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शनिवार, 5 मई 2018

अब जोधपुर में पर्यटकों के लिए बने सेल्फी प्वाइंट, दिखा सेल्फी का क्रेज

जोधपुर में शास्त्री सर्किल पार्क में लगे सेल्फी प्वाइंट का लुत्फ़। जोधपुर (राजस्थान) में आने वाले पर्यटकों  और यहाँ के यूथ्स को आकर्षित करने हेतु एक सप्ताह पूर्व 'शास्त्री सर्किल' और 'अशोक उद्यान' में सेल्फी प्वाइंट बनाये गए हैं। 
'शास्त्री सर्किल' में I Love Jodhpur तो अशोक उद्यान में I Love SunCity लिखा गया है। फ़िलहाल लोगों में इसके साथ अपनी सेल्फी और तस्वीर लेने का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है !!







कुछेक तस्वीरें सपरिवार हमारी भीं...जीवन साथी कृष्ण कुमार यादव जी और प्यारी बेटियाँ अक्षिता (पाखी) और अपूर्वा ।


मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

नारी विमर्श के सवालों को उठाती पुस्तक "आधी आबादी के सरोकार"

नारी विमर्श आधुनिक समाज और साहित्य में एक ज्वलंत मुद्दा है। कभी हाशिये पर खड़ी स्त्री और कभी नेतृत्व के नए प्रतिमान गढ़ती, शायद इन दोनों के बीच ही कहीं आज का नारी विमर्श खड़ा है। नारी-सशक्तिकरण आज के दौर की एक सच्चाई है, पर इसका सामान्यीकरण नहीं किया जा सकता। आज भी नारी अपने अस्तित्व और अस्मिता के लिए तमाम प्रतिरोधों के बीच संघर्षरत है। गुलाबी सपनों के बीच आसमां को छूने की हसरत लिए 21वीं सदी की लड़कियाँ तमाम दकियानूसी परम्पराओं  और रूढ़ियों से टकराती नज़र आती हैं। ऐसे ही तमाम विषयों को उठाती मेरी पुस्तक "आधी आबादी के सरोकार" (लेखिका -आकांक्षा यादव) शीघ्र ही हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद से प्रकाशित होकर आने वाली है।  इसके लिए कवर पेज का रेखांकन प्रसिद्ध चित्रकार डॉ. लाल रत्नाकर ने किया है। फ़िलहाल, इस पोस्ट में  डॉ. लाल रत्नाकर के बनाये तमाम चित्रों और उनसे सुसज्जित आवरण पृष्ठ को आप सभी के साथ साझा करते हुए ख़ुशी का अनुभव हो रहा है। इनमें से ही किसी एक का उपयोग "आधी आबादी के सरोकार"  पुस्तक के लिए किया जायेगा !






(आधी आबादी के सरोकार : आकांक्षा यादव)


शनिवार, 23 जुलाई 2016

क्रन्तिकारी चन्द्रशेखर 'आजाद' और इलाहाबाद से जुड़ी उनकी यादें


भारत की फिजाओं को सदा याद रहूँगा 
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा !


आज चन्द्रशेखर 'आजाद' (23 जुलाई, 1906 - 27 फरवरी, 1931) की आज 110 वीं जयंती है। ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अत्यन्त सम्मानित और लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी रहे आज़ाद पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे महान क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। इलाहाबाद में उनका अंतिम समय गुजरा और यहीं की मिट्टी में उन्होंने अंतिम साँस ली। आज भी कंपनी गार्डेन में लगी उनकी भव्य मूर्ति उनके जीवन को प्रतिबिंबित करती है। वाकई वो अंत तक आज़ाद ही रहे। 

चन्द्रशेखर 'आजाद' की जयंती पर शत-शत नमन !!


अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद की 27 फरवरी, 1931 की अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में पुलिस से हुई मुठभेड़ में प्रयुक्त पिस्तौल जो तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, इलाहाबाद सर जॉन नाट बावर के सौजन्य से प्राप्त हुई थी। इसे इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। 

!! स्वतंत्रता संग्राम के क्रन्तिकारी नायक चन्द्रशेखर आज़ाद जी की 110वीं जयंती पर उन्हें शत-शत नमन !!


शनिवार, 21 मार्च 2015

इतिहास की गलियों से गुजरते हुए मंडोर, जोधपुर में ....

