बारिश का मौसम हो और भुट्टे (मक्का) की चर्चा न हो तो बात अधूरी लगती है। सड़क के किनारे खड़े होकर ठेले से भुट्टा लेने की बात याद आते ही उसकी सोधी खुशबू और भुट्टे पर बड़े मन से लगाये गये नीबू-नमक का अंदाज ही निराला होता है। पीले रंग का भुट्टा देखते ही अभी भी दिल मचल जाता है। वस्तुतः भुट्टे में कैरोटीन की मौजूदगी के कारण यह पीला होता है। भुट्टे (मक्का) को गरीबों का भोज्य पदार्थ भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है तथा खनिज और विटामिन जैसे पोटेशियम, फासफोरस, आयरन और थायसीन जैसे तत्व भी होते हैं। वैसे भी विश्व में गेहूँ के बाद सबसे ज्यादा उत्पादन मक्के का ही होता है। इतिहास में झांके तो मक्के के उत्पादन की शुरूआत मैक्सिको में वहाँ के मूल निवासियों द्वारा 10,000 वर्ष पूर्व की गई थी।
उद्योगों में मक्के (भुट्टे) के प्रचुर इस्तेमाल और इसकी फूड वेल्यू के कारण मक्का विश्व की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। भुट्टे को खाने का अंदाज निराला है और इसमें कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। भुट्टा स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमन्द है। भुट्टे में एंटी आॅक्सीडेंट की अधिकता होती है, साथ ही इसके दानों को पकाने से फूलिक एसिड मिलता है जो शरीर की कैंसर से लड़ने की क्षमता को मजबूत करता है। भुट्टे से बनने वाला ऐसे में इसके सेवन से हृदय रोगों व कैंसर की संभावना कम हो जाती है। कार्न आयल कोलेस्ट्राल कम करने में मद्दगार होता है, अतः हृदय रोगियों हेतु काफी फायदेमन्द होता है। इस कार्न आयल में पाली अंसतृप्त फैटी एसिड (55 प्रतिशत), मोनो अंसतृप्त फैटी एसिड (32प्रतिशत) होता है। पर भुट्टा सबके लिए मुफीद भी नहीं होता क्योंकि इसमें ग्लाइकेमिक इंडेक्स (ब्लड शुगर बढ़ाने की क्षमता वाला तत्व) की मात्रा ज्यादा होती है, अतः डायबिटीज के रोगियों को इससे ज्यादा दिल नहीं लगाना चाहिए।
तो चलिए बारिश के मौसम में भुट्टे का मजा लेते हैं !!!
40 टिप्पणियां:
तो चलिए बारिश के मौसम में भुट्टे का मजा लेते हैं....Bahut sundar bat batai apne.Lajwab Post.
Wah! Munh men pani aa gaya.
आपने आखिर मुँह में पानी ला ही दिया।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सड़क के किनारे खड़े होकर ठेले से भुट्टा लेने की बात याद आते ही उसकी सोधी खुशबू और भुट्टे पर बड़े मन से लगाये गये नीबू-नमक का अंदाज ही निराला होता है।...Kya kahne apke.Nice Post..Thanks !!
ललचा दिया !!
भुट्टा मुझे भी बहुत भाता है. सोधी खूशबू दूर से ही ललचा देती है
achchhi jankaari
नागपुर मे एक तालाब के किनारे की पूरी सड़क पर भुट्टे के ठेले लगते है।बेचने वाले अधिकांश रीवा मध्यप्रदेश के हैं लेकिन वंहा देसी भुट्टे नही मिलते बल्कि अमेरिकन कार्न ज्यादा बिकते हैं।पढ कर ही चख लिया भुट्टों का स्वाद्।
वाकई भुट्टों की मजेदार बातें बताई आपने...कभी खाने का न्योता भी दीजिए.
वाकई भुट्टों की मजेदार बातें बताई आपने...कभी खाने का न्योता भी दीजिए.
अजी आपने बारिश के साथ ही भुट्टों की याद ताजा कर दी...पहले बाजार जाकर दो-चार भुट्टे खा लूं, फिर आराम से कमेन्ट लिखता हूँ.
वाह भुट्टा! आह भुट्टा!! आगे कुछ नहीं कहूँगा...मुँह में भुट्टा जो दबाये हूँ.
बारिश का मौसम में भुट्टे की याद और साथ ही इतनी सारी जानकारी-बहुत आभार!!
बहुत ही अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने. आभार.
