आपका समर्थन, हमारी शक्ति

शुक्रवार, 17 सितंबर 2010

एक वृक्ष देता है 15.70 लाख के बराबर सम्पदा

वृक्ष हैं तो जीवन है। वृक्षों के बिना धरती बंजर है। वृक्ष न सिर्फ धरती के आभूषण हैं बल्कि मानवीय जीवन का आधार भी हैं। वृक्ष हमें प्रत्यक्ष रूप से फल-फूल, चारा, कोयला, दवा, तेल इमारती लकड़ी के साथ जलाने की लकड़ी इत्यादि प्रदान करते हंै। वृक्ष से हमें वायु शुद्धीकरण, छाया, पशु प्रोटीन, आक्सीजन के अलावा भी कुछ ऐसी चीजें मिलती हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए हमें लाखों रूपये 15 लाख 70 हजार खर्च करने पड़ते। एक वृक्ष अपने जीवनकाल में जितनी वायु को शुद्ध करता है उतनी वायु को अप्राकृतिक रूप अर्थात मशीन से शुद्ध किया जाय तो लगभग 5 लाख रूपये खर्च करना पड़ेगा। इसी तरह वृक्ष छाया के रूप में 50 हजार, पशु-प्रोटीन चारा के रूप में 20 हजार, आक्सीजन के रूप में 2.5 लाख, जल सुरक्षा चक्र के रूप में 5 लाख एवं भूमि सुरक्षा के रूप में 2.5 लाख के साथ हमारे स्वस्थ जीवन के लिए कुल 15 लाख 70 हजार रूपये का लाभ पहुँचाता है।

पर आज का मानव इतना निष्ठुर हो चुका है कि वृक्षों के इतने उपयोगी होने के बाद भी थोड़े से स्वार्थ व लालच में उन्हें बेरहमी से काट डालता है। उसे यह भी याद नहीं रहता कि हमारे पूर्वजों ने वृक्षों को संतान की संज्ञा देते हुए इन्हें धरती का आभूषण बताया है। जरूरत है कि लोग इस मामले पर गम्भीरता से सोचें एवं संकल्प लें कि किसी भी शुभ अवसर पर वे वृक्षारोपण अवश्य करेंगे अन्यथा वृक्षों के साथ-साथ मानव-जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।

23 टिप्‍पणियां:

शिक्षामित्र ने कहा…

देर से ही,जागरुकता बढ़ रही है। समेकित प्रयास की ज़रूरत है। काम अनवरत जारी रहे तभी हम भावी पीढियों के लिए रहने लायक धरती छोड़ पाएंगे।

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बड़ी अच्छी जानकारी मिली...सचेत करती पोस्ट.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बड़ी अच्छी जानकारी मिली...सचेत करती पोस्ट.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

जरूरत है कि लोग इस मामले पर गम्भीरता से सोचें एवं संकल्प लें कि किसी भी शुभ अवसर पर वे वृक्षारोपण अवश्य करेंगे अन्यथा वृक्षों के साथ-साथ मानव-जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।...सार्थक सोच...साधुवाद.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

जरूरत है कि लोग इस मामले पर गम्भीरता से सोचें एवं संकल्प लें कि किसी भी शुभ अवसर पर वे वृक्षारोपण अवश्य करेंगे अन्यथा वृक्षों के साथ-साथ मानव-जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।...सार्थक सोच...साधुवाद.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

जरूरत है कि लोग इस मामले पर गम्भीरता से सोचें एवं संकल्प लें कि किसी भी शुभ अवसर पर वे वृक्षारोपण अवश्य करेंगे अन्यथा वृक्षों के साथ-साथ मानव-जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।...सार्थक सोच...साधुवाद.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वृक्ष धरा के हैं शृंगार!
इनके बिन जीवन दुश्वार!

SAKET SHARMA ने कहा…

बिलकुल सही कहा आपने..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

लोगों को शीघ्र समझ आयेगा।

Rohit Singh ने कहा…

जबरदस्त जानकारी साथ में जागरुकता बढ़ाने वाली एक अत्यंत जरुरी पोस्ट। वादा रहा पांच पेड़ का।

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छा आलेख...जागरुकता जरुरी है.

Urmi ने कहा…

बिल्कुल सही लिखा है आपने! बहुत बढ़िया जानकारी मिली! आभार!

ZEAL ने कहा…

अच्छी जानकारी मिली...सचेत करती पोस्ट.

संजय भास्‍कर ने कहा…

बड़ी अच्छी जानकारी मिली...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

अच्छी जानकारी

शरद कोकास ने कहा…

अगर रुपयोँ मे कीमत न भी आँकें तो वृक्ष अनमोल हैं । अच्छी प्रस्तुति ।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

जानकारी के लिए आभार।
................
खूबसरत वादियों का जीव है ये....?

KK Yadav ने कहा…

वृक्ष छाया के रूप में 50 हजार, पशु-प्रोटीन चारा के रूप में 20 हजार, आक्सीजन के रूप में 2.5 लाख, जल सुरक्षा चक्र के रूप में 5 लाख एवं भूमि सुरक्षा के रूप में 2.5 लाख के साथ हमारे स्वस्थ जीवन के लिए कुल 15 लाख 70 हजार रूपये का लाभ पहुँचाता है।....जबरदस्त लेखा -जोखा..पर सचेत भी हो गए.

Unknown ने कहा…

शोधपरक जानकारी...इसका सभी को ख्याल रखना होगा.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

वृक्ष हैं तो जीवन है। वृक्षों के बिना धरती बंजर है। वृक्ष न सिर्फ धरती के आभूषण हैं बल्कि मानवीय जीवन का आधार भी हैं...Satk vishleshan.

Shahroz ने कहा…

पर आज का मानव इतना निष्ठुर हो चुका है कि वृक्षों के इतने उपयोगी होने के बाद भी थोड़े से स्वार्थ व लालच में उन्हें बेरहमी से काट डालता है।

raghav ने कहा…

Imp. Post.

Satish Saxena ने कहा…

आपके लेखों में विविधता पसंद आयी , आज बहुत सारे जीव ( वृक्ष ) आपको आभार दे रहे हैं !