(आज सुबह के समय घर के सामने लॉन में बैठी थी कि हमारी बिटिया अक्षिता ने कुछ तुकबंदी आरंभ कर दी. जब शब्दों पर गौर किया तो वह चाँद पे निकला पानी को लेकर अपनी धुन में गाए जा रही थी. बस बैठे-बैठे हमने भी अक्षिता के शब्दों को सहेज दिया और इस रूप में यह बाल-गीत प्रस्तुत है-)::)
नानी सुनाए कहानी,
कितनी अद्भुत बानी।
लेकर बैठी तकली,
चाँद पे बुढ़िया रानी।
चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
नानी सुनाए कहानी,
कितनी अद्भुत बानी।
लेकर बैठी तकली,
चाँद पे बुढ़िया रानी।
चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
24 टिप्पणियां:
वाह!! पूत के पांव पालने में दिख रहे हैं..जरुर एक दिन चाँद पर पानी पीने जायेगी और आकर कविता सुनायेगी. :)
बिटिया को आशीष!!
अक्षिता बिटिया की कविता बहुत सुंदर लगी
धन्यवाद
बहुत सुन्दर
अक्षिता को प्यार
वाह ....!
बहुत बढ़िया!
नन्ही साहित्यकारा अक्षिता बिटिया को बधाई!
बहुत सुन्दर बिटिया को बहुत बहुत आशीर्वाद
बहुत सुंदर तुकबंदी, बच्ची को प्यार.
रामराम.
har jagah hote he shbdo ke arth aour ek rachna...chahe vo bachcho me ho yaa boodo me/ chahiye use samajhna../ sameerji ne sahi kahaa he..akshita ke liye mere anekanek shubhaashish
कविता में कही कहानी
अछिता बड़ी सयानी
बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण रचना !
मेरे इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com
samir ji ne jo kaha main kahna chahta tha khair wo first aaye,
bitiya ko ashirwad.
अति सुन्दर. कभी कभी बच्चों के मुख से निकले शब्द यथार्थ में बदल जाते हैं.
अक्षिता को सदा प्रोत्साहित करें। इससे स्वयं को भी प्रोत्साहन मिलेगा ।
चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
....Beautiful Poem...Congts. to Akshita.
चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
....Beautiful Poem...Congts. to Akshita.
बहुत खूब....नई पीढी अब वाकई चाँद पर ही पानी पीने जायेगी...बधाई.
अक्षिता भी अपनी मम्मी-पापा की तरह साहित्य की ओर अग्रसर हैं....बधाई.
Akshita ne kavita me bahut badi bat kh di .anekanek ashirwad shubhkamnaye bitiya ko aur aapko bhi
बिटिया ने कापी राइट नहीं किया था क्या, खैर आपने उद्धरण दिया, यही बहुत.
भविष्य की इस गीतकार को नमन.
बढ़िया रही आपकी यह पोस्ट.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
वाह बिटिया ने तो अच्छा क्लू दिया..सुन्दर कविता.
bahut achchi kahani
chanp pe nikla pani
achcha laga sunkar
aaap ki jubani
badhai
नानी सुनाएँ कहानी
कविता बहुत सुंदर है .
...बहुत खूबसूरत भाव और शब्द. अक्षिता के मुंह में घी-शक्कर.
नजर ना लगे बिटिया को. सुन्दर बाल-गीत है.
अति सुन्दर. कभी कभी बच्चों के मुख से निकले शब्द यथार्थ में बदल जाते हैं.
एक टिप्पणी भेजें