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शनिवार, 6 मार्च 2010

ये हाईप्रोफाइल युवतियां ??

कई बार कुछ ख़बरें मन को झकझोरती हैं, ग्लानि पैदा करती हैं. ऐसी ही इक खबर पर नज़र गई कि सैक्स रैकेट के आरोप में ढोंगी बाबा राजीव रंजन द्विवेदी के साथ पकड़ी गई छह हाईप्रोफाइल युवतियों को लेकर दुनिया चाहे कुछ भी सोच रही हो, लेकिन उनको इसका मलाल नहीं है। किसी तरह पैसा कमाना और मौजमस्ती ही उनका लक्ष्य है। इसके लिए ही वह इस धंधे में हैं। मामले के जांच अधिकारी द्वारा युवतियों से पूछे गए सवालों के जवाब से इसकी पुष्टि हुई।

पुलिस के मुताबिक ये युवतियां काफी अच्छे घराने की हैं। इनमें एक पश्चिम बंगाल, एक पंजाब, एक अंबाला व तीन दिल्ली की है। चार लड़कियां एयर होस्टेस हैं। इनमें एक की तनख्वाह एक लाख 30 हजार रुपये मासिक है। वह दिल्ली के पॉश इलाके में 25 हजार रुपये किराये पर घर लेकर रहती है। सभी युवतियां फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है। पुलिस को दिए बयान में युवतियों ने बताया है कि अपनी मर्जी से वह इस धंधे में आई है। पूछताछ में इन युवतियों में गजब का आत्मविश्वास दिखाई दिया। कुछ युवतियों ने बड़ी बेबाकी से बताया कि वह बचपन से शराब पीती है। पुलिस के सवालों से तंग आकर युवतियों ने कहा-'यह बताइए कि हमें जमानत कब मिलेगी।'

25 टिप्‍पणियां:

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

smaj ka bdlta pridishya hai yh,aabhar.

Shyama ने कहा…

ऐसे लोगों ने ही नारी-स्वतंत्रता का मजाक बना कर रखा है. जबरदस्त पोस्ट.

Unknown ने कहा…

सब फिल्मों व धारावाहिकों का असर है, जहाँ पैसे के चक्कर में लोग नाजायज कामों से भी परहेज नहीं करते.

राज भाटिय़ा ने कहा…

लानत है इन सब पर, यह सब शायद अपने आप को आजाद खुले विचारो वाली मानती हो,तंग कपडे खुला बदन.... नही यह नही जानती नारी-स्वतंत्रता का असली अर्थ.... बस बहस करना ओर पेसॊ के पीछे भागना ही इन की आदत है, ओर उस दिन यह क्या करेगी जब यह देह बुढी हो जायेगी......

शरद कोकास ने कहा…

यह खबर मन को झकझोरती है या ग्लानि पैदा करती है ?

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

vichharottejak lekh hai.thanks

Shahroz ने कहा…

इस घटना की चर्चा हमने भी पढ़ी थी. इक तरफ जहाँ नारी अपने को उपभोग्या न मानकर हर क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है, वहां ऐसी युवतियों का यह कदम न सिर्फ नारी-जगत बल्कि पूरे समाज को शर्मसार करता है. ऐसे कार्यों की निंदा क़ी जानी चाहिए.

Shahroz ने कहा…

आकांक्षा जी, आपकी यह पोस्ट चोखेर-बाली पर भी पढ़ी. चर्चा को आगे बढ़ने हेतु कुछ कमेन्ट वहां से साभार यहाँ पेस्ट कर रही हूँ.

Shahroz ने कहा…

Amitraghat said...
"आकांक्षा जी जब तक हम यौन संबंधी विषयों पर खुलकर चर्चा नहीं करेंगे तब तक ये सब तो हो के ही रहेगा। दरअसल हम स्वीकार ही नहीं करना चाह्ते जबकि किसी भी समस्या का हल उसको स्वीकार करने के बाद ही निकलता है....बढ़िया पोस्ट "
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com

Shahroz ने कहा…

Anil Pusadkar said...
अफ़सोस की बात तो ये है कि शार्टकट की प्रवृत्ति अब सिर्फ़ महानगरों तक़ ही सीमित नही रही बल्कि छोटे-छोटे शहरों तक़ पसर चुकी है।

Shahroz ने कहा…

कृष्ण मुरारी प्रसाद said...
माँ-बाप को समय हो तो संस्कार दें....

