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रविवार, 27 जून 2010

दृष्टिहीन व बधिर महिला जिसने जज्बे से हासिल की बुलंदियाँ

हेलन कैलर का नाम हममें से बहुतों ने सुना होगा. अमेरिकी लेखिका, राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रवक्ता हेलन कैलर पहली दृष्टिहीन व बधिर व्यक्ति थीं, जिन्होंने अपने बुलंद हौसलों से कला स्नातक की डिग्री हासिल की थी। हेलन के पिता सैन्य अधिकारी कैप्टन आर्थर एच. कैलर थे, जो मूल रूप से जर्मनी के थे. हेलन का जन्म 27 जून, 1880 को एक स्वस्थ शिशु के रूप में ही हुआ था, पर लगभग डेढ वर्ष आयु में उन्हें एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया। यह मस्तिष्क ज्वर जैसी एक समस्या थी, जिसके कारण वह बधिर व अंधी हो गईं । सात वर्ष की उम्र तक वह इशारों से ही अपनी बात लोगों को समझाती थीं। 1886 में उनके माता-पिता उन्हें एक मशहूर विशेषज्ञ को दिखाने ले गए। विशेषज्ञ ने उन्हें एलेक्जेंडर ग्राहम बेल से मिलवाया, जो तब गूंगे-बहरे बच्चों के लिए काम कर रहे थे। अंतत: दक्षिणी बोस्टन स्थित पर्किस स्कूल ऑफ ब्लाइंड में हेलन को एक मार्गदर्शक मिलीं ऐनी, जिन्होंने 1887 से उनके घर पर उन्हें विधिवत शिक्षा दी। यह शिक्षण कार्यक्रम बेहद कारगर रहा।

कई वर्षो की मेहनत के बाद हेलन ब्रेललिपि में अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, ग्रीक और लैटिन जैसी भाषाओं में पारंगत हो गई। 1936 में ऐनी की मृत्यु के बाद हेलन और उनकी सेक्रेटरी थोंपसन ने दुनिया भर की यात्राएं कीं, ताकि दृष्टिहीनों की मदद हेतु आर्थिक कोष की स्थापना कर सकें। 1960 में थोंपसन की मृत्यु हो गई और एक नर्स विनी ने हेलन की देखभाल का जिम्मा लिया। वह अंतिम समय तक हेलन के साथ रहीं। हेलन ने मात्र 12 वर्ष की आयु में एक पुस्तक लिखी थी। 22 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी आत्मकथा 'द स्टोरी ऑफ माय लाइफ' लिखी। उन्होंने लगभग 12 किताबें लिखीं और जीवनपर्यत दृष्टिहीनों के लिए काम किया। सितंबर 1968 में उनकी मृत्यु हो गई। इससे पूर्व 1964 में उनके योगदान के लिए उन्हें स्वतंत्रता के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। हेलन कैलर आजीवन अपने जज्बे के दम पर कठिनाइयों को पर करती रहीं और अंतत: 1968 में अपने हौसलों के किस्से छोड़कर वे चिर विलीन हो गईं. आज उनकी जन्म-तिथि है, ऐसे में उनके जज्बे और हौसले का पुनीत स्मरण !!

23 टिप्‍पणियां:

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

अमेरिकी लेखिका, राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रवक्ता हेलन कैलर पहली दृष्टिहीन व बधिर व्यक्ति थीं, जिन्होंने अपने बुलंद हौसलों से कला स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
....बहुत अच्छी जानकारी दी आपने इनके हौसलों के बारे में..आभार.

Unknown ने कहा…

हेलन कैलर के बारे में प्रेरणादायी जानकारी..साधुवाद.

S R Bharti ने कहा…

हेलन ने मात्र 12 वर्ष की आयु में एक पुस्तक लिखी थी। 22 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी आत्मकथा 'द स्टोरी ऑफ माय लाइफ' लिखी। उन्होंने लगभग 12 किताबें लिखीं और जीवनपर्यत दृष्टिहीनों के लिए काम किया। ...Thats great.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

प्रेरक जानकारी

vandana gupta ने कहा…

बहुत बढिया जानकारी दी………………कल के चर्चा मंच पर ये पोस्ट होगी।

माधव( Madhav) ने कहा…

दुसरो के लिए प्रेरणा स्रोत

Dev ने कहा…

प्रेरणादायक जानकारी ....बहुत बढ़िया लेख .......बहुत बहुत आभार

KK Yadav ने कहा…

हेलन कैलर आजीवन अपने जज्बे के दम पर कठिनाइयों को पर करती रहीं ...वाकई सुन्दर प्रेरणा मिलती है इनसे. जन्मतिथि पर नमन.

Shyama ने कहा…

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला-सशक्तिकरण की दिशा में एक dridh व प्रेरक व्यक्तित्व हेलन कैलर के बारे में जानकर सुखद लगा.

Shahroz ने कहा…

वाकई लाजवाब. नई जानकारी मिली. अनुकरणीय महिला... सलाम.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही जीवट व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं हेलन कैलर ।

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

अले वाह, कित्ती महान थीं हेलन कैलर . हमें भी उनसे सीख लेनी चाहिए.

मन-मयूर ने कहा…

हौसला हो तो सब कुछ संभव है. प्रेरक पोस्ट. आकांक्षा जी को साधुवाद.

शरद कुमार ने कहा…

दृढ इच्छा शक्ति का प्रबल नमूना...काफी कुछ सीखने को मिला.

बेनामी ने कहा…

लाजवाब पोस्ट..

Akanksha Yadav ने कहा…

@ वंदना जी,

चर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा के लिए आभार !!

Akanksha Yadav ने कहा…

हेलन कैलर पर यह पोस्ट आप सभी को पसंद आई..मेरा सौभाग्य. अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें.

vandana gupta ने कहा…

आकांक्षा जी
आभार व्यक्त मत कीजिये………………आपकी पोस्ट इस लायक थी तो उसे तो अपने आप शामिल होना था।मेरा तो काम ही यही है हर नयी चीज़ को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर सकूँ।

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

ऐसे लोग ही समाज में प्रेरक होते हैं..शानदार पोस्ट.

शरद कुमार ने कहा…

अद्भुत...नई जानकारी पर रोचक..साधुवाद.

editor : guftgu ने कहा…

लाजवाब व्यक्तित्व...

raghav ने कहा…

ऐसी विभूति के बारे में जानकर अच्छा लगा. आपकी हर पोस्ट प्रेरक होती है.

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

एक प्रेरक प्रसंग का सुन्दर प्रस्तुतिकरण। आभार!