युवा साहित्यकार एवं ब्लाॅगर आकांक्षा यादव को निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा निरालाजी की धर्मपत्नी की स्मृति में दिये जाने वाले सम्मान “मनोहरा देवी स्मृति सम्मान“ के लिए चुना गया है। उक्त सम्मान निराला जयन्ती के अवसर पर 21 फरवरी 2015 को मनोहरा देवी के जन्म स्थान मुराई का बाग, डलमऊ, रायबरेली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जायेगा। आकांक्षा यादव को यह सम्मान अनवरत साहित्य सेवा एवं अपनी रचनाओं में नारी सशक्तीकरण पर प्रमुखता से लिखने के लिए प्रदान किया जायेगा। आकांक्षा यादव इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं। श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उक्त जानकारी निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली के संयोजक श्री राम निवास पंथी ने दी।
गौरतलब है कि आकांक्षा यादव एक लम्बे समय से साहित्य और ब्लाॅगिंग से अनवरत जुड़ी हुई हैं। आकांक्षा यादव की विभिन्न विधाओं में रचनाएँ देश-विदेश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और इंटरनेट पर वेब पत्रिकाओं व ब्लॉग पर निरंतर प्रकाशित होती रहती है। आकांक्षा यादव की 2 कृतियाँ ”चाँद पर पानी” (बालगीत संग्रह) एवं ”क्रांतियज्ञ: 1857-1947 की गाथा” प्रकाशित हैं। पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ इंटरनेट पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं, सोशल मीडिया और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव की रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है।
इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इनमें उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, परिकल्पना समूह द्वारा ’’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दम्पति’’ सम्मान, ”परिकल्पना ब्लॉग विभूषण सम्मान”, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, ‘‘एस.एम.एस.‘‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।
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