रविवार, 21 फ़रवरी 2010

जीवन एक पुष्प समान

यह जीवन एक पुष्प समान है. आप अपने हृदय के पटों को जितना खोलेंगें अर्थात अपनी विचारधारा को जितना विकसित करेंगें, वह समाज को उतना ज्यादा सुवासित करेगी !!

25 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक बात...खूबसूरत चित्र.

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  2. मासूम अभिव्यक्ति. कई बार चित्र भी बहुत कुछ कह जाते हैं.

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  3. मासूम अभिव्यक्ति. कई बार चित्र भी बहुत कुछ कह जाते हैं.

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  4. आपकी बात का जवाब नहीं. थोड़े में बड़ी बात.

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  5. आप अपने हृदय के पटों को जितना खोलेंगें अर्थात अपनी विचारधारा को जितना विकसित करेंगें, वह समाज को उतना ज्यादा सुवासित करेगी...Nice Thought.

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  6. खूबसूरत गुलाब.गहन अनुभूति.

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  7. आकांक्षा जी अपने तो बड़ी दूर की बात कह दी. इसे जीवन में उतारने की जरुरत है.

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  8. इसे कहते हैं बोलते चित्र....

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  9. अंडमान के प्राकृतिक सौंदर्य का असर दिख रहा है, जारी रहे तो उत्तम.

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  10. बिंदास कहा अपने. हम भी ऐसा ही सोचते हैं.

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  11. बेनामी21 फ़रवरी, 2010

    कभी कविता, कभी लेख व कभी चित्रों में बात...खूबसूरत सन्देश.

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  12. बेनामी21 फ़रवरी, 2010

    कभी कविता, कभी लेख व कभी चित्रों में बात...खूबसूरत सन्देश.

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  13. आप सभी के भाव-पुंज के लिए आभार. अपना स्नेह बनाये रखें.

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  14. आभार इन सदविचारों का!

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  15. बहुत ही खूबसूरत विचार, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  16. सार्थक बात...खूबसूरत चित्र.

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  17. आपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....

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  18. आकांक्षा जी, 'इण्डिया टुडे' के नवीनतम 3 मार्च अंक में इण्डिया टुडे स्त्री परिशिष्ट में आपकी 03 कवितायेँ पढ़ीं, वाकई दिल को छूती हैं..बधाई.

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