कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 58 वर्षीय अर्चना रामासुंदरम फिलहाल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की निदेशक हैं। उन्हें अगले साल 30 सितंबर को उनके सेवानिवृत्त होने तक एसएसबी प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया है। एसएसबी पर नेपाल और भूटान से लगे देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
तमिलनाडु कैडर की अधिकारी अर्चना रामासुंदरम 2014 में उस समय खबरों में रहीं थीं, जब उन्हें सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गयी थी, जिसके बाद उन्हें एनसीआरबी का प्रमुख बना दिया गया था।
अर्चना रामासुंदरम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद की रहने वाली हैं। उनके पिता जयपुर में न्यायिक सेवा में कार्यरत थे। अर्चना के मुताबिक अगर वह एक साधारण परिवार से उठकर पुलिस के शीर्ष पद तक पहुंच सकती हैं तो कोई भी लड़की यह काम कर सकती है।अर्चना का मानना है कि यह एक सच्चाई है कि वह इस स्तर तक पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ महिला होने के नाते वह इस स्तर तक पहुंची हैं। इसके लिए वह पूरे कैरियर में कठिन समय से भी
गुजरी हैं। उनके पति तमिलनाडु से हैं और उसी कैडर में आईएसएस अधिकारी रहे हैं। रामसुंदरम 1980 बैच की केरल कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। अर्चना रामासुंदरम ने कहा कि अब हरेक स्तर पर आम राय है कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागेदारी बढ़े। यह युवा लड़कियों के आगे आने का सुनहरा दौर है। उन्हें उनके पिता ने आईपीएस बनने के लिए खूब प्रोत्साहित किया था। अपने पुश्तैनी शहर बलिया का जिक्र करते हुए रामसुंदरम के कहा कि वहां की आज की लड़कियों को देख कर लगता है कि उन्हें भी कैरियर के सभी विकल्प आजमाने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
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