आपके दामन से मेरा, जन्म का नाता रहा है ,
प्यार की गहराइयों का, राज बतलाता रहा है।
मौन मत बैठो कहो कुछ, आज मौसम है सुहाना,
कलखी धुन ने बजाया, प्यार का मीठा तराना।
एक सम्मोहन धरा की, मूक भाषा बोलती है,
और नभ दे दुंदुभी, नवरागिनी गाता रहा है।
आपके दामन......................।
प्यार का मकरन्द भरकर, बादलों का टोल आया,
आम की अमराइयों में, हरित ने आँचल बिछाया।
सूर्य का लुक-छुप निकलना, मुस्कराना देखकर,
मन मयूरी नृत्य कर, कर मान इतराता रहा है।
आपके दमन......................।
भाव का कोई शब्द ही तो, मेरे उर को भेदता है,
गीत की हर पंक्ति बनकर, नव सुगंध बिखेरता है।
बंसुरी की धुन बजाता है, कहीं कान्हा सुरीली,
और चितवन राधिका का, पाँव थिरकाता रहा है।
आपके दामन......................।
दीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
आज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे।
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
आपके दामन......................।
यशोधरा यादव 'यशो'
प्यार की गहराइयों का, राज बतलाता रहा है।
मौन मत बैठो कहो कुछ, आज मौसम है सुहाना,
कलखी धुन ने बजाया, प्यार का मीठा तराना।
एक सम्मोहन धरा की, मूक भाषा बोलती है,
और नभ दे दुंदुभी, नवरागिनी गाता रहा है।
आपके दामन......................।
प्यार का मकरन्द भरकर, बादलों का टोल आया,
आम की अमराइयों में, हरित ने आँचल बिछाया।
सूर्य का लुक-छुप निकलना, मुस्कराना देखकर,
मन मयूरी नृत्य कर, कर मान इतराता रहा है।
आपके दमन......................।
भाव का कोई शब्द ही तो, मेरे उर को भेदता है,
गीत की हर पंक्ति बनकर, नव सुगंध बिखेरता है।
बंसुरी की धुन बजाता है, कहीं कान्हा सुरीली,
और चितवन राधिका का, पाँव थिरकाता रहा है।
आपके दामन......................।
दीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
आज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे।
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
आपके दामन......................।
यशोधरा यादव 'यशो'
यशोधरा यादव का सुन्दर प्रेम गीत...बधाई.
जवाब देंहटाएंआत्मिक आभार आदरणीय
हटाएंखूबसूरत गीत ..
जवाब देंहटाएंआत्मिक आभार बहन संख्या जी
हटाएंअति सुंदर गीत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंsundar sabd sanrachna ke saath khubsurat prem geet...:)
जवाब देंहटाएंयह भाव सदा पल्लवित होता रहे।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर
जवाब देंहटाएंप्रेम का बहुत ही सुंदर वर्णन ........ सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गीत .
जवाब देंहटाएंदीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
जवाब देंहटाएंआज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे।
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
...बहुत सुन्दर प्रेम गीत...बधाई.
दीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
जवाब देंहटाएंआज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे।
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
...बहुत सुन्दर प्रेम गीत...बधाई.
...बहुत सुन्दर प्रेम गीत...बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया,
जवाब देंहटाएंआत्मिक आभार आदरणीय
हटाएंदीप तेरा प्यार बनकर, झिलमिलाते द्वार मेरे,
जवाब देंहटाएंआज कोयल गीत प्रियवर, गा रही उपवन सवेरे।
मन समुंदर की हिलोरे, चूमती बेताब तट की,
रूख हवाओं का विहंस कर, गुनगुनाता जा रहा है।
आपके दामन......................।
गीत सुन्दर है.
यशोधरा यादव की कुछेक कवितायेँ पढ़ी हैं, पर यहाँ अंतर्जाल पर पहली बार पढ़ा...सुखद लगा.
जवाब देंहटाएंआत्मिक आभार आदरणीय
हटाएंआप सभी लोगों को यशोधरा यादव जी के प्रेम गीत की प्रस्तुति पसंद आई...आभार !!
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय
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