पावन पर्व दीपावली का,
दीपों की बारात लाए।
बम, पटाखे, फुलझड़ी संग,
खुशियों की सौगात लाए।
तोरण द्वार पर सजे अल्पना,
ज्योति का पुंज -हार लाए।
खील-लड्डू का चढ़े प्रसाद,
दिलों में सबके प्यार लाए।
है शुभ मंगलकारी पर्व यह,
इस दिन अयोध्या राम आए।
जल उठी दीपों की बाती,
पुलकित मन पैगाम लाए।
अमावस्या का तिमिर चीरकर,
रोशनी का उपहार लाए।
चारों तरफ सजे रंगोली,
लक्ष्मी-गणेश भी द्वार आए।
8 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
दीपावली की शुभकामनाएँ!
मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
दीप पर्व की आपको व आपके परिवार को ढेरों शुभकामनायें
मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
दीप पर्व की आपको व आपके परिवार को ढेरों शुभकामनायें
रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" की ढेरों मुबारकबाद!
शुभ दीपावली । मेरी नई पोस्टों पर भी एक बार पधारे ।
ज्ञान - संसार : " जन्म दिवस :मौलाना अबुल कलाम आज़ाद " gyaan-sansaar.blogspot.com
प्रचार : " डॉ हरिवंश राय "बच्चन" : दीवा जलाना कब मना है ? harshprachar.blogspot.com
सुख भर दे यह त्योहार..
bahutr khub aapko bhi deepawali ki shubhkamnayaen
सुन्दर कविता।
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