'शब्द शिखर' पर 21 अक्तूबर, 2010 को प्रस्तुत पोस्ट 'कहाँ गईं वो तितलियाँ' को प्रतिष्ठित दैनिक अख़बार जनसत्ता के नियमित स्तंभ ‘समांतर’ में 7 दिसंबर जून, 2010 को 'गुम होती तितली' शीर्षक से स्थान दिया गया है. जनसत्ता में पहली बार मेरी किसी पोस्ट की चर्चा हुई है और समग्र रूप में प्रिंट-मीडिया में 23वीं बार मेरी किसी पोस्ट की चर्चा हुई है.. आभार !!इससे पहले शब्द-शिखर और अन्य ब्लॉग पर प्रकाशित मेरी पोस्ट की चर्चा दैनिक जागरण, अमर उजाला,राष्ट्रीय सहारा,राजस्थान पत्रिका, आज समाज, गजरौला टाईम्स, डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट, दस्तक, आई-नेक्स्ट, IANS द्वारा जारी फीचर में की जा चुकी है. आप सभी का इस समर्थन व सहयोग के लिए आभार! यूँ ही अपना सहयोग व स्नेह बनाये रखें !!
(चित्र Hindi Blogs In Media से साभार)
30 टिप्पणियां:
बधाई और शुभकामनायें .
CONGRATULATIONS!!!
बधाई !
बहुत खूब जी. आपके ब्लॉग कि तो खूब चर्चा होती रहती है. अब तो शायद ही कोई ऐसा अख़बार होगा जिसमें शब्द-शिखर कि चर्चा न हुई हो. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकारें आकांक्षा यादव जी.
बहुत खूब जी. आपके ब्लॉग कि तो खूब चर्चा होती रहती है. अब तो शायद ही कोई ऐसा अख़बार होगा जिसमें शब्द-शिखर कि चर्चा न हुई हो. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकारें आकांक्षा यादव जी.
बहुत खूब जी. आपके ब्लॉग कि तो खूब चर्चा होती रहती है. अब तो शायद ही कोई ऐसा अख़बार होगा जिसमें शब्द-शिखर कि चर्चा न हुई हो. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकारें आकांक्षा यादव जी.
बहुत बहुत बधाई....आपके लेख हमेशा कुछ नयी बात ले कर आते हैं..जागरूकता प्रदान करते हैं...
शुभकामनायें
तितलियाँ तो मुझे बहुत अच्छी लगती हैं...
hardik badhai!
आपका लेखन प्रभावशाली है, अत: चर्चा स्वाभाविक है...बधाइयाँ.
बहुत बधाई और शुभकामनायें।
बधाई
आलेख बहुत सुन्दर है और समीचीन है
बधाई
आलेख बहुत सुन्दर है और समीचीन है
बधाई व शुभकामनायें ...........
bahut bahut badhai....
निश्चय ही आपने समसामयिक आलेख देकर जन सत्ता में भी श्रेय प्राप्त किया है,आप बढ़ायी की पात्र हैं.
जनसत्ता में आपके ब्लॉग की पोस्ट की चर्चा पर बधाई. बड़ा सुन्दर विषय आपने उठाया है.
आपके और के.के. जी के लेख अक्सर पढता रहता हूँ. वाकई आप दोनों खूब लिखते हैं.
आप सभी की प्रतिक्रियाओं और हौसला आफजाई के लिए आभार. अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
@ Dr. Brajesh,
यह सब आप लोगों का सहयोग और स्नेह है. हम तो निमित्त मात्र हैं. आपकी प्रतिक्रियाओं और हौसला आफजाई के लिए आभार.
@ SR Bharti,
कोशिश तो यही रहती है कि कुछ सार्थक लिखा जाय. आपकी हौसला आफजाई के लिए आभार.
@ मन-मयूर,
जानकर अच्छा लगा कि आप हमें निरंतर पढ़ रहे हैं... अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
इस प्रकाशन के लिए बधाई
तितलियों का कम होना चिंताजनक है, आपने अच्छा ध्यानाकर्षण किया.
जनसत्ता में आपके लेख के प्रकाशन पर बधाइयाँ.
बधाई
बधाई
बधाई
बधाई
.........हार्दिक बधाइयाँ स्वीकारें आकांक्षा जी.
सुन्दर आलेख बधाई व शुभकामनायें ..
जनसत्ता में तो नहीं, पर यहाँ जरुर पढ़ लिया...बेहद रोचक जानकारी.
behtar report
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