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शनिवार, 29 अगस्त 2009

दस साल का हुआ ब्लॉग

ब्लागिंग का आकर्षण दिनो-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। जहाँ वेबसाइट में सामान्यतया एकतरफा सम्प्रेषण होता है, वहीं ब्लाग में यह लेखकीय-पाठकीय दोनों स्तर पर होता है। ब्लाग सिर्फ जानकारी देने का साधन नहीं बल्कि संवाद का भी सशक्त माध्यम है। ब्लागिंग को कुछ लोग खुले संवाद का तरीका मानते हैं तो कुछेक लोग इसे निजी डायरी मात्र। ब्लाग को आक्सफोर्ड डिक्शनरी में कुछ इस प्रकार परिभाषित किया गया है-‘‘एक इंटरनेट वेबसाइट जिसमें किसी की लचीली अभिव्यक्ति का चयन संकलित होता है और जो हमेशा अपडेट होती रहती है।‘‘

वर्ष 1999 में आरम्भ हुआ ब्लाग वर्ष 2009 में 10 साल का सफर पूरा कर चुका है। गौरतलब है कि पीटर मर्होत्ज ने 1999 में ‘वी ब्लाग‘ नाम की निजी वेबसाइट आरम्भ की थी, जिसमें से कालान्तर में ‘वी‘ शब्द हटकर मात्र ‘ब्लाग‘ रह गया। 1999 में अमेरिका में सैनफ्रांसिस्को में इण्टरनेट में ऐसी अनुपम व्यवस्था का इजाद किया गया, जिसमें कई लोग अपनी अभिव्यक्तियां न सिर्फ लिख सकें बल्कि उन्हें नियमित रूप से अपडेट भी कर सकें। यद्यपि कुछ लोग ब्लाग का आरम्भ 1994 से मानते हैं जब एक युवा अमेरिकी ने अपनी अभिव्यक्तियाँ नियमित रूप से अपनी वेबसाइट में लिखना आरम्भ किया तो कुछ लोग इसका श्रेय 1997 में जान बारजन द्वारा आरम्भ की गई वेबलाग यानी इण्टरनेट डायरी को भी देते हैं। पर अधिकतर लोग ब्लाग का आरम्भ 1999 ही मानते हैं। ब्लाग की शुरूआत में किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ब्लाग इतनी बड़ी व्यवस्था बन जायेगा कि दुनिया की नामचीन हस्तियां भी अपनी दिल की बात इसके माध्यम से ही कहने लगेंगी। आज पूरी दुनिया में 13.3 करोड़ से ज्यादा ब्लागर्स हैं तो भारत में लगभग 32 लाख लोग ब्लागिंग से जुड़े हुए हैं।

ब्लागिंग का क्रेज पूरे विश्व में छाया हुआ है। अमेरिका में सवा तीन करोड़ से ज्यादा लोग नियमित ब्लागिंग से जुडे़ हुए हैं, जो कि वहां के मतदाताओं का कुल 20 फीसदी हैं। इसकी महत्ता का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2008 में सम्पन्न अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान इस हेतु 1494 नये ब्लाग आरम्भ किये गये। तमाम देशों के प्रमुख ब्लागिंग के माध्यम से लोगों से रूबरू होते रहते हैं। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति सरकोजी और उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी से लेकर ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद तक शामिल हैं। भारत में राजनेताओं में लालू प्रसाद यादव, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला तो फिल्म इण्डस्ट्री में अभिताभ बच्चन, शाहरूख खान, आमिर खान, मनोज बाजपेई, प्रकाश झा इत्यादि के ब्लाग मशहूर हैं। साहित्य से जुड़ी तमाम हस्तियां-उदय प्रकाश, गिरिराज किशोर, विष्णु नागर अपने ब्लाग के माध्यम से पाठकों से रूबरू हो रहे हैं। सेलिबे्रटी के लिए ब्लाग तो बड़ी काम की चीज है। परम्परागत मीडिया उनकी बातों को नमक-मिर्च लगाकर पेश करता रहा है, पर ब्लागिंग के माध्यम से वे अपनी वास्तुस्थिति से लोगों को अवगत करा सकते हैं।
आज ब्लाग परम्परागत मीडिया का एक विकल्प बन चुका है। ब्लाग सिर्फ राजनैतिक-साहित्यिक-सांस्कृतिक-कला-सामाजिक गतिविधियों के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि, तमाम कारपोरेट ग्रुप इसके माध्यम से अपने उत्पादों के संबंध में सर्वे भी करा रहे हैं। वास्तव में देखा जाय तो ब्लाग एक प्रकार की समालोचना है, जहाँ पाठक आपके गुण-दोष दोनों को अभिव्यक्त करते हैं।
 
