भारत की फिजाओं को सदा याद रहूँगा
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा !
आज चन्द्रशेखर 'आजाद' (23 जुलाई, 1906 - 27 फरवरी, 1931) की आज 110 वीं जयंती है। ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अत्यन्त सम्मानित और लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी रहे आज़ाद पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे महान क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। इलाहाबाद में उनका अंतिम समय गुजरा और यहीं की मिट्टी में उन्होंने अंतिम साँस ली। आज भी कंपनी गार्डेन में लगी उनकी भव्य मूर्ति उनके जीवन को प्रतिबिंबित करती है। वाकई वो अंत तक आज़ाद ही रहे।
चन्द्रशेखर 'आजाद' की जयंती पर शत-शत नमन !!
अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद की 27 फरवरी, 1931 की अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में पुलिस से हुई मुठभेड़ में प्रयुक्त पिस्तौल जो तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, इलाहाबाद सर जॉन नाट बावर के सौजन्य से प्राप्त हुई थी। इसे इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
!! स्वतंत्रता संग्राम के क्रन्तिकारी नायक चन्द्रशेखर आज़ाद जी की 110वीं जयंती पर उन्हें शत-शत नमन !!
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