![](http://2.bp.blogspot.com/-nU2qP5TPshY/UIdmFrkyPqI/AAAAAAAABQ0/3ZF6_LT6l80/s400/bi_dussehra_08_sep_22_162502%255B1%255D.jpg)
दशहरे से पूर्व हर वर्ष शारदीय नवरात्र के समय मातृरूपिणी देवी नवधान्य सहित पृथ्वी पर अवतरित होती हैं- क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री रूप में मां दुर्गा की लगातार नौ दिनांे तक पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के अंतिम दिन भगवान राम ने चंडी पूजा के रूप में माँ दुर्गा की उपासना की थी और मांँ ने उन्हें युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया था। इसके अगले ही दिन दशमी को भगवान राम ने रावण का अंत कर उस पर विजय पायी, तभी से शारदीय नवरात्र के बाद दशमी को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है और आज भी प्रतीकात्मक रूप में रावण-पुतला का दहन कर अन्याय पर न्याय के विजय की उद्घोषणा की जाती हेै।
दशहरे की परम्परा भगवान राम द्वारा त्रेतायुग में रावण के वध से भले ही आरम्भ हुई हो, पर द्वापरयुग में महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध भी इसी दिन आरम्भ हुआ था। पर विजयदशमी सिर्फ इस बात का प्रतीक नहीं है कि अन्याय पर न्याय अथवा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी बल्कि यह बुराई में भी अच्छाई ढूँढ़ने का दिन होता है।
आप सभी को विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !!
4 टिप्पणियां:
आप सबको भी विजयादशमी की शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
♥(¯*•๑۩۞۩~*~विजयदशमी (दशहरा) की हार्दिक शुभकामनाएँ!~*~۩۞۩๑•*¯)♥
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
विजयदशमी सिर्फ इस बात का प्रतीक नहीं है कि अन्याय पर न्याय अथवा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी बल्कि यह बुराई में भी अच्छाई ढूँढ़ने का दिन होता है..Great Words !
आप सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
एक टिप्पणी भेजें