रविवार, 8 मई 2011

मदर्स डे पर कृष्ण कुमार यादव की कविता : माँ

आज सुबह कुछ पहले ही नींद खुल गई. मन किया कि बाहर जाकर बैठूं. अभी सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिए थे पर ढेर सारी चिड़िया कलरव कर रही थीं. मौसम में हलकी सी ठण्ड थी, शायद रात में बारिश हुई थी. अचानक दिमाग में ख्याल आया कि हम लोग भी घर से कितने दूर हैं. एक ऐसी जगह जहाँ सारे रिश्ते बेगाने हैं. एक-दो साल बाद हम लोग भी यहाँ से चले जायेंगे. इन सबके बीच घर की याद आई तो मम्मी का चेहरा आँखों के सामने घूम गया. कभी सोचा भी ना था की मम्मी से एक दिन इतने दूर जायेंगे, पर दुनिया का रिवाज है. शादी के बाद सबको अपनी नई दुनिया में जाना होता है, बस रह जाती हैं यादें. पर यादें जीवन भर नहीं छूटतीं , हमें अपने आगोश में लिए रहती हैं. ..पर आज पता नहीं क्यों सुबह-सुबह मम्मी की खूब याद आ रही थी. सोचा कि फोन करूँ तो याद आया कि वहाँ तो अभी सभी लोग सो रहे होंगे. सामने नजर दौडाई तो पतिदेव कृष्ण कुमार जी का काव्य-संग्रह 'अभिलाषा' दिखी. पहला पन्ना पलटते ही 'माँ' कविता पर निगाहें ठहर गईं. एक बार नहीं कई बार पढ़ा. वाकई यह कविता दिल के बहुत करीब लगी. अंतर्मन के मनोभावों को बखूबी संजोया गया है इस अनुपम कविता में. सौभाग्यवश आज मई माह का दूसरा रविवार है और इसे दुनिया में मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है. तो आज इस विशिष्ट दिवस पर माँ को समर्पित यही कविता आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ-


मेरा प्यारा सा बच्चा
गोद में भर लेती है बच्चे को
चेहरे पर नजर न लगे
माथे पर काजल का टीका लगाती है
कोई बुरी आत्मा न छू सके
बाँहों में ताबीज बाँध देती है।

बच्चा स्कूल जाने लगा है
सुबह से ही माँ जुट जाती है
चैके-बर्तन में
कहीं बेटा भूखा न चला जाये।
लड़कर आता है पड़ोसियों के बच्चों से
माँ के आँचल में छुप जाता है
अब उसे कुछ नहीं हो सकता।

बच्चा बड़ा होता जाता है
माँ मन्नतें माँगती है
देवी-देवताओं से
बेटे के सुनहरे भविष्य की खातिर
बेटा कामयाबी पाता है
माँ भर लेती है उसे बाँहों में
अब बेटा नजरों से दूर हो जायेगा।

फिर एक दिन आता है
शहनाईयाँ गूँज उठती हैं
माँ के कदम आज जमीं पर नहीं
कभी इधर दौड़ती है, कभी उधर
बहू के कदमों का इंतजार है उसे
आशीर्वाद देती है दोनों को
एक नई जिन्दगी की शुरूआत के लिए।

माँ सिखाती है बहू को
परिवार की परम्परायें व संस्कार
बेटे का हाथ बहू के हाथों में रख
बोलती है
बहुत नाजों से पाला है इसे
अब तुम्हें ही देखना है।

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।


( कृष्ण कुमार यादव जी के प्रथम काव्य-संग्रह "अभिलाषा" से साभार)

17 टिप्‍पणियां:

  1. पूरी जिन्दगी जीती एक माँ की कहानी , बेहतरीन कविता के लिए कृष्ण कुमार जी को बधाई,आपको प्रस्तुति के लिए

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  2. सुन्दर सलोने शब्द, सबसे सलोनी माँ के लिये।

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  3. बहुत खूबसूरत कविता को आपने पाठकों तक पहुंचाया है ...आभार

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  4. सार्थक पोस्ट के लिए आपका आभार मदर्स डे पर सभी माताओं को मेरी ओर शुभकामनायें...

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  5. सुंदर अभिव्यक्ती.

    मेरे ब्लॉग दुनाली पर देखें-
    मैं तुझसे हूँ, माँ

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  6. बहुत सुन्दर रचना!
    --
    मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
    --
    बहुत चाव से दूध पिलाती,
    बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
    सीधी सच्ची मेरी माता,
    सबसे अच्छी मेरी माता,
    ममता से वो मुझे बुलाती,
    करती सबसे न्यारी बातें।
    खुश होकर करती है अम्मा,
    मुझसे कितनी सारी बातें।।
    "नन्हें सुमन"

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  7. बहुत हृदयस्पर्शी कविता ...

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  8. बहुत खूबसूरत कविता,रचनाकार को और प्रस्तुति हेतु आपको बहुत धन्यवाद.

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  9. sanskaron ka nam he maa hai .khushnashibon ko milata hai isaka daman .

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  10. सुन्दर रचना...


    मातृदिवस की शुभकामनाएँ..

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  11. माँ इस दुनिया में सबसे अनमोल रत्न होती है. कहते हैं ईश्वर ने अपनी प्रतिमूर्ति के रूप में माँ को इस धरती पर भेजा है. आइये हम सभी माँ का सम्मान करना सीखें.

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  12. माँ के बिना जग ये सूना...सुन्दर प्रस्तुति..साधुवाद. मातृदिवस की शुभकामनाएँ.

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  13. के.के. जी को इस अनुपम रचना के लिए बधाई. आपकी यह रचना 'कविता कोश' पर भी पढ़ी थी.

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  14. माँ के प्रति सुन्दर भाव. कविता के लिए के.के. यादव जी को ढेरों बधाई.

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  15. एहसास की सुन्दर अभिव्यक्ति है। मातृ दिवस की बधाई

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  16. माँ की खुशी भरी आँखों से
    आँसू की एक गरम बूँद
    गिरती है बहू की हथेली पर।

    हर सलोनी माँ के लिये।

    हृदयस्पर्शी कविता .

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  17. खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,

    खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए,

    खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए,

    खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए,

    खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,

    खूबसूरत है वो आँखे जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,

    खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,

    खूबसूरत है वो सोच जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,

    खूबसूरत है वो दामन जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,

    खूबसूरत है वो किसी के आँखों के आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाए

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