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सोमवार, 28 नवंबर 2011

कृष्ण-आकांक्षा : आज हमारी शादी की सालगिरह है

28 नवम्बर का दिन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 28 नवम्बर, 2004 (रविवार) को हम (कृष्ण कुमार- आकांक्षा) जीवन के इस अनमोल पवित्र बंधन में बंधे थे. वक़्त कितनी तेजी से करवटें बदलता रहा, पता ही नहीं चला. सुख-दुःख के बीच सफलता के तमाम आयाम हमने छुए. कभी जिंदगी सरपट दौड़ती तो कई बार ब्रेक लग जाता।


एक-दूसरे के साथ बिताये गए ये दिन हमारे लिए सिर्फ इसलिए नहीं महत्वपूर्ण हैं कि हमने जीवन-साथी के संबंधों का दायित्व प्रेमपूर्वक निभाया, बल्कि इसलिए भी कि हमने एक-दूसरे को समझा, सराहा और संबल दिया. यह हमारा सौभाग्य है कि हम दोनों साहित्य प्रेमी हैं और कई सामान रुचियों के कारण कई मुद्दों पर खुला संवाद भी कर लेते हैं। एक-दूसरे की रचनात्मकता को सपोर्ट करते हुए ही आज हम इस मुकाम पर हैं...!!


शादी की इस सालगिरह पर कल से ही तमाम मित्रजनों-सम्बन्धियों की शुभकामनायें तमाम माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं...सभी का आभार. आप सभी का स्नेह बना रहे ....!!

बुधवार, 16 नवंबर 2011

बिटिया रानी अक्षिता (पाखी) को मिला 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'

(बाल दिवस, 14 नवम्बर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री माननीया कृष्णा तीरथ जी ने हमारी बिटिया अक्षिता (पाखी) को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 से पुरस्कृत किया. अक्षिता इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभा है.यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया.प्रस्तुत है इस पर एक रिपोर्ट-





आज के आधुनिक दौर में बच्चों का सृजनात्मक दायरा बढ़ रहा है. वे न सिर्फ देश के भविष्य हैं, बल्कि हमारे देश के विकास और समृद्धि के संवाहक भी. जीवन के हर क्षेत्र में वे अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं. बेटों के साथ-साथ बेटियाँ भी जीवन की हर ऊँचाइयों को छू रही हैं. ऐसे में वर्ष 1996 से हर वर्ष शिक्षा, संस्कृति, कला, खेल-कूद तथा संगीत आदि के क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों हेतु हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' आरम्भ किये गए हैं। चार वर्ष से पन्द्रह वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चे इस पुरस्कार को प्राप्त करने के पात्र हैं.

वर्ष 2011 के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किये गए. विभिन्न राज्यों से चयनित कुल 27 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए, जिनमें मात्र 4 साल 8 माह की आयु में सबसे कम उम्र में पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता (पाखी) ने एक कीर्तिमान स्थापित किया. गौरतलब है कि इन 27 प्रतिभाओं में से 13 लडकियाँ चुनी गई हैं. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं लेखिका व ब्लागर आकांक्षा यादव की सुपुत्री और पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा अक्षिता (पाखी) को यह पुरस्कार कला और ब्लागिंग के क्षेत्र में उसकी विलक्षण उपलब्धि के लिए दिया गया है. इस अवसर पर जारी बुक आफ रिकार्ड्स के अनुसार- ''25 मार्च, 2007 को जन्मी अक्षिता में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी हुई है। ड्राइंग, संगीत, यात्रा इत्यादि से सम्बंधित उनकी गतिविधियाँ उनके ब्लाॅग ’पाखी की दुनिया (http://pakhi-akshita.blogspot.com/) पर उपलब्ध हैं, जो 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ था। इस पर उन्हें अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 175 से अधिक ब्लाॅगर इससे जुडे़ हैं। इनके ब्लाॅग 70 देशों के 27000 से अधिक लोगों द्वारा देखे गए हैं। अक्षिता ने नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 2010 का ’हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार’ भी जीता है।इतनी कम उम्र में अक्षिता के एक कलाकार एवं एक ब्लाॅगर के रूप में असाधारण प्रदर्शन ने उन्हें उत्कृष्ट उपलब्धि हेतु 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2011' दिलाया।''इसके तहत अक्षिता को भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया.

यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है और इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.

नन्हीं बिटिया अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर ढेरों प्यार और शुभाशीष व बधाइयाँ !!
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मंत्री जी भी अक्षिता (पाखी) के प्रति अपना प्यार और स्नेह न छुपा सकीं, कुछ चित्रमय झलकियाँ....
















गुरुवार, 3 नवंबर 2011

बन्दर की सगाई


बन्दर की तय हुई सगाई,
सबने खाई खूब मिठाई।
कोयल गाये कू-कू-कू
हाथी ने चिंघाड़ लगाई।

ड्रम बाजे डम-डम-डम,
भालू नाचा छम-छम-छम।
चारों तरफ खुशहाली आई,
जंगल में बज उठी शहनाई।

पहन सुन्दर सी शेरवानी,
बन्दर जी ने बांधा सेहरा।
सभी लोग उतारें नजरें,
खिल रहा बंदर का चेहरा।

कार पर चढ़ बन्दर जी निकले,
बाराती भी खूब सजे।
सबने दावत खूब उड़ाई,
धूमधाम से हुई विदाई।

-- आकांक्षा यादव