गुलमोहर का फूल
vah
pile pile bhutto ko dekhar mja aa gya .aur apne vistar se jankari aor bhutte ke fayde bhi bata diye .
badhai
vaise rajsthan aur madhy prdesh me bhutto ke kai vynjan bnaye jate hai
jisme 'bhutte ka kees' to idor bajar me barho mhine milta hai .
भुट्टो के बारें में इतनी जानकारी.... वाह...
चलिए अब तो हम भी चले भुट्टे खाने... फिर मिलेंगे.
भुट्टा मुझे पसन्द है,
परन्तु शुगर के कारण खाने मे डर लगता है।
पढ कर ही चख लिया भुट्टों का स्वाद्।
बधाई।
bahut hi acchi jankaari di aapne, bahut hi saarthak lekh,
badhai...
वाह बहुत बढ़िया पोस्ट! मुझे भुट्टा बेहद पसंद है! देखकर तो मुँह में पानी आ गया!
हाँ जी भुट्टे खाने के लिये ही तो मैने नये दाँत लगवाये हैं बडिया जानकारी आभार्
भुट्टा तो किसी भी मौसम में चलेगा ..!!!
क्या याद दिलाया आपने :))
हार्दिक शुभ कामनाएं !
अच्छा है अंदाज़े-बयाँ।
सुस्वागतम्।
बारिश में भुट्टा ना खाया तो क्या जिया ... पर आजकल देशी भुट्टे कहा मिल रहे ? यहाँ सूरत में भी हर जगह अमेरिकन भुट्टे ही मिलते है , इसमें वो स्वाद , वो सोंधी खुशबू कहा ?
Bahut sundar rachana..really its awesome...
Regards..
DevSangeet
भुट्टा अच्छा लगा..
बहुत काम की जानकारी दी है आपने भुट्टे के बारे में...यहाँ लोनावला में पहाड़ की चोटी पर जो भुट्टा खाने वो मिलता है वो इतना मीठा होता है की उसके सामने चीनी भी फीकी लगती है...अब जब भुट्टे के इतने गुण समझ में आ गए हैं तो इसे खूब खाऊँगा...
नीरज
बहुत सुंदर लिखा आप ने इस भूट्टे के बारे, हम तो है भी पंजाब से इस लिये खुब भुट्टॆ खाते है.आप का धन्यवाद
is jaankaari ke liye shukriya....vaiese ham to iske moodeed hain hi....!!sach...!!
Wah! Munh men pani aa gaya. or dimag bhi khul gaya
bhut sundar rachna or bahter jankari
छोटी-छोटी बातों से बतकही कैसी की जाती है, हम सभी आपसे सीख सकते हैं...
Your blog is very nice. Yesterday we enjoyed butta with my mom and my son. I was glad to see Siddharth eating butta for the first time. Nice post!
Thanks for the visit tp my blog, do visit again!!
मैं भुट्टे की खोज में निकल रही हूं...पहली बार उसे इतिहास की नजर से देखूंगी...मजा और महत्व का सुख एक साथ। अच्छा लगा आपका ब्लाग। अब नियमित आना होगा।
बारिश तो हो .....भुट्टा कामजा तो बारिश में ही लेना चाहिए
बारिश और भुट्टे का संग अच्छा लगता है ..
मगर इतनी अच्छी और ज्ञानवर्धक पोस्ट पर आपने सूखा भुट्टा का फोटो क्यों लगा रखा है ?
जौनपुर से कुछ ताजे भुने भुट्टे मंग्वाये न !
bhutte khane ka maja बारिश ke mousam m,ein ही jyaada ata है............ sundar jaankaari है आपके blog par
bahut sundar!!!!!!!! jankari se bhari
rachna.........
भुट्टे का नाम सुनते ही तमाम बातें याद आने लगती हैं...यादों तो ताजा करने के लिए आभार.
भुट्टे का नाम सुनते ही तमाम बातें याद आने लगती हैं...यादों तो ताजा करने के लिए आभार.
मुझे याद है पिताजी हमारे घर के अधूरे बने दो कमरों में भुट्टे का पेड़ लगाने को कहते थे और फिर अपने हाथ के बोये भुट्टे को बरसात में नमक-नींबू और मिर्च के साथ खाना, आनंद आता था। अब न वो मिट्टी रही है और न वो स्वाद। खैर आपने महत्वपूर्ण जानकारी दी। आज ही खरीदूंगा और खाउंगा।
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