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बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

2009 ईसा पूर्व में लिखा गया दुनिया का पहला पत्र

हममें से हर किसी ने अपने जीवन में किसी न किसी रूप में पत्र लिखा होगा। पत्रों का अपना एक भरा-पूरा संसार है। दुनिया की तमाम मशहूर शख्सियतों ने पत्र लिखे हैं- फिर चाहे वह नेपोलियन हों, अब्राहम लिंकन, क्रामवेल, बिस्मार्क या बर्नाड शा हों। महात्मा गाँधी तो रोज पत्र लिखा करते थे. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को आज भी रोज 4000 से ज्यादा पत्र प्राप्त होते हैं.आज ये पत्र एक धरोहर बन चुके हैं।

ऐसे में यह जानना अचरज भरा लगेगा कि दुनिया का सबसे पुराना पत्र बेबीलोन के खंडहरों से मिला था, जो कि मूलत: एक प्रेम-पत्र था. बेबीलोन की किसी युवती का प्रेमी अपनी भावनाओं को समेटकर उससे जब अपने दिल की बात कहने बेबीलोन तक पहुँचा तो वह युवती तब तक वहां से जा चुकी थी। वह प्रेमी युवक अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और उसने वहीं मिट्टी के फर्श पर खोदते हुए लिखा-

''मैं तुमसे मिलने आया था, तुम नहीं मिली।''

यह छोटा सा संदेश विरह की जिस भावना से लिखा गया था, उसमें कितनी तड़प शामिल थी। इसका अंदाजा सिर्फ वह युवती ही लगा सकती थी जिसके लिये इसे लिखा गया। भावनाओं से ओत-प्रोत यह पत्र 2009 ईसा पूर्व का है और आज हम वर्ष 2011 में जी रहे हैं. ...तो आइये पत्रों के इस सफर का स्वागत करते हैं और अपने किसी को एक खूबसूरत पत्र लिखते हैं !!

- कृष्ण कुमार यादव

12 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत महत्वपूर्ण जानकारी...अद्भुत !!

Unknown ने कहा…

बहुत महत्वपूर्ण जानकारी...अद्भुत !!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

तब भी यही होता था...

जीवन और जगत ने कहा…

'मैं तुमसे मिलने आया था, तुम नहीं मिलीं।' इस एक वाक्‍य में प्रेमी ने अपनी सम्‍पूर्ण विरह पीड़ा को उड़ेल कर रख दिया है। आपके द्वारा दी गई यह जानकारी मेरे लिए नई है। इसके लिए आपका बहुत बहत धन्‍यवाद।

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

नई जानकारी,आभार.

Shyama ने कहा…

हम तो आज भी पत्र लिखते हैं. पत्रों की आत्मीय दुनिया बड़ी सुखद लगती है.

Shyama ने कहा…

दुनिया का पहला पत्र हम सभी के साथ शेयर करने के लिए के.के. जी और आकांक्षा जी का धन्यवाद.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

पत्रों की पुरानी दुनिया में खोना..लाजवाब !!

शरद सिन्हा ने कहा…

http://meri-avivyakti.blogspot.com/2011/10/blog-post_15.html

ise plzzz visit karen

Yadvendra Bhati ने कहा…

बहुत महत्वपूर्ण जानकारी

मन-मयूर ने कहा…

रोचक और दिलचस्प पत्र.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

यह छोटा सा संदेश विरह की जिस भावना से लिखा गया था, उसमें कितनी तड़प शामिल थी। इसका अंदाजा सिर्फ वह युवती ही लगा सकती थी जिसके लिये इसे लिखा गया।...SAhi likha.