गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

अब करेंसी नोट भी प्लास्टिक के

कागज के नोट तो हम सभी ने देखे होंगे, पर प्लास्टिक के नोट मात्र खिलौनों के रूप में ही देखे होंगे। आने वाले दिनों में प्लास्टिक के नोट ही दिखेंगे। ये वास्तव में पाॅलीमर ;एक तरह की प्लास्टिकद्ध के बने होंगे एवं पर्यावरण के अनुकूल भी होंगे। जरूरत पड़ने पर इनकी रिसाइकलिंग भी की जा सकती है। जहाँ कागज के नोट गंदे होकर सड़ जाते हैं, वहीं इन्हें गंदा होने पर साबुन से साफ भी किया जा सकता है। अर्थात पाॅलीमर नोटों की उम्र कागज के नोटों की अपेक्षा अधिक होगी।

पाॅलीमर नोट का विश्व में सर्वप्रथम इस्तेमाल आस्ट्रेलिया द्वारा वर्ष 1992 में आरम्भ किया गया। यहाँ तक कि चीन, नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका जैसे देशों में भी पाॅलीमर नोट प्रचलन में हैं। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक भी भारत में पाॅलीमर नोट आरम्भ करने की सोच रहा है। आरंभ में प्रायोगिक तौर पर इन्हें दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई व बेंगलूर जैसे महानगरों में आरंभ किया जा सकता है और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में इनका विस्तार किया जाएगा। शुरूआत दस रूपये के पाॅलीमर नोटों से की जाने की संभावना है और बाद में बड़ी करेंसी के पाॅलीमर नोट भी जारी किए जाएंगे ।

पाॅलीमर नोट से जहाँ करेंसी नोटों की आयु बढ़ेगी, वहीे इससे जाली नोटों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 1935 में 135 हजार करोड़ रूपये के सापेक्ष वर्ष 2008-09 में 7 लाख करोड़ रूपये के नोट छापे। ऐसे में रिजर्व बैंक को पाॅलीमर नोट की स्थिति में कम ही नोट छापने पड़ेंगे, क्योंकि इनके गंदे होकर नष्ट होने की संभावना काफी कम हो जाएगी।

भारत सरकार फिलहाल करेंसी नोट के कागजों का आयात करती है, जिनसे देश मंे ही कागज के नोटों का मुद्रण किया जाता है। मुख्य आपूर्तिकर्ता देश ब्रिटेन है। अब तक के इतिहास में मात्र एक बार वर्ष 1997-98 में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश से बाहर करेंसी का मुद्रण कराया था। इनमें अमेरिका की अमेरिकन नोट कंपनी, ब्रिटेन की थामस डी ला रू और जर्मनी की जीसेक एंड डेवरिएंट कंसोर्टियम से क्रमशरू 100रू0, 100रू0 व 500रू0 के कुल एक लाख करोड़ रूपये की भारतीय करेंसी छपवाई गई थी। ऐसे मामलों में कई बार जोखिम भी हो सकता है। यदि किसी कंपनी ने दिए गए आर्डर से ज्यादा संख्या में करेंसी छापकर उनका दुरूपयोग करना आरंभ किया तो अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगा। इसी प्रकार करेंसी नोटों के कागजों का स्वदेश में उत्पादन की बजाय अन्य देशों पर आपूर्ति हेतु निर्भरता खतरे से खाली नहीं कहा जा सकता। फिलहाल करेंसी नोट के उत्पादन में प्रति वर्ष 18 हजार टन कागज का प्रयोग किया जाता है। भारत सरकार ने इस संबंध में देश में ही करेंसी नोटों के कागज के उत्पादन के लिए सार्थक पहल करते हुए मैसूर में 1500 करोड़ रूपये लागत से एक कारखाना प्रस्तावित किया है, जहाँ प्रति वर्ष 12 हजार टन करेंसी नोट के कागजों का उत्पादन होना संभावित है।

25 टिप्‍पणियां:

  1. फिर इन नोटों को धोने के लिए कोई साबुन भी चाहिए ?....नया आइडिया !


