विश्व हिन्दी सम्मेलन, हिन्दी का सबसे भव्य अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी भाषा के विद्वान, साहित्यविद्, प्रखर पत्रकार, भाषा शास्त्री, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी को चाहने वाले जुटते हैं। यह सम्मेलन अब प्रत्येक चौथे वर्ष आयोजित किया जाता है। वैश्विक स्तर पर भारत की इस प्रमुख भाषा के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का मूल्यांकन करने, हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को मजबूत करने, लेखक-पाठक का रिश्ता प्रगाढ़ करने व जीवन के विविध क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1975 से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की श्रृंखला आरंभ हुई।
इस सम्मेलन में 1,270 प्रतिनिधियों ने भागीदारी के लिए पंजीकरण करा लिया है। सम्मेलन भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित होगा। सम्मेलन में 464 विद्यार्थी, 450 आमंत्रित अतिथि, और 250 विशेष आमंत्रित अतिथि होंगे, जिनमें सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान भारत के 20 हिंदी विद्वानों, और दूसरे देशों के कई हिंदी विद्वानों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें भारतीय मूल के हिंदी विद्वान भी शामिल होंगे। एक विशेष समिति ने नामों को मंजूरी दी है। गौरतलब है कि जोहांसबर्ग में हुए पिछले सम्मेलन में लगभग 500-600 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन इस बार 2,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।
सम्मेलन के आयोजकों की मानें तो उद्घाटन और समापन समारोह में 5,000 लोगों की उपस्थिति का अनुमान है। सम्मेलन में 12 विषय, 28 सत्र होंगे। चार प्रमुख विषयों में शामिल होंगे -‘विदेश नीति में हिंदी’, जिसकी अध्यक्षता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करेंगी, ‘प्रशासन में हिंदी का उपयोग’ विषय की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे, ‘विज्ञान में हिंदी का उपयोग’ विषय की अध्यक्षता केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन करेंगे और ‘सूचना एवं प्रौद्योगिकी में हिंदी का उपयोग’ विषय की अध्यक्षता केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद करेंगे। अन्य विषयों में एक गिरमिटिया पर, और दूसरा बाल साहित्य पर होगा। तीन दिवसीय इस आयोजन में मध्य प्रदेश सरकार भी भागीदार है और इस दौरान साहित्य चर्चा के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
ज्ञातव्य है कि पिछला विश्व हिंदी सम्मेलन सितंबर 22 से 24 सितंबर 2012 तक दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में हुआ था। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से 1975 में नागपुर में हुआ था। तब से लेकर अब तक आठ विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं- मॉरीशस, नई दिल्ली, मॉरीशस, त्रिनिडाड व टोबेगो, लंदन, सूरीनाम और न्यूयार्क में। यह आयोजन दो बार पोर्ट लुईस (मॉरीशस) में, दो बार भारत में हो चुका है, जिसमें से तीसरा सम्मेलन अक्टूबर 1983 में नई दिल्ली में हुआ था। इसके अलावा पोर्ट ऑफ स्पेन (त्रिनिदाद एवं टोबैगो), लंदन (ब्रिटेन), पारामारिबो (सूरीनाम) और न्यूयार्क (अमेरिका) में विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित हो चुका है।
10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने हेतु सभी प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है और यह केवल ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही है। ऑनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि शुक्रवार, 21 अगस्त, 2015 है (सामान्य प्रतिभागियों के लिए)। प्रतिभागियों को अपना ब्यौरा ऑनलाइन भरना है और www.vishwahindisammelan.gov.in पर लॉग इन करके अपने फोटोग्राफ तथा हस्ताक्षर भी अपलोड करने हैं। पंजीकरण शुल्क का भुगतान या तो ऑनलाइन एस बी आई गेटवे भुगतान सुविधा के माध्यम से क्रेडिट/डेबिट कार्ड द्वारा अथवा इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है। विभिन्न श्रेणियों के प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण शुल्क निम्नानुसार है जो वापस नहीं किया जायेगा।
क. सामान्य प्रतिभागी
i. भारतीयों के लिए 5,000 रुपये
ii. विदेशियों के लिए 100 अमरीकी डॉलर
ख. विश्वविद्यालय के छात्र
i. भारतीयों के लिए 1,000 रुपये
ii. विदेशियों के लिए 25 अमरीकी डॉलर
ग. आमंत्रित अतिथि/वक्ता/सरकारी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए पंजीकरण निःशुल्क है; हालांकि आमंत्रित अतिथि/वक्ता/सरकारी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए भी ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
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