आजकल 'राजनीति' फिल्म चर्चा में है. कहा जा रहा है कि यह सोनिया गाँधी कि जिंदगी से प्रेरित है. बहुत पहले एक फिल्म आई थी - आंधी. इसे इंदिरा गाँधी के साथ-साथ तारकेश्वरी सिन्हा से भी प्रेरित बताया गया था. आज जब राजनीति में महिलाओं की भूमिका से लेकर फिल्म 'राजनीति' तक चर्चा में है, तो तारकेश्वरी सिन्हा की याद आना स्वाभाविक भी है. इनके बिना भारत की संसदीय राजनीति में महिला-शक्ति के परचम लहराने का इतिहास अधूरा है। तारकेश्वरी सिन्हा के लिए महिला होने का मतलब सिर्फ घर-गृहस्थी से नहीं, बल्कि देश चलाने से भी था। यही वजह है कि आज भी राजनीति की बात होती है, तो इनका नाम बेहद अदब के साथ जेहन और जुबान तक आता है.
तारकेश्वरी सिन्हा पहली लोकसभा की सबसे युवा सांसद रहीं. मात्र 26 साल की उम्र में सांसद के तौर पर शपथ लेने वाली तारकेश्वरी सिन्हा नेहरू मंत्रिमंडल में उप-वित्त मंत्री भी रहीं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि बिहार के बाढ़ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली तारकेश्वरी सिन्हा एक कवियत्री और अच्छी लेखिका भी थीं। उन्होंने अपनी यादों को सहेजकर कई संस्मरण भी लिखे। इनमें 'संसद में नहीं हूं, झक मार रही हूं' काफी लोकप्रिय रहा। यह संस्मरण उन्होंने लोकसभा चुनाव हारने के बाद लिखा। जब उनकी उम्र की लड़कियां सजने-संवरने में वक्त गंवा रही थीं, तारकेश्वरी सिन्हा 1942 के आंदोलन में कूद पड़ीं। तब उनकी उम्र सिर्फ 19 साल थी। फिर तो अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यही नहीं, तारकेश्वरी सिन्हा उन चंद लोगों में शामिल थीं, जिन्हें नालंदा में महात्मा गांधी की आगवानी करने का मौका मिला था।
कहते हैं कि तारकेश्वरी सिन्हा के घरवालों को उनकी राजनीति में बढ़ती दिलचस्पी पसंद नहीं थी और जब उन्होंने छपरा के एक जमींदार परिवार में शादी की, तो घरवालों को यह सोचकर सुकून मिला कि शादी के बाद तारकेश्वरी सिन्हा राजनीति से दूर हो जाएंगी, पर महत्वाकांक्षी तारकेश्वरी को राजनीति से अलगाव मंजूर नहीं था। फिर तो वह लगातार भारतीय राजनीति में आगे बढ़ती गई। दूसरे शब्दों में कहें तो युवा महिला शक्ति की अलख जगाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। इस बात की तस्दीक इससे भी हो जाती है कि मशहूर गीतकार गुलजार ने फिल्म 'आंधी' के मुख्य किरदार को इंदिरा गांधी के साथ-साथ तारकेश्वरी सिन्हा से भी प्रेरित बताया।
25 टिप्पणियां:
तारकेश्वरी सिन्हा के बारे में इतना कुछ हमें पता ही नही था ... बहुत शुक्रिया जानकारी का ...
jaankaari ke liye
dhnyvad
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
परसों ही इसका प्रिमियर देखा.
अच्छी जानकारी दी, आभार!!
कभी अवसर मिला तो हम भी जरूर देखेंगे!
बढ़िया जानकारी दी है ...
लम्बी.... मगर बहुत अच्छी व् शानदार पोस्ट....
अच्छी जानकारी दी आप ने, धन्यवाद
बहुत अच्छा विवेचन!
अच्छी पोस्ट !!
इस जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
यह प्रसन्नता का विषय है कि अब दमदार महिला चरित्रों वाली फिल्में फिरसे देखने लगी हैं।
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करे कोई, भरे कोई?
हाजिर है एकदम हलवा पहेली।
शायद कुछ लोगों को यह भी याद होगा कि तारकेश्वरी सिन्हा , इंदिरा गाँधी की प्रखर आलोचक रहीं.
कुछ भी हो , ऐसी महिलायों के कारण भारतीय राजनीति ही नहीं अपितु जनमानस में भी महिलाओं का क़द ऊंचा हुआ है
बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई! धन्यवाद!
अच्छे विषय को खूबसूरती से उभारा है आपने....
एक साथ फिल्म, राजनीति और फिल्मों के विषय में अपनी जानकारी दे दी आपने
आभार
तारकेश्वरी सिन्हा के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी पहली बार देखी..आभार.
राजनीति फिल्म हमें भी देखनी है.
हमें भी दोनों फ़िल्में देखनी हैं..
युवाओं ने हमेशा समाज को राह दिखाई है. तारकेश्वरी सिन्हा जी भारत की प्रथम युवा महिला सांसदों में शामिल हैं. उन्हें नमन.
वैसे आंधी का कमाल तो बहुत पहले देखा जा चुका है, अभी राजनीति के तेवर देखने बाकी हैं.
अच्छे विषय को खूबसूरती से उभारा है आपने.
तारकेश्वरी सिन्हा को वर्तमान 'राजनीति' से जोड़कर सुन्दर प्रस्तुति...आभार.
आकांक्षा जी, महिलाओं पर आपकी लेखनी प्रखरता से चलती है..साधुवाद.
तारकेश्वरी सिन्हा के तेवरों को भला कैसे भूला जा सकता है...उम्दा पोस्ट.
सही कहा आपने..तभी तो महिलाओं के लोकसभा में आरक्षण से भी लोग इतने डरते हैं.
तारकेश्वरी जी के बारे में जानकारी देने के लिए आभार !!!!!
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