    ....बढ़िया जानकारी !!!!!

    २२ अक्तूबर २०१०
    कविता मुझको समझ ना आयी ........कर रहा हूँ समझने की पढ़ाई !

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  2. नयी खबर और जानकारी ...
    शुभकामनायें !

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  3. यह तो प्लास्टिक युग मे मील का पत्थर होगा!

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  4. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 1935 में 135 हजार करोड़ रूपये के सापेक्ष वर्ष 2008-09 में 7 लाख करोड़ रूपये के नोट छापे।

    मुझे लगता हे आप ने शायद १९३५ गलत लिखा हे, बाकी बहुत अच्छा लगेगा, ओर इन गंदगी से भरे नोटो से जान बचेगी, धन्यवाद इस सुंदर जान्कारी के लिये

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  5. यह खबर समाचार पत्र में पढ़ी थी ...पर आपकी पोस्ट से और भी अधिक जानकारी मिली ...आभार

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  6. सच कहा है, कम से कम मुद्रा तो स्वदेशी हो।

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  7. कृपया इसे सब लोग नोट कर लें

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  8. कई सारे देशों में ऐसे नोट चलते हैं और काफी सफल भी हैं...ये कदम बहुत पहले उठा लेना चाहिए था...

    उदास हैं हम....

    पिछले हफ्ते आपकी दो रचनायें मेरे ब्लॉग पर प्रकाशित हुई थीं मैंने आपको सूचित भी किया था , पर लगता है शायद आपने ध्यान नहीं दिया उसका भी लिंक दे रहा हूँ...

    सुनहरी यादें.....

    आपकी टिप्पणियों का इंतज़ार रहेगा...

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  9. ye khhbar kahi padhi to thee par itni sari jaankariya.... bahut khoob...aaj yah jaankari chacha manch me le jaa rahey hai... aapka dhanyvaad .. is sundar post ke liye..

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  10. अच्छा है, अब फटे और सड़े गले नोटों का मुहँ नहीं देखना होगा :)

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  11. वाह यह तो बडी अच्छी पहल है । वैसे भी गंदे मैले नोट कोई लेना नही चाहता बैंक भी कई बार मना कर देता है ।

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  12. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    आपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

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  13. इस नेक पहल का स्वागत होना चाहिए.

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  14. दीपावली का ये पावन त्‍यौहार,
    जीवन में लाए खुशियां अपार।
    लक्ष्‍मी जी विराजें आपके द्वार,
    शुभकामनाएं हमारी करें स्‍वीकार।।

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  15. ...तब तो लक्ष्मी जी की पूजा प्लास्टिक के नोटों से होगी.

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  16. ***दीपवाली दीपों का त्यौहार है . दीप की "लौ" हमेशा ऊपर की ओर ही उठती है, हम कर्म और धर्म में ऊपर ही उठें और अन्यों को भी उठायें . "लौ " अपने को जला कर दूसरों को प्रकाश देती है, हमें भी निस्वार्थ होकर दूसरों के जीवन को प्रेमोल्लास से प्रकाशित करना है . प्रेमोल्लास की दीप मालाएं सर्वत्र एक साथ जल उठने से हमेशा हमेशा के लिए अन्धकार हमसे और हमारे समाज से दूर हो ऐसी शुभकामनाओं के साथ दीपावली पर्व पर मंगलकामनाएं ***

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  17. ๑۩۞۩๑ HAPPY DIWALI ! ๑۩۞۩๑
    "Look Outside IT's Pleasant
    LIGHTS Smiling For U
    CANDLES Dancing For U
    FAIRIES Waiting For U
    Because I Ask Them 2 Wish U"
    ๑۩۞۩๑ HAPPY DIWALI ! ๑۩۞۩

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  18. धन्यवाद इस सुंदर जान्कारी के लिये....समाचार पत्र में पढ़ी थी

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