साहित्यकारों, लेखकों, कवियों या तमाम विधाओं के रचनाकारों से उनका बायोडाटा मंगाकर उन्हें सम्मानित करने की बहुत पुरानी परम्परा रही है। परन्तु, यदि कोई आपसे यह कहे कि आपकी रचनाओं को बिना आपका नाम बताये देश के तमाम शहरों में सुनाया गया और श्रोताओं ने उन्हें पसंद कर कार्ड दिए तो सुनकर अच्छा लगता है। ऐसा ही अनूठा प्रयास देश भर में मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच (मगसम), भारत वर्ष द्वारा किया जा रहा है, जिसे कि स्थापित मंचीय कवियों के समानांतर एक नई सोच खड़ी करने के लिए सराहा जा रहा है।
पिछले दिनों मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच (मगसम) के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुधीर सिंह सुधाकर ने सूचित किया कि देश भर में हमारी रचनाओं के पाठ के दौरान श्रोताओं द्वारा एक हजार से ज्यादा ग्रीन कार्ड मिले हैं और कई रचनाओं को तो एक ही दिन में सौ से ज्यादा ग्रीन कार्ड मिले हैं। इसी आधार पर मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच (मगसम) द्वारा हमें 7 जुलाई, 2017 को जोधपुर के होटल चंद्रा इन में आयोजित समारोह में ''रचना प्रतिभा सम्मान'' और ''शतकवीर सम्मान'' से सम्मानित किये जाने का निर्णय लिया गया है। खैर, अपनी अस्वस्थता के चलते हमारा यह सम्मान पतिदेव श्री कृष्ण कुमार यादव जी ने ग्रहण किया।
कृष्ण कुमार यादव जी को भी देश भर में उनकी रचनाओं के पाठ के दौरान श्रोताओं द्वारा श्रेष्ठता आधार पर, ''रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान'', और ''शतकवीर सम्मान'' से सम्मानित किया गया। इस सद्भावना के लिए मगसम का आभार!
यह सम्मान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-कथाकार श्री रविदत्त मोहता, वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिदास व्यास, सेवानिवृत्त न्यायधीश श्री मुरलीधर वैष्णव और मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुधीर सिंह सुधाकर ने प्रदान किये। सम्मान स्वरुप श्रीफल, शाल, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। रचना का कद रचनाकार से सदैव बड़ा होता है, ऐसे में अपनी रचनाओं को सम्मानित किये जाने से हम अभिभूत हैं ।
मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच (मगसम) के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुधीर सिंह सुधाकर ने बताया कि मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच संस्था देश भर के विभिन्न शहरों में रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करवाती है और इस दौरान श्रोताओं द्वारा रचना को हरा, पीला और लाल कार्ड देकर वोट किया जाता है। एक ही दिन में 1,00 से अधिक ग्रीन वोट पाने वाले रचनाकारों को 'शतकवीर सम्मान' से सम्मानित किया जाता है। इसके अलावा क्रमश: 1,000, 2000, 3,000 और 5,000 से अधिक ग्रीन (श्रेष्ठ) वोट पाने वाले रचनाकारों को क्रमशः 'रचना प्रतिभा सम्मान', 'रचना रजत प्रतिभा सम्मान', 'रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान' और 'लाल बहादुर शास्त्री साहित्य रत्न सम्मान' से उन्हीं के शहर में जाकर सम्मानित किया जाता है।
इसी क्रम में जोधपुर से 20 रचनाकारों को सम्मानित किया गया। इनमें राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं एवं चर्चित साहित्यकार व् ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव को 'रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान', सेवानिवृत्त न्यायधीश एवं वरिष्ठ साहित्यकार मुरलीधर वैष्णव को 'रचना रजत प्रतिभा सम्मान', चर्चित ब्लॉगर-साहित्यकार आकांक्षा यादव को 'रचना प्रतिभा सम्मान' एवं कवि व् समालोचक डॉ. रमाकांत शर्मा, मदन मोहन परिहार, हबीब कैफ़ी, हरिप्रकाश राठी, डॉ. पद्मजा शर्मा, डॉ. जेबा रशीद, पुष्पलता कश्यप, बसंत कुमार, भानु मित्र, अनिल अनवर, अक्षय गोजा, अर्जुन देव चारण, मनशाह नायक, दिनेश सिंदल, खुर्शीद खैराडी को 'शतकवीर सम्मान' से सम्मानित किया गया।
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