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रविवार, 27 मई 2018

सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के नतीज़ों में बेटियाँ अव्वल, पर कैरियर में क्यों नहीं ??

सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के कक्षा 12 वीं के नतीज़ों में बेटियाँ फिर से अव्वल। यही साल क्यों, प्रायः हर साल इन रिजल्ट्स में बेटियाँ अव्वल रहती हैं। बेटियाँ लगातार छठवें साल अव्वल रहीं। 
लड़कियों ने इस बार भी लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया। इनका उत्तीर्ण प्रतिशत 88.31 वहीं लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 78.99 रहा। 
नोएडा के स्टेप बाई स्टेप स्कूल से मानविकी विषय की छात्रा मेघना श्रीवास्तव ने 99.8 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया है। उन्हें 500 अंकों में से 499 मिले हैं।  मेघना ने अंग्रेजी (कोर) में 99, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान में 100-100 अंक हासिल किए हैं। गाजियाबाद की अनुष्का चंद्रा ने 500 में से 498 नंबर हासिल कर दूसरे नंबर पर बाज़ी मारी है। 

 कमाल की बात यह है कि तीसरे नम्बर पर 1 या 2 नहीं इस बार 7 बच्चे हैं, जिन्होंने 500 में से 497 नंबर प्राप्त किए।  इन सात में से पांच लड़कियां हैं।  इन सबके नाम हैं चाहत बोधराज, आस्था बंबा, तनुजा कपरी, सुप्रिया कौशिक और अनन्या सिंह, वहीं दो लड़कों के नाम हैं नकुल गुप्ता और क्षितिज आनंद। 

एक तरफ यह रिजल्ट देखकर बेहद ख़ुशी होती है।  "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" से लेकर बालिका-सशक्तिकरण जैसे तमाम दावों के बावजूद कक्षा 12 के बाद ये बेटियाँ कहाँ चली जाती हैं ? यह एक अजीब विडंबना है कि शैक्षणिक (Academics) में बहुत अच्छा परफार्म करने वाली ये बेटियाँ कैरियर बनाने में पीछे रह जाती हैं या कैरियर की ऊंचाइयों पर नहीं पहुँच पाती। मां-बाप के लिए उनके कैरियर से ज्यादा उनकी शादी अहम हो जाती है। 

आख़िर, इस समाज में रोज बेटियों को अपने अस्तित्व की दुहाई देनी पड़ती है। समाज के नजरिये में आज उस बदलाव की भी जरूरत है जहाँ ये बेटियाँ पढ़ाई पूरी होने के बाद अपना मनचाहा कैरियर बना सकें और वहाँ भी सर्वोच मुकाम हासिल कर सकें।

-आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर 

सोमवार, 7 मई 2018

गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी की जयंती

अंतर मम विकसित करो 
हे अंतरयामी! 
निर्मल करो, उज्ज्वल करो, 
सुंदर करो हे!
जाग्रत करो, उद्यत करो, 
निर्भय करो हे!


भारतीय साहित्य के अद्वितीय व्यक्तित्व, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, आधुनिक भारत के असाधारण सृजनशील कलाकार,कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार एवं भारतीय राष्ट्रगान "जन-गण-मन" के रचयिता एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी (7  मई 1861-7 अगस्त 1941) की 157वीं  जयंती पर शत् शत् नमन।  

शनिवार, 5 मई 2018

अब जोधपुर में पर्यटकों के लिए बने सेल्फी प्वाइंट, दिखा सेल्फी का क्रेज

जोधपुर में शास्त्री सर्किल पार्क में लगे सेल्फी प्वाइंट का लुत्फ़। जोधपुर (राजस्थान) में आने वाले पर्यटकों  और यहाँ के यूथ्स को आकर्षित करने हेतु एक सप्ताह पूर्व 'शास्त्री सर्किल' और 'अशोक उद्यान' में सेल्फी प्वाइंट बनाये गए हैं। 
'शास्त्री सर्किल' में I Love Jodhpur तो अशोक उद्यान में I Love SunCity लिखा गया है। फ़िलहाल लोगों में इसके साथ अपनी सेल्फी और तस्वीर लेने का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है !!







कुछेक तस्वीरें सपरिवार हमारी भीं...जीवन साथी कृष्ण कुमार यादव जी और प्यारी बेटियाँ अक्षिता (पाखी) और अपूर्वा ।


मंगलवार, 1 मई 2018

क्या वाकई श्रमिक दिवस को ये महिलाएँ सेलिब्रेट करती होंगी...

क्या वाकई श्रमिक दिवस को ये महिलाएँ सेलिब्रेट करती होंगी। सिर्फ महिलाएँ ही क्यों हमारे आस-पास काम करते बाल श्रमिक से लेकर पुरुष श्रमिक तक क्या इस खास दिवस का कोई लुत्फ़ उठा पाते होंगे। 

क्या जितनी कवायद इस दिन अख़बारों के पन्ने भरने से लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया या सोशल मीडिया तक पर होती है, उसका एक भी अंश इन मजदूरों/ श्रमिकों के पास पहुँचता होगा। 

....... किसी कवि की पंक्तियाँ याद आ रही हैं-

मजदूर दिवस की छुट्टी मुबारक,
आप घर पर हैं और मजदूर काम पर.