वाकई बेहद खूबसूरत शहर है जोधपुर। 16 मार्च को इलाहाबाद से हम यहाँ आ गए और यहाँ आने के बाद तो हम रोज घूम ही रहे हैं। अक्षिता और अपूर्वा भी अपनी हॉलीडेज खूब इंजॉय कर रही हैं। इतिहास की किताबों में पढ़ी तमाम बातें यहाँ जीवंत रूप में सामने आती हैं।

आज सुबह हम मण्डोर घूमने गए। 15 वीं शताब्दी में जोधपुर नगर की स्थापना तक यह स्थान मारवाड़ राज्य की राजधानी रहा। यहाँ से उत्खनन में भी तमाम ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं प्राप्त हुईं, जिन्हें यहाँ म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है। 





  लम्बे समय तक मंडोर जोधपुर राजघराने का दाह-संस्कार  स्थल भी रहा।  फलत : राठौड़ घराने के अनेक महत्वपूर्ण शासकों के स्मृति स्मारक (देवल या छतरियाँ) यहाँ देखे जा सकते हैं। 







(मंडोर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए इसे भी पढ़ लें)






शुक्रवार, 2 जनवरी 2015

वर्ष नव, हर्ष नव



वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।

नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।

नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।

गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!

(नव वर्ष पर हरिवंश राय बच्चन जी की यह कविता साभार। 
इसे जितनी बार भी पढ़िए, जीवन में नई स्फूर्ति देती है।  )






नव वर्ष पर सपरिवार आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभ कामनाएँ। नव वर्ष 2015 आप सभी के जीवन में सुख, शांति, खुशहाली एवं समृद्धि लाए !!




शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

काश समय एक बार मुड़कर फिर वहीँ चला जाये


शादी की दसवीं सालगिरह। काश समय एक बार मुड़कर फिर वहीँ चला जाये, जहाँ से हमने शुरुआत की थी। एक बार फिर से उन दिनों को जीने का जी चाहता है। 






जीवन-साथी कृष्ण कुमार जी के विचार अच्छे लगे। इन्होंने लिखा -''जीवन में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव। दाम्पत्य जीवन का एक दशक आज पूरा हुआ। यहाँ पाश्चात्य विचारक फ्रैंज स्कूबर्ट के शब्द याद आ रहे हैं, ’’जिसने सच्चा दोस्त पा लिया, वह सुखी है। लेकिन उससे भी सुखी वह है जिसने अपनी पत्नी में सच्चा मित्र पा लिया है।’’ हमारा यह प्यार, यह साथ यूँ ही चलता रहे।  

आप सभी की शुभकामनाओं और स्नेह के लिए आभार। 

शनिवार, 10 मई 2014

प्रचार ख़त्म, अब कैसा महसूस कर रहे नेतागण

लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अंतत: आज ख़त्म हो गए। अंतिम दौर का मतदान 12 मई को और फिर 16 मई को सभी के भाग्य का फैसला।  दावे, सर्वे, वादे ..... इन सबके बावजूद लोकतंत्र में जनता अंतत : किस करवट  बैठेगी, कोई दावे के साथ नहीं जानता। 

जरा सोचिये, प्रचार ख़त्म होने के बाद अब कैसा महसूस कर रहे होंगे नेतागण। हर किसी का दिल धक-धक कर रहा होगा तो उनमें सत्ता के गुलाबी सपने भी तैर रहे होंगे।  

नरेंद्र मोदी : अंतत : ख़त्म हो गया चुनाव प्रचार।  बड़ी मेहनत की मैंने।  अब जल्दी से रिजल्ट आए तो पता चले। काश घडी की इन सुईयों को मैं तेजी से चला  सकता। अब तो इंतज़ार भी नहीं होता।  

राहुल गाँधी : माँ चिंता न करो।  मेहनत तो बहुत की हमने।  पता नहीं जनता का रिस्पांस कैसा रहेगा। आपकी विरासत भी मुझे ही संभालनी है अब। शायद ऐसा ही कुछ सोच कर माँ को तसल्ली दे रहे हैं राहुल गाँधी. 

अरविन्द केजरीवाल : चलो चुनावी प्रचार ख़त्म हुआ।  बहुत दिन हो गए दिल्ली छोड़े, यहाँ बनारस में तो बोर हो गया। दो-चार दिन घर घूम आते हैं। 


बुधवार, 7 मई 2014

लोकतंत्र के महाउत्सव में भागीदारी

हाथ की अंगुली पर लगी यह काली स्याही लोकतंत्र के माथे की बिंदिया है।  यह लोकतंत्र के माथे पर लगे  उस काले टीके की तरह भी है, जो इसे  बुरी नज़रों से बचाता है। अत: इस काले टीके को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों की अँगुलियों में लगना चाहिए, ताकि भारतीय लोकतंत्र और मजबूत हो  और इसे किसी की  बुरी  नज़र न लगे !!



आज 7 मई, 2014 को हमने भी अपने जीवन का प्रथम वोट फूलपुर लोकसभा क्षेत्र हेतु इलाहाबाद में वोट डाला। कभी इस क्षेत्र की नुमाइंदगी लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू किया करते थे। अब तो यहाँ बहुत सारे पैमाने बदल चुके हैं।  फ़िलहाल,  अब रिजल्ट का इंतज़ार !!





लोकतंत्र के इस महाउत्सव में एक आहुति हमारी भी।  इलाहाबाद में वोट  !!