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रविवार, 8 नवंबर 2009

करें सबका सम्मान (बाल-कविता)

हम मानवता के पुजारी
कभी न हम हिम्मत हारें
आगे ही नित् बढ़ते जायें
अपने प्राण देशहित वारें।

हरदम रखें हौसला बुलंद
देश की हम बनें तकदीर
हमको कोई कम न समझे
बदल सकते हम तस्वीर।

नफरत और द्वेष मिटाकर
प्रेम-सौहार्द्र का करें मान
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर
करें हम सबका सम्मान।

20 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता, लेकिन अब हमे भी मनवता की पुजा के संग शेतानो से लडने की हिम्मत भी आनी चाहिये, हमे कृष्ण भगवान का उप्देश भी नही भुलना चाहिये.धन्यवाद

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

sunder bal geet.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाल-कविता बहुत सुन्दर है।
इसकी चर्चा निम्न लिंक पर देखें।

http://anand.pankajit.com/2009/11/blog-post_09.html

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Sundar sandesh...man ko bha gai yah bal-kavita.

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

वाह बबली जी बहुत ही सुन्दर कहा आपने आपकी शाएरी कुछ खास है उसमे कोई बात है

माफ़ी चाहूंगा स्वास्थ्य ठीक ना रहने के कारण काफी समय से आपसे अलग रहा

अक्षय-मन "मन दर्पण" से

Unknown ने कहा…

नफरत और द्वेष मिटाकर
प्रेम-सौहार्द्र का करें मान
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर
करें हम सबका सम्मान।
...सुन्दर सन्देश...सुन्दर कविता...बधाई.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

ऐसी बाल-कवितायेँ बच्चों को प्रेरणा देती हैं....लिखती रहें.

Bhanwar Singh ने कहा…

सुन्दर भावों से सजी विलक्षण कविता.

Bhanwar Singh ने कहा…

सुन्दर भावों से सजी विलक्षण कविता.

Shyama ने कहा…

आकांक्षा जी आप लेख के साथ-साथ बाल कवितायेँ भी उतनी ही मजबूती से रच रही हैं, देखकर आश्चर्य होता है. मुबारकवाद.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

लाजवाब बाल कविता.एक-एक शब्द प्रेरणा देते हैं.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
S R Bharti ने कहा…

Nice Poem....Congts.

मन-मयूर ने कहा…

Motivating and inspiring bal-kavita.

शरद कुमार ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत.ऐसे प्रेरक रचनाओं की आज जरुरत है.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

हरदम रखें हौसला बुलंद
देश की हम बनें तकदीर
हमको कोई कम न समझे
बदल सकते हम तस्वीर।
...Is jajbe ko salam !!

Akanksha Yadav ने कहा…

@रूपचंद्र शास्त्री मयंक जी
इस बाल-कविता की चर्चा के लिए आभारी हूँ. स्नेह बनाये रखें.

Akanksha Yadav ने कहा…

@अक्षय-मन
कई बार कट-पेस्ट में "नाम" की भी गलतियाँ हो जाती हैं. बबली की बजे आकांक्षा होना चाहिए था.

संजय भास्‍कर ने कहा…

sunder bal geet.

संजय भास्‍कर ने कहा…

ऊँच-नीच का भेद मिटाकर
करें हम सबका सम्मान।
...सुन्दर सन्देश...सुन्दर कविता...बधाई.