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सोमवार, 15 अगस्त 2011

क्या है आजादी का मतलब ??

आज स्वतंत्रता दिवस है. पर क्या वाकई हम इसका अर्थ समझते हैं या यह छलावा मात्र है. सवाल दृष्टिकोण का है. इसे समझने के लिए एक वाकये को उद्धृत करना चाहूँगीं-

देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद में कुम्भ मेले में घूम रहे थे। उनके चारों तरफ लोग जय-जयकारे लगाते चल रहे थे। गाँधी जी के राजनैतिक उत्तराधिकारी एवं विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र के मुखिया को देखने हेतु भीड़ उमड़ पड़ी थी। अचानक एक बूढ़ी औरत भीड़ को तेजी से चीरती हुयी नेहरू के समक्ष आ खड़ी हुयी-’’नेहरू! तू कहता है देश आजाद हो गया है, क्योंकि तू बड़ी-बड़ी गाड़ियों के काफिले में चलने लगा है। पर मैं कैसे मानूं कि देश आजाद हो गया है? मेरा बेटा अंग्रेजों के समय में भी बेरोजगार था और आज भी है, फिर आजादी का फायदा क्या? मैं कैसे मानूं कि आजादी के बाद हमारा शासन स्थापित हो गया हैं।‘‘ नेहरू अपने चिरपरिचित अंदाज में मुस्कुराये और बोले-’’ माता! आज तुम अपने देश के मुखिया को बीच रास्ते में रोककर और ’तू‘ कहकर बुला रही हो, क्या यह इस बात का परिचायक नहीं है कि देश आजाद हो गया है एवं जनता का शासन स्थापित हो गया है।‘‘ इतना कहकर नेहरू जी अपनी गाड़ी में बैठे और आजादी के पहरूओं का काफिला उस बूढ़ी औरत के शरीर पर धूल उड़ाता चला गया।

आजादी की यही विडंबना है कि हम नेहरू अर्थात आजादी व लोकतंत्र के पहरूए एवं बूढ़ी औरत अर्थात जनता दोनों में से किसी को भी गलत नहीं कह सकते। दोनों ही अपनी जगहों पर सही हैं, अन्तर मात्र दृष्टिकोण का है। गरीब व भूखे व्यक्ति हेतु आजादी और लोकतंत्र का वजूद रोटी के एक टुकड़े में छुपा हुआ है तो अमीर व्यक्ति हेतु आजादी और लोकतंत्र का वजूद अपनी शानो-शौकत, चुनावों में अपनी सीट सुनिश्चित करने और अंततः मंत्री या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था की चेयरमैनशिप पाने में है। यह एक सच्चायी है कि दोनों ही अपनी वजूद को पाने हेतु कुछ भी कर सकते हैं। भूखा और बेरोजगार व्यक्ति रोटी न पाने पर चोरी की राह पकड़ सकता है या समाज के दुश्मनों की सोहबत में आकर आतंकवादी भी बन सकता है। इसी प्रकार अमीर व्यक्ति धन-बल और भुजबल का प्रयोग करके चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित कर सकता है। यह दोनों ही लोकतान्त्रिक आजादी के दो विपरीत लेकिन कटु सत्य हैं।


परन्तु इन दोनों कटु सत्यों के बीच आजादी कहाँ है, संभवतः यह आज भी एक अनुत्तरित प्रश्न है ?...फ़िलहाल आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !!

15 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
HAPPY INDEPENDENCE DAY!

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

आप सभी को आजाद भारत की हर साँस मुबारक हो...

हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें।
ब्लॉगर्स मीट वीकली 4 में आप सादर आमंत्रित हैं।
बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने
कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के लिए अपने
विचार आपस में साझा कर सकें। इसमें बिना किसी भेदभाव के हरेक आय और हरेक आयु के
ब्लॉगर्स सम्मानपूर्वक शामिल हो सकते हैं। ब्लॉग पर आयोजित होने वाली मीट में
वे ब्लॉगर्स भी आ सकती हैं / आ सकते हैं जो कि किसी वजह से अजनबियों से रू ब रू
नहीं होना चाहते।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

udaya veer singh ने कहा…

बधाईयाँ स्वतंत्रता दिवस की ,अच्छा दृष्टान्त है जिसको उधृत किया है , आज खंडहर/ढांचा प्राप्त है ,सजाना हमारा काम है , कितना आत्मबल लेकर अच्छा शिल्पकार साबित होते हैं ,यह अब हमारे ऊपर है , ......./ शुभकामनायें /

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सार्थक आलेख, पता नहीं बोलना लोकतंत्र है कि नौकरी पाना।

Shahroz ने कहा…

स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.

Shahroz ने कहा…

स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.

सुज्ञ ने कहा…

नेहरू के कथन में प्रस्तुत आज़ादी, क्या पर्याप्त आज़ादी है?

वाकई विचारणीय है!!

Vandana Ramasingh ने कहा…

विचारणीय पोस्ट बहुत बढ़िया

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

@@भूखा और बेरोजगार व्यक्ति रोटी न पाने पर चोरी की राह पकड़ सकता है या समाज के दुश्मनों की सोहबत में आकर आतंकवादी भी बन सकता है। इसी प्रकार अमीर व्यक्ति धन-बल और भुजबल का प्रयोग करके चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित कर सकता है। यह दोनों ही लोकतान्त्रिक आजादी के दो विपरीत लेकिन कटु सत्य हैं। .........
एकदम सही कह रही हैं आप.आभार.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

आजादी की यही विडंबना है कि हम नेहरू अर्थात आजादी व लोकतंत्र के पहरूए एवं बूढ़ी औरत अर्थात जनता दोनों में से किसी को भी गलत नहीं कह सकते। ..Jwalant bat kahi apne.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
HAPPY INDEPENDENCE DAY!

Jennifer ने कहा…

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जीवन और जगत ने कहा…

आजादी का मतलब है सभी लोग अपनी थोड़ी-थोड़ी आजादी का बलिदान करें ताकि सभी लोग अपनी अपनी आजादी का इस्‍तेमाल आजादी से कर सकें।