उत्तर प्रदेश का गाजीपुर ज़िला अपनी तमाम शौर्य-गाथाओं के लिए जाना जाता है। वीर अब्दुल हमीद से लेकर जम्मू-कश्मीर के त्राल में शहीद हुए कर्नल मुनीन्द्र नाथ राय तक यहाँ की एक दीर्घ ओजस्वी परम्परा रही है। मूलतः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िला के डेढ़गाँवा ग्राम निवासी, 39 साल के मुनीन्द्र नाथ राय 42वीं राष्ट्रिय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) थे। उन्हें गुरुवार को दिल्ली कैंट में अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर हर आंख नम थी। शहीद कर्नल की बेटी ने बिलखते हुए पिता को सलामी देकर अंतिम श्रद्धांजलि दी। सलामी देते वक्त कर्नल राय की बेटी ने बहादुरी दिखाते हुए गोरखा राइफल्स का युद्धघोष 'होके के होई ना, होना ही परचा' अर्थात 'होगा कि नहीं होगा, होके ही रहेगा' बोला तो हर आंख छलक आई। बेटी की आँखों में आंसू, दिल में जज्बा ..... सलाम !!
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