Shahroz ने कहा…

अशोक सिँह रघुवंशी said...
आकांक्षा जी ये उपभोक्तावादी संस्कृति की पराकाष्ठा है।

Shahroz ने कहा…

Shahroz said...
@ Amitraghat

जनाब, यह यौन संबंधों पर ढककर या खुलकर चर्चा करने से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि संस्कारों से जुड़ा मुद्दा है. बहुत से घरों में यौन संबंधों पर खुलकर ही नहीं बल्कि चर्चा ही नहीं होती. इसका मतलब ये तो नहीं कि उन घरों क़ी लड़कियां सेक्स-रैकेट की सदस्य बन जाएँ.

Bhanwar Singh ने कहा…

आपकी यह पोस्ट बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है. नारी-स्वतंत्रता का यह एक नकारात्मक पहलू है.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

ऐसे हाई-प्रोफाइल लोगों से भगवान ही बचाएं.

बेनामी ने कहा…

ऐसे ढोंगी बाबाओं के चलते ही मर्यादा तार-तार हो रही है. ये समाज को खुलकर गुमराह करते हैं और लोग गुमराह होते भी हैं.

बेनामी ने कहा…

शहरोज जी की परंपरा को बढ़ाते हुए इसी पोस्ट पर चोखेर बाली ब्लॉग से कुछ कमेन्ट साभार-

महेन्द्र मिश्र said...

नारी-स्वतंत्रता का यह एक नकारात्मक पहलू है इन युवतियो ने शार्ट कट से पैसा कमाने के लिए कितना घिनौना कार्य किया है .... बहुत ही शर्मनाक .

बेनामी ने कहा…

'अदा' said...
फिर यहाँ नारी स्वतंत्रता का ही बिगुल बज रहा है....
सेक्स रैकेट चलाने वाले की बात कोई नहीं कर रहा...इतने कमेन्ट आ गए हैं किसी ने ये नहीं कहा कि वो कमीना नीच राजीव रंजन द्विवेदी को बीच चौराहे पर खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए...सब झाडू- झौवा लेकर उन युवतियों के ही पीछे पड़ गए....लड़कियोंकी ग़लती है बहुत बड़ी ग़लती है...लेकिन उस राजीव रंजन द्विवेदी को क्या कहेंगे आप ?? कुछ बात उसकी भी तो कीजिये ...

बेनामी ने कहा…

महेन्द्र मिश्र said...
अदाजी आपकी बात से सहमत हूँ की ऐसे संस्कारहीन राजीव रंजन द्विवेदी को गोली मार देना चाहिए . ये समाज के नाशूर हैं .. इस देश में वो बच सकता है यदि किसी मुस्लिम देश में होता तो इस करती से उसकी गति बन जाती ...

बेनामी ने कहा…

अनामिका की सदाये...... said...
kitni sheeghrta se istri ko mudda bana diya gaya...kisi ne ye sochne ki jehmat na uthayi ki is paishe me aane k peechhe unki kya mazburi rahi hogi..koi hoga jo unhe is raste par laya hoga...aur chhutTe hi likh diya ladkiyo par koi us rajeev ranjan dhongi k liye kuchh nahi bol raha...jo ye sab kaand kar raha hai. kaisi maansikta hai???

Shyama ने कहा…

बहुत खूब. चर्चा जोरों पर है..लाजवाब.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

राजीव जैसे ढोंगी बाबाओं को सरेआम चौराहे पर पीटा जाना चाहिए. धर्म की आड में लड़कियों को फंसा कर उन्हें पथ भ्रष्ट करने को ये अपना अधिकार समझते हैं.

KK Yadav ने कहा…

ढोंगी बाबा धर्म की आड में तमाशा कर रहे हैं. जब तक ऐसे लोग पकडे जाते हैं तब तक लोग अपना बहुत कुछ खो चुके होते हैं.

Akanksha Yadav ने कहा…

..बहुत खूब ..चर्चा पर चर्चा..आप सभी का आभार.

बेनामी ने कहा…

सुजाता said on this post at Chokherbali...
हैरानी है कि इसे स्त्री स्वतंत्रता से जोड़ कर देखा जा रहा है !!यह निहायत फूहड़ बात है । स्त्री वेश्यावृत्ति करे यह उसकी स्वतंत्रता का नकारात्मक पहलू नही है वरन यह उस समाज की बन्द मानसिकता का परिचायक है। जहाँ परिवार , पवित्रता ,शुचिता की बातें जितनी ज़्यादा होती हैं ऐसे पितृसत्तात्मक समाजों में बेश्यावृत्ति केलिए बेहद उपजाऊ भूमि होती है।