शनिवार, 16 जनवरी 2010

रानी लक्ष्मीबाई के झाँसी किले में एक दिन


(पतिदेव कृष्ण कुमार जी और पुत्री अक्षिता के साथ)
पिछले दिनों झाँसी जाने का मौका मिला, वही झाँसी जो रानी लक्ष्मीबाई के चलते मशहूर है. एक लम्बे समय से झाँसी का किला देखने की इच्छा थी, कि किस तरह उस मर्दानी ने अंग्रेजों को लोहे के चने चबवा दिए. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जाते, सारी घटनाएँ मानो जीवंत होकर आँखों के सामने छाने लगतीं. कुछ दृश्य आप लोगों के साथ बाँट रही हूँ, अपनी प्रतिक्रियाओं से अवश्य अवगत करियेगा-

(कड़क बिजली तोप पर सवार पुत्री अक्षिता)


(इसी स्थान से रानी लक्ष्मीबाई ने किले से अपने घोड़े पर बैठकर छलांग लगाई थी.)

(इस शिव-मंदिर में रानी लक्ष्मीबाई नित्य पूजा करती थीं)

(पुरोहित की वेदी के पास रखा रानी लक्ष्मीबाई का चित्र)

17 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद ! आकाक्षा जी,आपके साथ-साथ हमने भी यहीं से झांसी के किले के दर्शन कर लिये.बिटिया को तोप पर बॆठे देख,मुझे तो लगा,मनु अपने पवन घोडे पर सवार हॆ.

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  2. भाग फिरंगी भाग..झांसी की रानी आई...।

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  3. झाँसी की रानी के बारे में
    और अधिक जानने के लिए
    उल्का गुप्ता से मिलिए,
    जो झाँसी की रानी के रूप में
    आजकल सबको दर्शन दे रही हैं!
    --
    सारी घटनाएँ जीवंत होकर
    सचमुच आँखों के सामने आ जाती हैं!

    --
    लगी झूमने फिर खेतों में, कोहरे में भोर हुई!

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  4. बहुत धन्यवाद । झांसी की रानी सीरीयल भी देख रहे हैं तो यादें बहुत ताजा हैं ।

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  5. Beautiful Pictures....Kabhi mauka mila to Ghansi awashya jayenge.

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  6. बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी....आपने तो उस दृश्य को जीवंत कर दिया. अक्षिता तो वाकई कमाल की है, आपके और के.के. जी के क्या कहने.

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  7. बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी....आपने तो उस दृश्य को जीवंत कर दिया. अक्षिता तो वाकई कमाल की है, आपके और के.के. जी के क्या कहने.

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  8. बेनामी23 जनवरी, 2010

    आप तो अद्भुत दृश्य लाई. देखकर ही रोमांच पैदा होता है कि कैसे रानी लक्ष्मीबाई किले से बाहर कूदी थीं.

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  9. इस दृश्य के लिए आभार. पहली बार ब्लॉग पर पोस्ट के रूप में आपका सपरिवार चित्र देख रहा हूँ.आप रानी लक्ष्मीबाई कि तरह यशस्वी हों.

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  10. एक बार झाँसी गया था, उन दृश्यों को यहाँ पुन: देखकर अच्छा लगा. आपके ब्लॉग पर ही लक्ष्मीबाई कि असली फोटो भी देखी थी.

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  11. दुर्लभ जानकारी और
    सुन्दर छायांकन के लिए आभार!

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  12. यादगार पल, सहेजने योग्य.

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