बुधवार, 15 अगस्त 2012

जय हो वीर जवानों की


वीर जवानों की जय हो
भारतमाता की जय हो

जो कि सत्य के लिए अड़े
जो कि न्याय के लिए लड़े
भारत माँ की रक्षा में
प्राणदान के लिए बढ़े।
सत्कर्मों का संचय हो
भारतमाता की जय हो।

सर्दी में जो पड़े रहे
मोर्चे पर जो अड़े रहे
नेफा में कश्मीर में
ले बन्दूकें खड़े रहे
पराधीनता का क्षय हो
भारतमाता की जय हो।

उनसे सबकी आजादी
उनसे सबकी खुशहाली
राणा शिवा सुभाष वे
युग उनसे गौरवशाली
परंपरा यह अक्षय हो
भारतमाता की जय हो।


-डॉ० राष्ट्रबंधु
संपादक-बाल साहित्य समीक्षा
रामकृष्ण नगर, कानपुर (यू. पी.)

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  2. बहुत ही बेहतरीन और प्रभावपूर्ण रचना....
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    मेरे ब्लॉग

    जीवन विचार
    पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  3. उनसे सबकी आजादी
    उनसे सबकी खुशहाली
    राणा शिवा सुभाष वे
    युग उनसे गौरवशाली
    परंपरा यह अक्षय हो
    भारतमाता की जय हो।

    डा. राष्ट्रबंधु जी की सुन्दर कविता प्रस्तुत की आपने..आज के दिन प्रासंगिक भी..साधुवाद.

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  4. स्वतंत्रता दिवस पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें.

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  6. सर्दी में जो पड़े रहे
    मोर्चे पर जो अड़े रहे
    नेफा में कश्मीर में
    ले बन्दूकें खड़े रहे
    पराधीनता का क्षय हो
    भारतमाता की जय हो।
    ;;;Jay-jay.

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  7. बहुत सुंदर कविता1

    ईद की दिली मुबारकबाद।
    ............
    हर अदा पर निसार हो जाएँ...

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  8. BAHUT HI SUNDAR KAVITA HAI.KRIPYA KARKE MERE BLOG PAR PDHARNE KA KASHT KARE MERA BLOG HAI:- GAUREYA.BLOGSPOT.COM

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  9. देशप्रेम को दृशाती सुन्दर कविता

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