रक्तदान के दोहे

    कतरा कतरा ख़ून का, जीवन की रसधार
    ख़ून अपना दे कर करो, प्राणों का संचार


    रक्त बिना नहिं जी सके, इक दिन भी इन्सान

    रक्त से अपने कीजिये, यारों जीवन दान


    रक्तदान इक फ़र्ज़ है, रक्तदान इक धर्म

    रक्तदान है दोस्तो, सबसे पावन कर्म


    मानवता के मंच से, कर दो यह ऐलान

    समय समय पर हम सभी, रक्त करेंगे दान


    तेरा पंथ युवक परिषद् का पावन अभियान

    सत्रह सेप्टेम्बर को हमें , करना है रक्तदान


    रक्तदान से रोक लो, मरणासन्न की मौत

    घर घर में जलती रहे, सबकी जीवन जोत


    धन्य धन्य वह कुल हुआ, धन्य हुआ इन्सान

    जो औरों के वास्ते, करता शोणित दान


    रक्त कहो, शोणित कहो, लहू कहो या ख़ून

    सबका मतलब एक है, जीवन का हनिमून


    रक्तदान आसान है, कठिन नहीं है यार

    17 -09 के दिन हमें, रहना है तैयार


    हँसते हँसते कीजिये, रक्तदान का काम

    ताकि दुखियों को मिले, जीवन का आराम


    रक्तदान की राह पर, निकला पूरा देश

    सारे जग में भेज दो, भारत का सन्देश


    ब्लड डोनेशन कीजिये, समय समय पर आप

    मन में आये पुण्यता, तन होगा निष्पाप


    किसी ज़रूरतमंद को, देकर अपना ख़ून

    खूब खिलाओ जगत में, जीवन के परसून


    सत्रह सेप्टेम्बर रहे, भैया सबको याद

    रक्तदान उत्सव बने, प्रसरेगा आह्लाद


    पल दो पल का काम है, रक्तदान श्रीमान

    दिनचर्या में आएगा, नहिं तनिक व्यवधान


    रक्तदान इक यज्ञ है, मानवता के नाम

    आहूति अनमोल है, लगे न कोई दाम

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