नव वर्ष की बेला सामने आकर खड़ी है. न जाने कितने विचार आते हैं, जाते हैं. कुछ खोया तो कुछ पाया. नए साल को लेकर तमाम आकांक्षाएं उभरने लगती हैं, उत्साह मानो दूना हो जाता है, प्रेम की सुनहली किरणें चारों तरफ अपनी रश्मियाँ बिखेरने लगती हैं. ऐसे में याद आती है सुभद्रा कुमारी चौहान की इक कविता- उल्लास. सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम से भला कौन अपरिचित होगा. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर लिखी उनकी अमर रचना ''बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी..." ने उन्हें जग प्रसिद्ध बना दिया. पर आज उनकी कविता उल्लास बार-बार मन में गूंज रही है. आप भी इसका आनंद लें और नव वर्ष का उल्लास के साथ स्वागत करें-
शैशव के सुन्दर प्रभात का
मैंने नव विकास देखा।
यौवन की मादक लाली में
जीवन का हुलास देखा।
जग-झंझा-झकोर में
आशा-लतिका का विलास देखा।
आकांक्षा, उत्साह, प्रेम का
क्रम-क्रम से प्रकाश देखा
जीवन में न निराशा मुझको
कभी रुलाने को आई।
जग झूठा है यह विरक्ति भी
नहीं सिखाने को आई।
अरिदल की पहिचान कराने
नहीं घृणा आने पाई।
नहीं अशान्ति हृदय तक अपनी
भीषणता लाने पाई !!
शैशव के सुन्दर प्रभात का
मैंने नव विकास देखा।
यौवन की मादक लाली में
जीवन का हुलास देखा।
जग-झंझा-झकोर में
आशा-लतिका का विलास देखा।
आकांक्षा, उत्साह, प्रेम का
क्रम-क्रम से प्रकाश देखा
जीवन में न निराशा मुझको
कभी रुलाने को आई।
जग झूठा है यह विरक्ति भी
नहीं सिखाने को आई।
अरिदल की पहिचान कराने
नहीं घृणा आने पाई।
नहीं अशान्ति हृदय तक अपनी
भीषणता लाने पाई !!
26 टिप्पणियां:
नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2011 की ढेरों मुबारकवाद !!!
कविता को हमारे साथ बांटने के लिए धन्यवाद..
नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है.
मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
इस सुन्दर रचना को हमसे बाटने के लिए साधुवाद . नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
प्रस्तुत कविता बहुत प्रेरक है.आप सब को भी नव-वर्ष मंगलमय हो.
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता के साथ सुंदर प्रस्तुति......नूतन वर्ष २०११ की आप को हार्दिक शुभकामनाये.
swanamdhany subhadra kumari chauhan ki rachna padhwane ke liye aabhar!
nav varsh mangalmay ho.
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
शैशव के सुन्दर प्रभात का
मैंने नव विकास देखा।
यौवन की मादक लाली में
जीवन का हुलास देखा।
...नए साल पर सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता पढवाने के लिए आभार. खूबसूरत भावाभिव्यक्तियाँ हैं...बधाई स्वीकारें.
New Day !
New Morning !
New hopes !
New plans !
New efforts !
New success &
New feelings....Wishing u all very-very Happy New Year-2011 !!
अन्न,धन,सुख-समृ्द्धि,उमंग,शांती,प्रेम एवं सौहार्द के नए रंग आपके जीवन में बहती रहे. नूतन वर्ष मंगलमय हो **
Subhadra Kumari Chauhan is my Fvt. Poetess.
बहुत सुंदर /
वीर रस की कवयित्री सुभ्रदा कुमारी चौहान जी को नमन
बहुत सुंदर कविता जी नये साल के स्वागत मे, हम भी नये साल की इंतजार मे हे.धन्यवाद
नववर्ष की ढेरों हार्दिक शुभभावनाएँ.
बहुत सुन्दर .
आपको और पूरे परिवार को नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनायें
आज भ्रष्टाचार का विकास चरम पर है
एक हिन्दी ब्लॉगर पसंद है
नये साल के उपलक्ष्य मे बेहतरीन रचना
आपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये
आशा का संचार करती सुन्दर पोस्ट!
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
नव वर्ष पर आप सभी को ढेर सारी बधाइयाँ.
very nice post nav varsh ki shubhkamnayen
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता के साथ सुंदर प्रस्तुति
आप सभी की शुभकामनाओं के लिए आभार !!
एक टिप्पणी भेजें