-आकांक्षा यादव

22 टिप्‍पणियां:

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

Achhi jankari di apne...badhai.

Chandan Kumar Jha ने कहा…

बहुत सुन्दर आलेख....अच्छी जानकारी.

Akhilesh Shukla ने कहा…

bahot hi upogai jankari hai. apki poems maini KATHA CHAKRA mai bhi published ki hai.
Akhilesh Shukla

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जानकारी के लिए आभार!

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

Bahut khoob ...umda jankari di aapne ....!!

Deep Jagdeep Singh ने कहा…

ho sake to jaankari den hindi me kitni blogs ab tak ban chuke hain.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अच्छी जानकारी.आभार।

Arshia Ali ने कहा…

BAHUR BAHUT BADHAYEE.
( Treasurer-S. T. )

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत शानदार जानकारी दी आपने.

रामराम.

बेनामी ने कहा…

Jay ho bloggars ki !!

अनूप शुक्ल ने कहा…

ब्लाग भैये को जन्मदिन मुबारक!

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

ये एकदम नई बात बताई आपने....ब्लॉग महाराज 10 साल में ही बड़ों-बड़ों को अपना दीवाना बना चुके हैं.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

ये एकदम नई बात बताई आपने....ब्लॉग महाराज 10 साल में ही बड़ों-बड़ों को अपना दीवाना बना चुके हैं.

KK Yadav ने कहा…

वर्ष 1999 में आरम्भ हुआ ब्लाग वर्ष 2009 में 10 साल का सफर पूरा कर चुका है। गौरतलब है कि पीटर मर्होत्ज ने 1999 में ‘वी ब्लाग‘ नाम की निजी वेबसाइट आरम्भ की थी, जिसमें से कालान्तर में ‘वी‘ शब्द हटकर मात्र ‘ब्लाग‘ रह गया।....Blog ke udbhav ke bare men lajwab jankari !!

Arvind Mishra ने कहा…

अच्छा लिखा है आपने !

Arshia Ali ने कहा…

BAHUT BAHUT BADHAAYEE.
( Treasurer-S. T. )

शरद कोकास ने कहा…

उदय प्रकाश जी से प्रेरित होकर साहित्यिक बिरादरी के एक सदस्य होने के नाते मैने भी अपना ब्लॉग प्रारम्भ किया और इसकी सम्प्रेषणीयता को देखते हुए इसका विस्तार किया फलस्वरूप अब तक मेरे 5 ब्लॉग हो चुके है जिन पर मै नियमित रूप से लिख रहा हूँ । यह आगे चलकर अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम होगा इसमे कोई सन्देह नहीं -शरद कोकास ,दुर्ग छ.ग.

Unknown ने कहा…

बेहतरीन जानकारी....दस साल में ही ब्लागस्पाट ने काफी ख्याति अर्जित कर ली.

S R Bharti ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
S R Bharti ने कहा…

फ़िलहाल मेरे लिए एकदम नई जानकारी...बेहतरीन पोस्ट के लिए साधुवाद.

Shyama ने कहा…

बहुत शानदार जानकारी दी आपने...आभार।

Bhanwar Singh ने कहा…

Behad sargarbhit prastuti.