जब से ब्लॉग राइटिंग का ट्रेंड शुरू हुआ है, लोगों की लेखन में दिलचस्पी बढ़ गई है। कुछ लोग कभी-कभार अपने ब्लॉग पर पोस्ट करते हैं तो कुछ ऐसे भी हैं, जो ब्लॉग को नियमित रूप से अपडेट करते रहते हैं । इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि ब्लॉग ने उन लोगों को लिखने का मंच दिया हैं, जिनके मन में विचार तो कुलबुलाते रहते थे, लेकिन उन्हें अभिव्यक्त करने का कोई जरिया उनके पास नहीं था । ऐसे में ब्लॉग उनके लिए एक वरदान के रूप में सामने आया । यही वजह है कि अब वे ब्लॉग पर रोजमर्रा के छोटे–मोटे अनुभवों को साझा करने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय, राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों पर भी बेबाक राय प्रकट कर रहे हैं । जिन्हें कहानी, कविताएँ, गीत, गज़ल, नज़्म, आदि लिखने का शौक है, वे भी अपनी रचनाओं को ब्लॉग के माध्यम से दूसरों तक पहुँचा रहे हैं ।
आज जो ब्लॉग चुना है, उसकी ब्लॉगर आकांक्षा यादव भी ब्लॉगिंग में काफी सक्रिय हैं। वे अपने ब्लॉग ‘शब्द-शिखर’ पर हर छोटे-बड़े फ़ेस्टिवल्स पर कविताएँ लिखती हैं तो समाज से जुड़े विषयों पर भी अपनी राय प्रकट करती हैं। यही नहीं, देश-विदेश की कई छोटी-बड़ी खबरों को भी ब्लॉग पर साझा करती हैं। ब्लॉग पर नज़र डालें तो ‘वे कैसे लोग होते हैं, जो बम बनाते हैं, उनसे बेहतर तो वो कीड़े होते हैं, जो रेशम बनाते हैं !!’ जैसी पंक्तियाँ लोगों को एक नई राह दिखाती हैं और भाईचारे से रहने का संदेश देती हैं। फ़ेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग के बेटी के जन्म की खुशी में शेयर्स दान करने की घोषणा, राजनीति में बढ़ती महिलाओं की भागीदारी, अब महिलाएं भी उड़ाएंगी लड़ाकू विमान जैसी खबरों को भी ब्लॉगर ने प्रमुखता से साझा किया है। बिना लाग–लपेट के सुलभ भाव-भंगिमा से जीवन की सच्चाई को बयां करने को वे अपनी लेखनी की शक्ति मानती हैं।
ब्लॉग का पता है - http://shabdshikhar.blogspot.in/
-आर्यन शर्मा
(21 फ़रवरी, 2016 को राजस्थान पत्रिका के साप्ताहिक स्तंभ me.next के नियमित स्तंभ web blog में 'शब्द शिखर' की चर्चा। इससे पूर्व भी इसी कॉलम में 6 जुलाई 2013 को 'बदलाव की एक लहर' शीर्ष से 'शब्द-शिखर' ब्लॉग की चर्चा की जा चुकी है। .... आभार !!)
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