निर्भया को 3 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला । कानून की आड़ में नाबालिग बलात्कारी जेल से रिहा हो गया । मोमबत्तियां जलती रहीं, बयानबाजी होती रही, न्यायिक सक्रियता से लेकर मन की बात होती रही, बेटी बचाओ जैसे जुमले हवा में तैरते रहे....पर सब मिलकर भी एक बलात्कारी को जेल के अंदर नहीं रख सके। और जब तक संसद ने कानून पास किया, तब तक काफी देर हो चुकी थी। ....निर्भया की माँ ने बहुत सही कहा कि जब बलात्कार करने वाला यह नहीं देखता कि सामने 5 साल की बच्ची है या 65 साल की बूढ़ी औरत...तो फिर कानून रेप करने वाले की उम्र क्यों देखता है ?
इसी बात पर पतिदेव कृष्ण कुमार जी के फेसबुक वाल से भी कुछेक प्रासंगिक बातें -
सहिष्णुता-असहिष्णुता के नाम पर सैकड़ों सम्मान लौटा दिए गए, पर एक बिटिया निर्भया का गुनहगार छूट गया, किसी ने सरकारी सम्मान लौटाने की जहमत नहीं जुटाई। आख़िर कैसी संवेदनशीलता है यह।
सहमी सी हैं तितलियां सभी
खौफ में हर परिन्दा है
नकाब इन्सां का चेहरे पे
यहां हर शख्स दरिन्दा है
निर्भया माफ कर देना
कि हम बहुत शर्मिन्दा हैं
बेटियों घर से जरा
संभलकर निकलना
कि अभी निर्भया का
कातिल जिन्दा है !!
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