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गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

राष्ट्रीय सहारा में ‘शब्द शिखर‘ ब्लॉग की चर्चा

'शब्द शिखर' पर 5 फरवरी 2009 को प्रस्तुत लेख 'अभी से चढ़ने लगा वेलेण्टाइन-डे का खुमार‘ को प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा‘ ने 11 फरवरी 2009 को अपने परिशिष्ट ‘आधी दुनिया‘ के ‘बिन्दास ब्लॉग' में स्थान दिया! इससे पूर्व इस ब्लाग को अमर उजाला एवं आई-नेक्स्ट जैसे प्रतिष्ठित दैनिक पत्रों ने भी स्थान दिया है। ....... आभार!!!

21 टिप्‍पणियां:

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

'शब्द शिखर' पर प्रस्तुत लेख 'अभी से चढ़ने लगा वेलेण्टाइन-डे का खुमार‘ को प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा‘ ने अपने परिशिष्ट ‘आधी दुनिया‘ के ‘बिन्दास ब्लॉग' में स्थान दिया!....वाह आकांक्षा जी ! मुबारक हो. आपका ब्लॉग वाकई बिंदास है.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

'शब्द शिखर' यूँ ही आगे बढ़ता रहे.....!!!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

आकांक्षा जी ! आपकी लेखनी में दम है, तभी तो आपके ब्लॉग और आपकी रचनाओं की चर्चा हो रही है."युवा" ब्लॉग की तरफ से आपको ढेरों बधाइयाँ.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

अच्छे लेखन की सदैव चर्चा होती है....शुभकामनायें .

Unknown ने कहा…

हम तो वैसे भी आपकी रचनाधर्मिता के कायल हैं.सुबह-सुबह राष्ट्रीय-सहारा में आपके ब्लॉग की चर्चा देखकर सुखद अनुभूति हुयी.

बेनामी ने कहा…

....अनुपम, जानकर बड़ा सुन्दर लगा.

Bhanwar Singh ने कहा…

अमर उजाला, आई-नेक्स्ट और अब राष्ट्रीय सहारा में चर्चा....जितनी भी बधाई दूं, कम होगी.

KK Yadav ने कहा…

Many-Many Copngratulations.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

इस उपलब्धि पर आपको बधाई आकांक्षा जी....आपको अभी काफी आगे जाना है.

Akanksha Yadav ने कहा…

आप सभी के प्रोत्साहन और स्नेह हेतु आभारी हूँ.

ilesh ने कहा…

Congratulations.....

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत बहुत बधाई....

महेंद्र मिश्र.... ने कहा…

बधाई आकांक्षा जी

महेंद्र मिश्र.... ने कहा…

बधाई आकांक्षा जी

विष्णु बैरागी ने कहा…

बधाइयां। अभिनन्‍दन।
ब्‍लाग छा जाएगा आने वाले समय में, आने वाले समय पर।

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…

कालचक्र पर आगमन का आभारी हूँ | शब्द शिखर की ''सुख्याति'' की बधाई ," लोक चेतना में स्वाधीनता की लय " पोस्ट के लिए शुभकामनाएं | anyonasti-kabeeraa , तथा anyonasti-chaupaal.blogspot.com पर भी आने की सोचें

सुजाता ने कहा…

बहुत खूब आकांक्षा, मुबारक हो!बिन्दास कहना जारी रहे!

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

Ek bar fir se vinamra anurodh
यदि अथर्ववेद में समाहित प्रेम गीतों को भी आप स्थान दे पातीं तो और बेहतर होता.

Akanksha Yadav ने कहा…

@Rashmi Singh!
I will try...Thanks for ur support.

Tan ने कहा…

मैं आज बहोत खुश हूँ आपकी ब्लॉग पर आके... किसी पत्रिका में आपकी ब्लॉग की चर्चा इस बात को साबित करता है के आपसे बहोत कुछ सिखानीय है... मैं आपसे ब्लॉग टेम्पलेट को लेकर कुछ बातें करना चाहता हूँ ... ज़रूर बताइए कैसे आपसे संपर्क कर सकता हूँ ... धन्यबाद...

संजय भास्‍कर ने कहा…

इस उपलब्धि पर आपको बधाई आकांक्षा जी....आपको अभी काफी आगे जाना है