जो काम तलवार नहीं कर सकती, वह कलम कर सकती है। दुनिया में हुई क्रांतियों में लेखनी की अहम भूमिका रही है। मौजूदा समाज में जो स्थिति महिलाओं की है, उसे बदलने में भी शब्द अहम भूमिका निभा सकते हैं । आज का ब्लॉग ’शब्द शिखर’ नारी के प्रति लोगों की सोच में बदलाव की बात करता है। इसमें ब्लॉगर ने समाज में नारी की स्थिति को लेकर मन में चल रहे द्वंद को शब्दों में उतारा है। महिलाओं की हालिया स्थिति में परिवर्तन की मांग को जोर-शोर से उठाया गया है।
’शब्द शिखर’ ब्लॉग पर हुई पोस्ट्स से पता चलता है कि ब्लॉगर महिलाओं की स्थिति बदलना चाहती हैं। उन्होंने अपने तरकश में बाणों की जगह शब्दों को रखा है, जिससे वह समाज के लोगों की दकियानूसी सोच को बदल सकें। ब्लॉग पर महिलाओं से जुडे़ विभिन्न मुद्दों पर अपलोड किए गए लेख और कविताओं से नारी सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। ज्यादातर पोस्ट्स में महिलाओं, बच्चों व सामाजिक सरोकरों का विचार-विमर्श है, जो लोगों को जागरूक करने का प्रयास है।
’शब्द शिखर’ ब्लॉग की पोस्ट ’पाकिस्तान में अब महिला उड़ाएगी लड़ाकू विमान’ में पाकिस्तान की आयशा फारूक को बदलाव की लहर की तरह प्रस्तुत किया है। इसमें लिखा है कि वक्त के साथ बहुत से पैमाने बदल जाते हैं। जिन रूढि़यों को समाज ढो रहा है, वे दरकती नजर आती हैं। यही वजह है कि अब पाक में भी महिला लड़ाकू विमान उड़ाने जा रही है।
एक पोस्ट में माँ की महिमा का बखान है। इसमें बताया गया है कि माँ एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें सिर्फ अपनापन व प्यार होता है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बेटी की अहमियत कविता के माध्यम से परिभाषित की हैं।
-आर्यन शर्मा
(6 जुलाई 2013 को पत्रिका के साप्ताहिक स्तंभ me.next के नियमित स्तंभ web blog में शब्द शिखर की चर्चा)
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