19 नवम्बर 2008 को रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर मेरा एक लेख अंतर्जाल पत्रिका "साहित्य शिल्पी" पर "खूब लड़ी मरदानी, अरे झाँसी वारी रानी" शीर्षक से प्रकाशित हुआ-(http://www.sahityashilpi.com/2008/11/blog-post_19.html ) . 20 नवम्बर को प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक 'अमर उजाला' ने अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर 'ब्लॉग कोना' में इस लेख को स्थान दिया..आभार !
इस पर आज 21 नवम्बर को 'साहित्य शिल्पी' ने "अमर उजाला" में साहित्य शिल्पी (विशेष) शीर्षक से एक टिपण्णी प्रकाशित की- "हमारे लिये यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि साहित्य शिल्पी पर प्रकाशित माननीय आकांक्षा यादव जी के आलेख (खूब लड़ी मरदानी, अरे झाँसी वारी रानी) को लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र अमर-उजाला ने प्रकाशित कर हमारा मान बढ़ाया है। इसके लिये हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं।" साथ ही आकांक्षा जी और उन जैसे अन्य सभी साहित्य-शिल्पियों के भी हम शुक्रगुज़ार हैं जो अपनी उच्चस्तरीय रचनायें हमें भेजकर साहित्य शिल्पी के स्तर को उत्तरोत्तर ऊँचा उठाने में हमारी मदद करते हैं. (http://www.sahityashilpi.com/2008/11/blog-post_2172.html)
ब्लागिंग-जगत में मैंने अभी कदम रखे हैं. प्रिंट मिडिया में अंतर्जाल पर प्रकाशित मेरी किसी रचना की यह प्रथम चर्चा है. आप सभी का प्रोत्साहन ही मेरी रचनाधर्मिता को शक्ति देता है. मेरी रचनाओं को सराहने के लिए सभी शुभेच्छुओं का आभार !!
9 टिप्पणियां:
आपका यह लेख हमने भी साहित्य-शिल्पी में पढ़ा था, वाकई आपकी लेखनी में जादू है.
अमर उजाला में सम्पादकीय पृष्ठ पर ब्लॉग कोना में यह अदभुत लेख पढना रोचक लगा. वाकई यह लेख अलग हटकर है, बधाई स्वीकारें.
बहुत-बहुत बधाई !!
आपको बधाई कि रानी लक्ष्मीबाई पर लिखे इस लेख को लीडिंग हिंदी समाचार पत्र अमर उजाला में ब्लॉग कोना में प्रस्तुत किया गया.
Adbhut...Apko badhai.Bas yun hi kadam badhate rahen, karvan judta jayega !!
Mubarak ho.
आकांक्षा जी को ढेरों बधाई.
आप सभी का आभार !!
congratulation
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