"शेर चंद ने उठाया बल्ला, चीता फिर से गली में दुबका. हाथी ने दस्ताने बांधे, चिड़िया लगी है गेंद चमकाने. जंगल में यदि क्रिकेट खेला जाए तो कुछ ऐसा ही होगा . है ना ? और सोचिये चाँद पर यदि बरसेगा पानी तो कैसे कहेंगे दादा-दादी कहानी ? इन बातों पर लिखे गए गीत बच्चों को खूब पसंद आएँगे. दिल्ली में पिछले दिनों ऐसे ही दो बाल-गीत संग्रहों का विमोचन हुआ. "

राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास और भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह और डा. रत्नाकर पाण्डेय (पूर्व सांसद) ने जंगल में क्रिकेट एवं चाँद पर पानी नामक दो पुस्तकों का विमोचन किया.चर्चित साहित्यकार और चिट्ठाकार कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव द्वारा लिखी गई इन दोनों पुस्तकों में ३०-३०
बाल-गीत संगृहीत हैं.
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह ने कहा कि बाल-साहित्य बच्चों में स्वस्थ संस्कार रोपता है, अत: इसे बढ़ावा दिए जाने क़ी जरुरत है. पूर्व सांसद डा. रत्नाकर पाण्डेय ने इस युगल के बाल-गीत संग्रह क़ी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आज का बचपन है और बीते कल का भी और यही बात इन संग्रह को महत्वपूर्ण बनाती है. कार्यक्रम में राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास के संयोजक डा. उमाशंकर मिश्र ने कहा कि यदि युगल दंपत्ति आज यहाँ उपस्थित रहते तो कार्यक्रम कि रौनक और भी बढ़ जाती. गौरतलब है कि अपनी पूर्व व्यस्तताओं के चलते यादव दंपत्ति इस कार्यक्रम में शरीक न हो सके. आभार ज्ञापन उद्योग नगर प्रकाशन के विकास मिश्र द्वारा किया गया. साभार : हिंदी होम पेज