प्रसिद्ध अभिनेत्री वहीदा रहमान को पुणे में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव :आईएफएफआई: के उद्घाटन समारोह में 20 नवम्बर को ‘साल के भारतीय फिल्म शख्सयित’ के पहले शताब्दी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सम्मान दिए जाते समय दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने 77 वर्षीय अभिनेत्री को भारतीय सिनेमा को दिए गए उनके अद्वितीय योगदान के लिए मंच पर सम्मानित किया.77 वर्षीय अभिनेत्री वहीदा रहमान को ‘गाइड’ और ‘साहब बीबी और गुलाम’ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है. वहीदा रहमान को वर्ष 1972 में पदमश्री और वर्ष 2011 में पदम भूषण से अलंकृत किया गया था. वहीदा रहमान को यह पुरस्कार सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जा रहा है. पांच सदस्यीय ज्यूरी ने इस पुरस्कार हेतु सर्वसम्मति से वहीदा रहमान के नाम का चयन किया.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस पुरस्कार का गठन किया है. इस सम्मान के तहत एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रमाण पत्र, एक पदक, एक शाल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. वर्ष 2013 से यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए फिल्मी दुनिया की हस्तियों को प्रत्येक वर्ष दिया जाना है. विदित हो कि भारतीय सिनेमा ने अपने स्थापना के 100 वर्ष 3 मई 2013 को पूरे किए, इसी दिन वर्ष 1913 में दादा साहेब फाल्के ने भारत की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र को रिलीज किया था.
वहीदा ने कहा कि वह यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाली पहली व्यक्ति बनकर बहुत खुश हैं. पुरस्कार पाने के बाद भावुक हुई वहीदा ने कहा, ‘‘मुझे इतना बड़ा सम्मान पाकर बहुत अच्छा लग रहा है. मैं निर्णायक मंडल का अभार व्यक्त करना चाहूंगी जिन्होंने मेरा नाम दिया. मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगी जिनके साथ अब तक मैंने काम किया है. मेरे निर्देशक, निर्माता, मेकअप आर्टिस्ट, टेक्नीशियन. मेरी अदभुत यात्रा के लिए आपका शुक्रिया.’’ वहीदा ने ‘प्यासा’, ‘गाइड’, ‘कागज के फूल’ और ‘साहब बीवी और गुलाम’ जैसी कई चर्चित फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभायी हैं. उन्हें एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रमाण पत्र, एक पदक :रजत मयूर:, शॉल और 10 लाख रपए नकद देकर सम्मानित किया गया.
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