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मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा क्यों ??


दीपावली को दीपों का पर्व कहा जाता है और इस दिन ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी एवं विवेक के देवता व विध्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली मूलतः यक्षों का उत्सव है। दीपावली की रात्रि को यक्ष अपने राजा कुबेर के साथ हास-विलास में बिताते व अपनी यक्षिणियों के साथ आमोद-प्रमोद करते। दीपावली पर रंग-बिरंगी आतिशबाजी, लजीज पकवान एवं मनोरंजन के जो विविध कार्यक्रम होते हैं, वे यक्षों की ही देन हैं। सभ्यता के विकास के साथ यह त्यौहार मानवीय हो गया और धन के देवता कुबेर की बजाय धन की देवी लक्ष्मी की इस अवसर पर पूजा होने लगी, क्योंकि कुबेर जी की मान्यता सिर्फ यक्ष जातियों में थी पर लक्ष्मी जी की देव तथा मानव जातियों में। कई जगहों पर अभी भी दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर की भी पूजा होती है। गणेश जी को दीपावली पूजा में मंचासीन करने में शैव-सम्प्रदाय का काफी योगदान है। ऋद्धि-सिद्धि के दाता के रूप में उन्होंने गणेश जी को प्रतिष्ठित किया। यदि तार्किक आधार पर देखें तो कुबेर जी मात्र धन के अधिपति हैं जबकि गणेश जी संपूर्ण ऋद्धि-सिद्धि के दाता माने जाते हैं। इसी प्रकार लक्ष्मी जी मात्र धन की स्वामिनी नहीं वरन् ऐश्वर्य एवं सुख-समृद्धि की भी स्वामिनी मानी जाती हैं। अतः कालांतर में लक्ष्मी-गणेश का संबध लक्ष्मी-कुबेर की बजाय अधिक निकट प्रतीत होने लगा। दीपावली के साथ लक्ष्मी पूजन के जुड़ने का कारण लक्ष्मी और विष्णु जी का इसी दिन विवाह सम्पन्न होना भी माना गया हैै।

ऐसा नहीं है कि दीपावली का सम्बन्ध सिर्फ हिन्दुओं से ही रहा है वरन् दीपावली के दिन ही भगवान महावीर के निर्वाण प्राप्ति के चलते जैन समाज दीपावली को निर्वाण दिवस के रूप में मनाता है तो सिक्खों के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की स्थापना एवं गुरू हरगोविंद सिंह की रिहाई दीपावली के दिन होने के कारण इसका महत्व सिक्खों के लिए भी बढ़ जाता है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस को आज ही के दिन माँ काली ने दर्शन दिए थे, अतः इस दिन बंगाली समाज में काली पूजा का विधान है। यह महत्वपूर्ण है कि दशहरा-दीपावली के दौरान पूर्वी भारत के क्षेत्रों में जहाँ देवी के रौद्र रूपों को पूजा जाता है, वहीं उत्तरी व दक्षिण भारत में देवी के सौम्य रूपों अर्थात लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा माँ की पूजा की जाती है।


सभी ब्लागर्स को दीप-पर्व पर अनंत शुभकामनाएं. आप सब ऐसे ही ब्लागिंग में नित रचनात्मक दीये जलाते रहें !!

-आकांक्षा यादव

10 टिप्‍पणियां:

Anita ने कहा…

ज्योति पर्व पर एक सुंदर जानकारी पूर्ण पोस्ट... शुभ दीपावली !

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति |

दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मुझे तो दीपावली बहुत अच्छी लगती है..सभी लोग मुझे इस पर्व पर अपना आशीर्वाद दें.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुंदर जानकारी!
दीपपर्व की शुभकामनाएं!

shikha varshney ने कहा…

इस सम्पूर्ण जानकारी के लिए आभार.
दीपोत्सव की अशेष शुभकामनायें आपको.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छी जानकारी मिली ..

दीपावली की शुभकामनायें

udaya veer singh ने कहा…

ज्योति पर्व की बहुत -२ बधाईयाँ , सुन्दरसृजन को , सम्मान ....मंगलमय हो दीपावली ../

Sushil Bakliwal ने कहा…

ज्ञानवर्द्धक जानकारी.
दीपपर्व की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित...

Urmi ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/