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सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

चाँद पे निकला पानी

(आज सुबह के समय घर के सामने लॉन में बैठी थी कि हमारी बिटिया अक्षिता ने कुछ तुकबंदी आरंभ कर दी. जब शब्दों पर गौर किया तो वह चाँद पे निकला पानी को लेकर अपनी धुन में गाए जा रही थी. बस बैठे-बैठे हमने भी अक्षिता के शब्दों को सहेज दिया और इस रूप में यह बाल-गीत प्रस्तुत है-)::)

नानी सुनाए कहानी,
कितनी अद्भुत बानी।
लेकर बैठी तकली,
चाँद पे बुढ़िया रानी।

चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।

24 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

वाह!! पूत के पांव पालने में दिख रहे हैं..जरुर एक दिन चाँद पर पानी पीने जायेगी और आकर कविता सुनायेगी. :)

बिटिया को आशीष!!

राज भाटिय़ा ने कहा…

अक्षिता बिटिया की कविता बहुत सुंदर लगी
धन्यवाद

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर
अक्षिता को प्यार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाह ....!
बहुत बढ़िया!
नन्ही साहित्यकारा अक्षिता बिटिया को बधाई!

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर बिटिया को बहुत बहुत आशीर्वाद

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर तुकबंदी, बच्ची को प्यार.

रामराम.

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

har jagah hote he shbdo ke arth aour ek rachna...chahe vo bachcho me ho yaa boodo me/ chahiye use samajhna../ sameerji ne sahi kahaa he..akshita ke liye mere anekanek shubhaashish

अजय कुमार ने कहा…

कविता में कही कहानी
अछिता बड़ी सयानी

Urmi ने कहा…

बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण रचना !
मेरे इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

samir ji ne jo kaha main kahna chahta tha khair wo first aaye,

bitiya ko ashirwad.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अति सुन्दर. कभी कभी बच्चों के मुख से निकले शब्द यथार्थ में बदल जाते हैं.

शरद कोकास ने कहा…

अक्षिता को सदा प्रोत्साहित करें। इससे स्वयं को भी प्रोत्साहन मिलेगा ।

Unknown ने कहा…

चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
....Beautiful Poem...Congts. to Akshita.

Unknown ने कहा…

चाँद पे निकला पानी,
सुनकर हुई हैरानी।
बड़ी होकर जाऊँगी,
चाँद पे पीने पानी।
....Beautiful Poem...Congts. to Akshita.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बहुत खूब....नई पीढी अब वाकई चाँद पर ही पानी पीने जायेगी...बधाई.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

अक्षिता भी अपनी मम्मी-पापा की तरह साहित्य की ओर अग्रसर हैं....बधाई.

शोभना चौरे ने कहा…

Akshita ne kavita me bahut badi bat kh di .anekanek ashirwad shubhkamnaye bitiya ko aur aapko bhi

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

बिटिया ने कापी राइट नहीं किया था क्या, खैर आपने उद्धरण दिया, यही बहुत.
भविष्य की इस गीतकार को नमन.

बढ़िया रही आपकी यह पोस्ट.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

वाह बिटिया ने तो अच्छा क्लू दिया..सुन्दर कविता.

Nirbhay Jain ने कहा…

bahut achchi kahani
chanp pe nikla pani

achcha laga sunkar
aaap ki jubani

badhai

S R Bharti ने कहा…

नानी सुनाएँ कहानी
कविता बहुत सुंदर है .

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

...बहुत खूबसूरत भाव और शब्द. अक्षिता के मुंह में घी-शक्कर.

Shahroz ने कहा…

नजर ना लगे बिटिया को. सुन्दर बाल-गीत है.

संजय भास्‍कर ने कहा…

अति सुन्दर. कभी कभी बच्चों के मुख से निकले शब्द यथार्थ में बदल जाते हैं.