सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

इज़हार-ए-मोहब्बत में थप्पड़

वैलेंटाइन-डे बखूबी बीत गया, यदि आप ऐसा सोचते हैं तो ग़लतफ़हमी दूर कर लें. कल 14 फरवरी जहाँ प्रेम के इजहार का दिन था वहीं आज इसी कड़ी में 'स्लैप-डे' है अर्थात थप्पड़ और चांटे खाने का दिन. यह किसी सेना या बजरंगियों की तरफ से नहीं बल्कि प्रेमिकाओं कि तरफ से होगा. अब इस दिन कितनों को थप्पड़ पड़ते हैं यह देखना भी दिलचस्प होगा। कॉलेज और यूनिवर्सिटी के युवाओं के लिए तो यह दिन बड़ा दुखदायी होगा, सो कई लोगों ने पहले से ही बहाना करके छुट्टियाँ मार ली हैं. पर कुछ प्रेमियों ने हार नहीं मानी है, बल्कि वे गाते हुए बढ़ रहे हैं कि-'जब प्यार किया तो डरना क्या'. वस्तुत: यह प्यार के इजहार के बाद का दिन है, जब यह फैसला होगा कि प्रेमिका ने प्रेमी का प्यार कबूला है या नहीं. यदि ना तो फिर थप्पड़ खाने कि तैयारी और यही है आज का "स्लैप-डे".

..पर चिंता करने कि बात नहीं है, हो सकता है आज प्रेमियों को थप्पड़ मिले, पर उसके बाद प्रेमिका को लगे कि उसने थप्पड़ मरकर अच्छा नहीं किया तो 20 फरवरी का इंतजार कीजिये. इस दिन को किसी को याद करने के लिए ’मिसिंग डे’ मनाया जाता है। हो सकता है थप्पड़ मरने के बाद भी वो आपको मिस कर रही हो.

25 टिप्‍पणियां:

  1. बड़े रोचक रूप में आपने स्लैप-डे के बारे में लिखा...मजेदार रहा.

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  2. अच्छा हुआ आपने बता दिया, नहीं तो मजा ही किरकिरा हो जाता.

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  3. दिलचस्प जानकारी. प्यार के इस खेल में थप्पड़ का भी बड़ा महत्व है.

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  4. बेनामी15 फ़रवरी, 2010

    हा..हा..हा...नो कमेन्ट.

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  5. इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने मुनाफे के चक्कर में प्यार को भी खंड-खंड में बाँट रखा है. आर्चिज हर साल इस तरह के प्रोपेगंडे लेकर सामने आती है, जिनका भारतीय संस्कृति से कोई मतलब नहीं.

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  6. वेलेंतैन डे पर बजरंगियों व शिव-सेना के थप्पड़ और उससे बच निकले तो अगले दिन प्रेमिका के थप्पड़...अब राम ही बचाएं इस कलियुग से भैया.

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  7. वेलेंतैन डे पर बजरंगियों व शिव-सेना के थप्पड़ और उससे बच निकले तो अगले दिन प्रेमिका के थप्पड़...अब राम ही बचाएं इस कलियुग से भैया.

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  8. सब प्यार की महिमा है. इसी के दम पर फलता-फूलता बाज़ार है. शहरोज जी ने सही ही लिखा है.

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  9. बच के रहने रे बाबा...भागो यहाँ से.

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  10. बड़ी अजीब दास्ताँ है ये, पर प्रेम की जंग में सब कुछ जायज है.

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  11. बड़ी अजीब दास्ताँ है ये, पर प्रेम की जंग में सब कुछ जायज है.

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  12. हम तो बड़े कन्फ्यूज हैं कि आखिर माज़रा क्या है ??

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  13. देखा डाकिया बाबू का कमाल. हमसे भिजवाया होता तो थप्पड़ खाने की नौबत नहीं आती.

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  14. चलिए थप्पड़ खाने के बाद भी "मिसिंग-डे" का सहारा रहता है. बड़ी सुन्दर जानकारी दी अपने आकांक्षा जी...आभार.

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  15. दिलचस्प जानकारी. प्यार के इस खेल में थप्पड़ का भी बड़ा महत्व है.

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  16. हा हा!!

    थप्पड़ खाने के बद कौन हिम्मती होगा जो मिसिंग डे का इन्तजार कर रहा होगा. :)


    रोचक जानकारी इन दिवसों के बारे में, आभार.

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  17. wah , aap to jagrookta diwas mana rahe hain, sab ko jagruk karke.

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  18. ..पर चिंता करने कि बात नहीं है, हो सकता है आज प्रेमियों को थप्पड़ मिले, पर उसके बाद प्रेमिका को लगे कि उसने थप्पड़ मरकर अच्छा नहीं किया तो 20 फरवरी का इंतजार कीजिये. इस दिन को किसी को याद करने के लिए ’मिसिंग डे’ मनाया जाता है। हो सकता है थप्पड़ मरने के बाद भी वो आपको मिस कर रही हो.
    waah kya selution dhondha hai...bahut badhiya likha aapne...

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  19. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  20. वाह रे ’थप्पड डे"...मज़ेदार जानकारी.

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  21. एक थप्पड़..25 कमेन्ट..वाह रे थप्पड़ की महिमा.

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  22. आप सभी की टिप्पणियों के लिए आभार ..यूँ ही अपना सहयोग व स्नेह बनाये रहें !!

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