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शुक्रवार, 18 मार्च 2011

बैंगन जी की होली


टेढे़-मेढे़ बैंगन जी
होली पर ससुराल चले
लुढ़क-लुढ़क जाते हर पल
एक मुसीबत पाल चले.

उनकी पत्नी भिण्डी जी
बनी-ठनी तैयार मिलीं
हाथ पकड़ करके उनका
स्वागत में घर पार चलीं.

ससुरा कद्दू देख उन्हें
रेड लाइट को लांघ चले
टेढे़-मेढे़ बैंगन जी
होली पर ससुराल चले.

उछल पड़ीं बल्लियों तभी
लौकी सास निहाल हुईं
तब तक मिर्ची साली जी
मिलने को फिलहाल चलीं.

रंग भरी पिचकारी ले
जीजा जी पर झपट पड़ीं
बैंगन जी भी थाली में
इधर-उधर बदहाल चले।
टेढ़े-मेढ़े.......!!


कृष्ण कुमार यादव
!! होली पर्व पर आप सभी को रंग भरी शुभकामनायें !!

13 टिप्‍पणियां:

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

आनंद मयी कविता के साथ होली का सुन्दर वर्णन बहुत अच्छा रहा. आप सब को होली मुबारक हो.

शेखचिल्ली का बाप ने कहा…

खामोशी भी और तकल्लुम भी ,
हर अदा एक क़यामत है जी
@ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
हा हा हा sss हा हा हा हा ssss

http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रंगे रंगाये बैगन जी।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर!
--
मस्त फुहारें लेकर आया,
मौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
--
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Sunil Kumar ने कहा…

बैगन अर्थात बिना गुण का और उस पर रंग जमाये ...
होली के सुअवसर पर आप और आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत शानदार.

होली पर्व की घणी रामराम.

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

बैंगन जी की बहुत ही सुंदर होली . ....होली की हार्दिक शुभकामनायें

Shah Nawaz ने कहा…

वाह! बेहतरीन!!!

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बैंगन जी की होली तो बहुत मजेदार रही..हा..हा..हा..

Shahroz ने कहा…

देर से आने के लिए माफ़ी..होली की असीम मुबारकवाद.

Shyama ने कहा…

हा..हा..हा..मजेदार. ..खूब रंग आया जी.

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

WAH WAH..MZA AA GYA...ATI SUNDAR