शिक्षक दिवस पर सभी को बधाईयाँ। जिस विभूति के नाम पर यह दिवस मनाया जाता है, उन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा को एक मिशन माना था और उनके मत में शिक्षक होने का हकदार वही है, जो लोगों से अधिक बुद्धिमान व विनम्र हो। अच्छे अध्यापन के साथ-साथ शिक्षक का अपने छात्रों से व्यवहार व स्नेह उसे योग्य शिक्षक बनाता हैै। मात्र शिक्षक होने से कोई योग्य नहीं हो जाता बल्कि यह गुण उसे अर्जित करना होता है। उनका मानना था कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे। उनके यह शब्द समाज में शिक्षकों की सही भूमिका को दिखाते हैं- ’’शिक्षक का काम सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सामाजिक परिस्थितियों से छात्र को परिचित कराना भी होता है।’’ ..... आज जरूरत है उस भावना को आत्मसात करने की, तभी शिक्षक दिवस फलीभूत होगा !! -आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर
शिक्षक दिवस पर लेख : गुरु-शिष्य की बदलती परंपरा (आकांक्षा यादव)
शिक्षक दिवस पर लेख : गुरु-शिष्य की बदलती परंपरा (आकांक्षा यादव)
शिक्षक दिवस पर लेख : प्रकाश स्तंभ हैं शिक्षक (आकांक्षा यादव)
शिक्षक दिवस पर लेख : शिक्षकों की भूमिका व कर्तव्यों पर पुनर्विचार जरूरी (आकांक्षा यादव)
शिक्षक दिवस पर लेख :देश-समाज के लिए प्रकाश स्तंभ की भांति हैं शिक्षक (आकांक्षा यादव)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें