चुनाव का माहौल है। हर राजनैतिक दल अपना घोषणा पत्र जारी कर रहा है। यह अलग बात है कि ये घोषणा पत्र कभी भी पूरे नहीं होते। इनमें कुछ अच्छी बातें होती हैं, कुछ सब्जबाग और कुछेक सपने मात्र। पर लोकतंत्र की यही खूबी है, जनता इन्हीं पैमानों के आधार पर लोगों को चुनती है और वक़्त के साथ बदल भी देती है।
यदि मुझे अपना घोषणा पत्र जारी करना हो तो, निम्न बिंदुओं पर जोर दूँगी और आशा करुँगी कि सभी सम्बंधित राजनैतिक दल और उम्मीदवार अपने को इस कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे-
1- सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी।
2-भ्रष्टाचार और लाल फीताशाही के उन्मूलन हेतु शासन-प्रशासन में पारदर्शिता, सशक्त लोकपाल, प्रभावी सिटिज़न चार्टर और आईटी के अनुप्रयोग द्वारा जन सेवाओं को लोगों के द्वार तक पहुँचाना।
3-महंगाई, बेरोजगारी पर रोकथाम।
4-नारी सुरक्षा और सशक्तीकरण। विधायिका में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण।
5-बाल श्रम का उन्मूलन और हर बच्चे को शिक्षा।
6-कानून-व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण कर अपराधमुक्त समाज की स्थापना।
7-देश की भाषाओँ, बोलियों, साहित्य, कला, संस्कृति, विरासत और धरोहरों का संरक्षण।
8- साम्प्रदायिकता की आड़ में देश की बहुल सांस्कृतिक एकता को छिन्न-भिन्न करने पर रोकथाम और सामाजिक सद्भाव में अभिवृध्दि।
आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास पर भी जोर।
9- समाज के वंचित वर्गों को विशेष अवसर द्वारा देश के विकास में सहभागी बनाना।
10- सभी देशों के साथ समानता के स्तर पर कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापना।
आकांक्षा यादव,
(लेखिका और न्यू मीडिया एक्टिविस्ट)
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