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मंगलवार, 26 जनवरी 2016

गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई


 जब हम तिरंगे के नीचे खड़े होते हैं
तो हमारे ऊपर बस एक झंडा नहीं होता,

हमारे ऊपर होते हैं 121 करोड़ धड़कते दिल,

और वो सारे चेहरे
जो कभी हमने देखे हैं,

हमारे ऊपर होते हैं
वो कुछ मुट्ठी भर लोग
जिनकी वजह से आज हम
आजाद हवा में सांस लेते है,

और कुछ सपने
कुछ हसरतें,
जो जनम लेती हैं
उसी तिरंगे तले

ये तीन रंग के कपड़े का बस एक टुकड़ा भर नहीं है
ये तिरंगा दरअसल एक ज़िंदा इतिहास है,

एक इतिहास
जो धड़कते दिलों के एहसासों से लिखा गया है।

तभी तो किसी ने बहुत खूबसूरती से लिखा है -

ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता !
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता !!


67 वें गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें !!
जय हिन्द ! जय भारत !!

- आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर 
Akanksha Yadav @ http://shabdshikhar.blogspot.in/

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